देवर-भाभी विवाह अगर एक आदमी के कोई बेटा न हो और उसकी मौत हो जाए, तो यह रिवाज़ था कि उसका भाई उसकी विधवा से शादी करके अपने मरे हुए भाई का वंश चलाए। इस रिवाज़ को देवर-भाभी विवाह कहा जाता था। बाद में यह रिवाज़ मूसा के कानून में शामिल किया गया।—उत 38:8; व्य 25:5.