जहाँ अजनबियों की पहुनाई की जाती है
सितम्बर १९९४ में, मिशिगन, अमरीका से एक पुरुष ने लॆबनान, टॆनॆसी में यहोवा के साक्षियों की कलीसिया को लिखा। उन्होंने समझाया:
“जून ६, १९९३ रविवार के दिन मैं आपके जन भाषण और प्रहरीदुर्ग अध्ययन के लिए हाज़िर हुआ था। पहली बार मैंने किसी राज्यगृह में प्रवेश किया था, और मैं सभी मुस्कराते चेहरों से और मुझे दिखाए गए निष्कपट प्यार से सचमुच प्रभावित हुआ। मैं चंद मिनट देर से आया, और प्रवेश करने के बाद मैं अकेला बैठ गया। उसी पंक्ति में बैठे एक युवा दम्पति ने मुझे एक बाइबल और बाद में अध्ययन के लिए प्रहरीदुर्ग पत्रिका की एक प्रति दी।
“सभाओं के बाद आप में से अधिकांश लोगों ने मुझ से बात की, हाथ मिलाया, और मेरी भेंट को बहुत ही सुखद अनुभव बनाया। जब अन्त में मैंने आपका राज्यगृह छोड़ा, मैं अपने साथ तीन किताबें ले गया—बाइबल, वह सर्वश्रेष्ठ मनुष्य जो कभी जीवित रहा, और आप पृथ्वी पर परादीस में सर्वदा जीवित रह सकते हैं। उस रात मैंने सर्वदा जीवित रहना किताब का अधिकांश भाग पढ़ा, और मैंने अपने परमेश्वर का नया नाम, यहोवा, सीखा। . . .
“मैं आप सब को बताना चाहता हूँ कि एक बिलकुल अजनबी व्यक्ति के प्रति आपकी बढ़िया पहुनाई की मैंने कितनी क़दर की और ख़ासकर आपको यह बताना चाहता हूँ कि . . . मैंने जुलाई ९, १९९४ के दिन ७० साल की नाज़ुक उम्र में बपतिस्मा प्राप्त किया।”
यदि आप उनकी हार्दिक पहुनाई पाना चाहते हैं जिन्हें परमेश्वर की सेवा करने में आनन्द प्राप्त होता है, तो कृपया Watch Tower, H-58 Old Khandala Road, Lonavla 410 401, Mah. को, या पृष्ठ ५ पर दिए गए उपयुक्त पते पर लिखिए। वे आपका सम्पर्क आपके घर के निकट एक राज्यगृह से करा देंगे।