“ये इतनी बढ़िया रही हैं!”
“मैं ने हमेशा प्रहरीदुर्ग और सजग होइए! को पढ़ने का आनन्द उठाया है, लेकिन हाल के वर्षों में ये इतनी बढ़िया रही हैं कि उनका वर्णन करने के लिए विशेषण ढूँढना मुश्किल है। मैं अक्तूबर २२ और नवम्बर ८, १९९४ के सजग होइए! (अंग्रेज़ी) अंकों में प्रस्तुत की गयी जानकारी के लिए अपनी क़दरदानी ज़ाहिर करना चाहती थी। उन लेखों के शीर्षक थे, ‘जब धर्म युद्ध में पक्ष लेता है’ और ‘सारायेवो—१९१४ से १९९४ तक।’ बॉसनीया-सर्बिया-क्रोएशिया गृह युद्ध एक जटिल और दुःखद स्थिति है लेकिन एक क्रोएशियाई के नाते इस स्थिति के बारे में मैं गहरी भावनाएँ रखती हूँ। मैं विशेषकर उस तरीक़े की क़दर करती हूँ जिससे आपने इस संघर्ष के इतिहास का वर्णन किया और वर्ष १०५४ के साथ जुड़ी इसकी जड़ों का पता लगाया। इसने धर्म की भूमिका और उसके अन्तहीन प्रयासों को विशिष्ट किया जो इन राष्ट्रीय समूहों के बीच ज़्यादा विभाजनों और घृणा का कारण हुए हैं। दुःख की बात है, आज संसार स्वभाव से इन अच्छे लोगों में केवल बुराई ही देख सकता है। एक उलझी हुई स्थिति को समझने-योग्य बनाने के लिए फिर से शुक्रिया। [हस्ताक्षर] एम. के.”
सजग होइए! ने सुविचारित खोज और यथार्थ समाचार देने का नाम कमाया है। लेकिन यह एक ऐसी पत्रिका भी है जो परमेश्वर की प्रतिज्ञा पर आधारित एक शान्तिपूर्ण भविष्य की आशा देती है। पृथ्वी को अपने राज्य शासन के अधीन लाने की यह परमेश्वर की प्रतिज्ञा है।
अगर आप इस पत्रिका को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं, तो कृपया अपने क्षेत्र के यहोवा के साक्षियों से सम्पर्क कीजिए अन्यथा इस अंक के पृष्ठ ५ पर सूचीबद्ध उपयुक्त पते पर लिखिए।
[पेज 32 पर चित्र का श्रेय]
Right: Culver Pictures