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  • सजग होइए!–1997
सजग होइए!–1997
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एक मूल्यवान पत्रिका

लंदन की एक नर्स ने सजग होइए! के प्रकाशकों को निम्नलिखित टिप्पणी लिखी:

“एक दिन मैं अपनी नई पड़ोसन, जैकी से, वृद्धों के साथ अपने काम के बारे में बात कर रही थी। ‘मेरे पास कुछ पत्रिकाएँ हैं जिन्हें वे पढ़ना पसन्द करेंगे,’ उसने मुझे बताया। मैं काम पर उसकी पत्रिकाएँ ले गई और कॉफ़ी मेज़ पर उन्हें छोड़ दिया। दुबारा जाने पर मैंने ध्यान दिया कि पत्रिकाएँ इस्तेमाल की हुई लग रही थीं, यानी लोग उन्हें पढ़ रहे थे।

“बाद में मैंने अपनी नौकरी बदल ली और एक अस्पताल में काम करना शुरू कर दिया। मैंने अपनी पड़ोसन की कुछ पत्रिकाएँ वेटिंग रूम में रख दीं। फिर दोबारा मैं देख सकती थी कि उन्हें पढ़ा जा रहा था। एक सुबह जब मैं एक वृद्ध महिला के हाथ का इलाज कर रही थी, उसके पति ने कहा: ‘आपको कोई आपत्ति तो नहीं, मैंने आपके वेटिंग रूम से यह पत्रिका ली है। इसमें एक बहुत अच्छा लेख है जो मैं अपने बेटे को दिखाना चाहता हूँ।’

“वे पत्रिकाएँ मेरे लिए भी एक आशिष रही हैं। चूँकि मैं अब भी नर्सिंग में प्रशिक्षण पा रही हूँ, मैंने इन लेखों की जानकारी को अपने अनुसंधान पर्चों में इस्तेमाल किया है, जिससे अध्यापकों ने अच्छी प्रतिक्रिया दिखाई है।

“मेरी पड़ोसन जैकी एक यहोवा की साक्षी है, और जिस पत्रिका का मैं ज़िक्र कर रही हूँ वह है, सजग होइए! मैंने इस पत्रिका में जो पढ़ा है उसने मुझे अपने बारे में और मानवजाति के भविष्य के बारे में काफ़ी कुछ जानने में मदद की है।”

यदि आप भी सजग होइए! के आगे के अंकों को प्राप्त करना चाहते हैं, तो कृपया स्थानीय यहोवा के साक्षियों के साथ संपर्क कीजिए या पृष्ठ ५ पर दिए गए उपयुक्‍त पते पर लिखिए।

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