पश्चिम अफ्रीका का अनोखा सिक्का
सीएरा लीयोन में सजग होइए! संवाददाता द्वारा
क्या आपने कभी ऐसा सिक्का देखा है? यह है किसि जनजाति का पॆनी या सिक्का। ऐसे कुछ सिक्के फ्रीटाउन के सीएरा लीयोन नैशनल म्यूज़ियम में रखे गए हैं। इन सिक्कों के पास रखे कार्ड में यह जानकारी दी गयी है: “इस किस्म के अजीबो-गरीब पैसे सीएरा लीयोन व लाइबीरिया, दोनों जगहों में पाए जाते थे। ये पैसे वहाँ लगभग १९४५ तक इस्तेमाल होते थे। क्योंकि ऐसा लगता था कि इसके ऊपर का (गोलनुमा) हिस्सा सिर है और नीचे का (नोकदार किनारोंवाला) हिस्सा पैर है, इसलिए कहा जाता था कि इसमें आत्मा होती है। जब कोई मुखिया गुज़र जाता, तो कई किसि पॆनियों को तोड़कर उसकी कब्र में घुसेड़ दिया जाता। जब अंतिम बार यह इस्तेमाल में था, तब ५० किसि पॆनी पश्चिम अफ्रीका के एक शिलिंग के बराबर था।”
बेज़ल डेविडसन द्वारा लिखी अफ्रीकी गुलामों का धंधा (अंग्रेज़ी) पुस्तक के मुताबिक, बहुत समय पहले “लोहे के छड़” देकर गुलामों को खरीदा जाता था। क्या ये “लोहे के छड़” किसि पॆनी थे? कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि ये किसि पॆनी ही थे। लेकिन दूसरे इससे सहमत नहीं होते। जबकि इन पॆनियों का इस्तेमाल गुलाम खरीदने के लिए शायद नहीं किया गया हो, लेकिन यह तो पक्का है कि इनसे बीवियाँ ज़रूर खरीदी जाती थीं।
जैसे ऊपर की बातों से पता चलता है, इन सिक्कों को कभी-कभी धर्म के कामों में, खासकर अमर आत्मा के विश्वास से जुड़े हुए कामों में इस्तेमाल किया जाता था, ऐसा विश्वास जो बाइबल के मुताबिक नहीं है। जब किसी व्यक्ति की मौत होती थी तो उसे उसी के गाँव में दफनाना ठीक समझा जाता था। लेकिन हाँ, अगर मौत उसके गाँव से काफी दूर जगह पर हुई हो, तो उसकी लाश को घर लाना हमेशा आसान नहीं होता था। इसका हल था, किसि पॆनी के ज़रिए उस व्यक्ति की आत्मा को उसके गाँव लाना।
मरहूम व्यक्ति का कोई रिश्तेदार उस गाँव को जाता जहाँ मौत हुई थी और फिर वह वहाँ के ओझे से एक पॆनी लेता। माना जाता है कि वो ओझा तंत्र-मंत्र करके मरहूम व्यक्ति की आत्मा को उस पॆनी में डाल देता। फिर यह इस रिश्तेदार का फर्ज़ बनता था कि वह उस आत्मा (उस पॆनी) को घर लाकर पूर्वजों की कब्र में दफना दे।
यह रिश्तेदार इस पॆनी को एक साफ कपड़े में लपेटकर अपना सफर शुरू करता। उसे पूरे सफर में खामोश रहना था। ऐसा माना जाता था कि रास्ते में अगर वो किसी से बात करे, तो आत्मा पॆनी में से निकलकर वापस उसी गाँव को लौट जाएगी जहाँ व्यक्ति की मौत हुई थी। और रिश्तेदार को उसे लाने के लिए वापस जाना पड़ता। कोई शक नहीं कि इस काम के लिए उसे ओझे को फिर से पैसे देने पड़ते!
अगर सफर के दौरान बात करना ज़रूरी हो जाता, तो रिश्तेदार बात कर सकता था, बशर्ते कि वह बड़ी सावधानी से उस पॆनी को नीचे रखे, मगर ज़मीन पर नहीं। पॆनी को उठा लेने पर, उसे फिर से खामोश रहना पड़ता।
किसि पॆनी की लंबाई ३३ से ३६ सेंटीमीटर होती थी। इस वज़ह से इन्हें अपनी जेब में या पर्स में रखना मुमकिन नहीं था। मगर इनका यह आकार उस ज़माने के लिए ठीक था, क्योंकि वे इनका बंडल बनाकर आसानी से बाँधकर अपने सिर पर उठाकर ले जा सकते थे। रईस लोग अपने घर के मचान पर इन पॆनियों को इकट्ठा करके रखते थे। जब वातावरण में नमी होती, तो इन सिक्कों पर पानी जम जाता और नीचे कमरे में बारिश की तरह रिसता। इस तरह जितनी ज़्यादा “बारिश” होती, माना जाता है कि जिस घर में आप बैठे हैं, उस घर का मालिक उतना ही रईस है।