यह फैसला करके आप पछताएँगे नहीं
दूसरे विश्व युद्ध के बाद जन्मे करोड़ों स्त्री-पुरुष अब अधेड़ उम्र के हो गये हैं। हालाँकि अनेक लोग अपनी उपलब्धियों से संतुष्ट हैं, कुछ लोग निराश हैं। उन्होंने विवाह किया, काम किया, बच्चे पैदा किये और परिवार का भरण-पोषण किया और कुछ लोगों ने अपने माता-पिता को मरते देखा। आज जब उनके बाल सफेद हो रहे हैं, तोंद बढ़ रही है और जोड़ों में दर्द हो रहा है, तो कुछ लोगों को लगता है कि वे जीवन में अपने लक्ष्य प्राप्त नहीं कर पाये। निराश होकर वे पूछते हैं, ‘जीवन का अर्थ क्या है?’ शायद आपने भी यह प्रश्न पूछा हो।
समय-समय पर अपने जीवन पर विचार करना निश्चित ही बहुत लाभकारी है। दूसरी ओर, यदि आप अतीत के अपने उन फैसलों का रोना रोते रहें जिन पर आपको पछतावा है तो आप निराशा में डूब सकते हैं। अपने आपको यह कहने के बजाय कि ‘काश मैंने . . . ,’ कितना अच्छा होगा कि आप बुद्धिमानी के उन फैसलों पर अपना ध्यान लगाएँ जो आप अभी-भी भविष्य में कर सकते हैं। ऐसा एक फैसला यह हो सकता है कि उस जानकारी को जाँचें जो जीवन के अर्थ के बारे में प्रश्नों का उत्तर देती है। इसलिए हम आपको आमंत्रित करते हैं कि प्रकाशन क्या परमेश्वर वास्तव में हमारी परवाह करता है? पढ़ें। हमारे आमंत्रण को स्वीकार करना ऐसा फैसला है जिस पर आपको पछतावा नहीं होगा।
यदि आप ३२ पन्नों के इस ब्रोशर को प्राप्त करना चाहते हैं तो कृपया संलग्न कूपन को निम्नलिखित पते पर या इस पत्रिका के पृष्ठ ५ पर दिए गए उपयुक्त पते पर भरकर भेज दीजिए।
◻ क्या परमेश्वर वास्तव में हमारी परवाह करता है? ब्रोशर की एक प्रति भेजें।
◻ मुफ्त गृह बाइबल अध्ययन के लिए कृपया मुझसे संपर्क करें।