क्या सभी धर्म परमेश्वर की ओर ले जाते हैं?
करोड़ों लोग मानते हैं कि सभी धर्म अलग-अलग मार्ग हैं जो एक ही जगह ले जाते हैं। सच्चाई यह है कि धर्मों की शिक्षाएँ, रीति-रिवाज़, और देवी-देवता मिलते-जुलते हैं। उदाहरण के लिए, सा.यु. आठवीं सदी की इस प्रतिमा को देखिए जो केरल, भारत के एक हिंदू पौराणिक पात्र की है।
उल्लेखनीय बात यह है कि अनेक प्राचीन धर्मों में बैलों की पूजा की जाती थी। उदाहरण के लिए, सा.यु.पू. प्रथम-शताब्दी यूनानी इतिहासकार डायडोरस सिकयलस के अनुसार, अम्मोनियों के देवता मोलेक का भी शरीर पुरुष समान परंतु सिर बैल समान था।
संसार भर के अनेक भिन्न धर्मों में उल्लेखनीय समानताएँ क्यों हैं? क्या इन धर्मों का एक ही उद्गम है? क्या ये सचमुच बस अलग-अलग मार्ग हैं जो एक ही जगह ले जाते हैं? क्या परमेश्वर को ये सभी स्वीकार्य हैं?
पुस्तक मनुष्यजाति द्वारा परमेश्वर की खोज (अंग्रेज़ी) में संसार के प्रमुख धर्मों के उद्गम और विकास का रोमांचक वृत्तांत ऐसे प्रश्नों के उत्तर देता है। यदि आप यह पुस्तक पाना चाहते हैं या चाहते हैं कि कोई आपके घर आकर चर्चा करे कि इस विषय में बाइबल क्या कहती है, तो कृपया Watch Tower, H-58 Old Khandala Road, Lonavla 410401, Mah., India को, या पृष्ठ ५ पर दिए गए उपयुक्त पते पर लिखिए।