तंज़ानिया में रात्रि-मिलन
केन्या में यहोवा के साक्षियों के अंतर्राष्ट्रीय अधिवेशन के बाद, हमने उत्साहपूर्वक तंज़ानिया में अपनी व्यक्तिगत यात्रा शुरू की।
हमारा पहला ठहराव लेक मानयारा नैशनल पार्क था। हम विविध वन्यजीवन को देखकर चकित रह गए—नीले बंदर, इम्पाला, जंगली भैंसा, ज़ेबरा इत्यादि। एक ऐसे तालाब की दूसरी ओर देखने की कल्पना कीजिए जिसमें दरियाई घोड़े छितरे हुए हैं। दूसरी ओर आप एक जिराफ़ को चरते हुए, दूर घास के बीच शेर को और उसके पीछे अफ्रीकी हिरणों के एक झुंड को देखते हैं।
एँगोरोंगोरो ज्वालामुखी कुंड तक पहुँचने के बाद, हमने ज्वालामुखी कुंड (ढहकर गिरे हुए ज्वालामुखी के गड्ढे) में एक दिन की सैर के लिए एक गाइड और चार-पहियोंवाला वाहन किराए पर ले लिया। वह ऊबड़-खाबड़ सवारी हमें ज्वालामुखी कुंड के किनारे से उसके तल तक क़रीब ६०० मीटर नीचे ले आयी। क्या नज़ारा था! वन्यजीवन विशाल मैदान में चारों ओर फैला हुआ था। अफ्रीकी हिरणों के झुंड ऐसे घूम रहे थे मानो स्थानांतरण कर रहे हों। ज़ेबरा, दक्षिण अफ्रीकी हिरणों, थॉम्पसन और ग्रैंट चिंकारों की बहुतायत थी। एक ठहराव पर, एक अयाल-युक्त शेर हमारी गाड़ी की छाँव में आराम कर रहा था, इस बात से बेफ़िक्र कि हम उसके ठीक ऊपर गाड़ी से बाहर देख रहे थे। बाद में हम कुछ दूर काले गैंडे को और पास में जंगली हाथियों को पेड़ों से चरते हुए देखने के लिए रुके। जब हम अपनी गाड़ी में वापस किनारे की ओर जा रहे थे, तो हमने कितने सारे प्रभावशाली जानवरों को याद किया। क्या हम किसी को चूक गए थे?
जी हाँ, अफ्रीकी चीता। लेकिन उसे जंगल में देखने की आशा क़रीब-क़रीब एक सपना है। फ़ोटोग्राफर अरविन बाउअर ने कहा: “पर्यटक अत्यधिक उत्साह और परिश्रम से चीतों की खोज में रहते हैं, कम-से-कम कुछ हद तक इसलिए क्योंकि इन जानवरों को देख पाना बहुत ही मुश्किल है, फ़ोटो लेना तो दूर की बात है। ठेठ यात्राओं पर अधिकांश यात्रियों को चीते की झलक भी नहीं मिलती। मेरी १५ यात्राओं के दौरान, मैं ने कुल आठ चीते देखे हैं और सिर्फ़ एक को इतने क़रीब से देखा है कि उसका फ़ोटो निकाला जा सके।”—अंतर्राष्ट्रीय वन्यजीवन, अंग्रेज़ी।
अंधेरा होते-होते हमें एक और बात चिन्तित कर रही थी। लॉज में हमारा आरक्षण रद्द कर दिया गया था, इसलिए हमें आवास की खोज करनी थी। खोज करते हुए हम घुप अंधेरे में एक कच्चे रास्ते पर आ गए। अचानक आगे की सीट पर बैठे हम दोनों चौंक गए। एक धुँधला-सा साया उछलकर हमारी बत्तियों की किरणों के ठीक सामने आकर रुका। हम तुरंत रुक गए और आश्चर्य से हमारी साँसें रुक गयीं!
हमारे ठीक सामने एक बड़ा चीता खड़ा था! पीछे की सीट पर बैठेनेवालों को अगर यह किसी तरह प्रतिकूल अवस्था लग रही थी, तो वह उसी क्षण ख़त्म हो गयी। वह चीता तेज़ी से दायीं ओर सड़क के किनारे चला गया—और अचल हो गया। ऐसा लग रहा था कि वह वहाँ रोशनी में और हम सब की नज़रों के सामने शायद सोच रहा था, ‘मुझे क्या करना चाहिए? हमला करना चाहिए या इस अनजान “दुश्मन” से पीठ फेरकर झाड़ियों की ओर भागने की कोशिश करनी चाहिए?’
हमारा एक साथी, एड्रीयन इस खूबसूरत प्राणी के सबसे निकट था, जो शक्ति से तना हुआ और छलाँग लगाने के लिए तैयार था। “जल्दी, मुझे कैमरे का फ्लैश दो,” उसने अपने पूर्णतया स्वचलित कैमरे को लपकते वक़्त धीरे से कहा। पीछे बैठे लोगों ने फुसफुसाकर चेतावनी दी, “आवाज़ मत करो।” कैमरे को जल्द ही तैयार कर लिया गया और एक फ़ोटो ले लिया गया, लेकिन ऐसा लगा कि यह नाकाम हो गया क्योंकि फ्लैश गाड़ी के अंदर विक्षेपित हो गया। जब कैमरे की बैटरी पुन:चालित हो रही थी, एड्रीयन ने ध्यानपूर्वक अपनी खिड़की खोल दी। वह चीता एक हाथ की दूरी पर था, उसकी पूँछ का सिरा झटक रहा था, उसकी आँखें चमक रही थीं।
जैसे ही हमने दूसरा फ़ोटो लिया, उसने अपना निर्णय कर लिया। वह प्रतापी चीता लपककर झाड़ियों में चला गया और ओझल हो गया। हमारी गाड़ी के अंदर क्या ही ख़ुशी थी! एक अनुभव जिसे भुलाया नहीं जाना था, और ऐसा अनुभव जिसे बाद में गाइडों ने कहा कि अति विरल था। जब वह दूसरा फ़ोटो इतना अच्छा निकल आया, तो तंज़ानिया में उस रोमांचक रात्रि-मिलन की हमारी यादों को ताज़ा करने के लिए हमारे पास वह फ़ोटो था।