भारत और चीन पर तंबाकू का हमला
भारत के सजग होइए! संवाददाता द्वारा
आजकल पश्चिमी देशों में तंबाकू के विज्ञापनों पर रोक बढ़ती जा रही है साथ ही साथ स्वास्थय पर पड़ने वाले खतरों के बारे में भी उतनी हीं जानकारी दी जा रही है। इसलिए तंबाकू की बड़ी-बड़ी कंपनियाँ अपना माल बेचने के लिए पूर्वी देशों में जाकर बस रही हैं। विश्व बैंक के अध्ययनों से पता चलता है कि सन् २०१० तक चीन में हर साल तंबाकू से मरनेवालों की संख्या १० लाख तक पहुँच जाएगी। ब्रिटिश मॆडिकल जर्नल मैगज़ीन बताती है कि चीन में सिगरॆट पीने की वज़ह से २९ से कम उम्र के १० करोड़ लोगों की मौत हो सकती है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन बताता है, चीन के साथ-साथ करीब एक अरब की आबादीवाले भारत में भी, “तंबाकू से होनेवाली बीमारियाँ बहुत तेज़ी से बढ़ेंगी।” रिपोर्ट दावा करती हैं कि हर साल भारत में करीब दो करोड़ बच्चे सिगरॆट पीना शुरू करते हैं। दक्षिण भारत में रहनेवाले एक आदमी को लगातार सिगरॆट पीने की बहुत पुरानी और बुरी लत थी। सजग होइए! पत्रिका का एक लेख पढ़कर, वह इतना प्रभावित हुआ कि उसने पूरी तरह से सिगरॆट पीना छोड़ दिया। एहसानमंद होकर उसने इस पत्रिका के प्रकाशक को खत लिखा। जिस लेख को पढ़कर उसने सिगरॆट पीना बंद किया उसका शीर्षक था, “आप छोड़ सकते हैं–हमने छोड़ दिया!” और यह लेख जनवरी ८, १९९९ के अंक में छपा था।
क्या आप भी सिगरॆट पीना छोड़ने की कोई वज़ह बता सकते हैं? कुछ ऐसी वज़ह हैं जो इंसान को सोचने पर मजबूर कर दे। परमेश्वर हमसे क्या माँग करता है? नामक ३२ पेजवाले ब्रोशर में, २५ पेज पर इसके बारे में जानकारी दी गई हैं। यदि आप इस ब्रोशर के बारे में और ज़्यादा जानना चाहते है तो कृपया इसके साथ दिए गए कूपन को भरकर, नीचे दिए गए पते या आपकी सहूलियत के मुताबिक ५वें पेज पर दिए गए किसी भी पते पर भेज सकते हैं।
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