क्या आपका आशियाना सुरक्षित है?—२० बातें जिन्हें ध्यान में रख सकते हैं
“आह! हमारा प्यारा-सा आशियाना!” दिन भर की भागा-दौड़ी और काम करने के बाद घर पहुँचने पर आप राहत की साँस लेते हैं और आपको खुशी होती है क्योंकि अब आप अपने घर की चार-दिवारी में सुरक्षित हैं। मगर क्या आप वाकई सुरक्षित हैं? देखा जाए तो, घर पर ही कई जानलेवा चीज़ें मौजूद होती हैं जिनका लोगों को अंदाज़ा तक नहीं होता। इसलिए जिन लोगों के घर में छोटे-छोटे बच्चे हैं, उन्हें खासकर अपने घर में दुर्घटनाओं को कम करने के लिए बहुत ही सावधानियाँ बरतनी चाहिए। यहाँ दी गयी चैकलिस्ट को इस्तेमाल करते हुए, क्यों न हम अपने-अपने घरों पर नज़र दौड़ाएँ और उन चीज़ों पर गौर करें जिनमें बदलाव करने की ज़रूरत है?
✔ पौधे। अगर आपके घर में छोटे-छोटे बच्चे हैं तो यह ध्यान दीजिए कि आपका कोई भी पौधा ज़हरीला न हों। याद रखिए कि बच्चों को कुछ भी उठाकर अपने मुँह में डाल लेने की आदत होती है।
✔ परदे। परदों से लटकनेवाली डोरियों को बच्चों की पहुँच से दूर रखिए। नहीं तो, इनमें फँसकर छोटे बच्चों का दम घुट सकता है।
✔ दराज़ या कपबोर्ड। सुरक्षा के लिए इनमें किसी न किसी तरीके की चिटकनी लगवा लीजिए। इससे बच्चे तेज़ नोकवाले बरतनों या साफ-सफाई में इस्तेमाल होनेवाले खतरनाक रसायनों तक नहीं पहुँच पाएँगे।
✔ सीढ़ियाँ। क्या सीढ़ियों की जगह पर काफी रोशनी है और उसके आस-पास बहुत ज़्यादा सामान तो नहीं बिखरा है? क्या आपकी सीढ़ियों के ऊपर और नीचे, दोनों ही जगहों पर सुरक्षा के लिए किसी प्रकार का गेट है?
✔ स्टोव। पैन या बरतनों के हैंडल को, खासकर स्टोव पर खाना बनाते वक्त अंदर की तरफ घुमाकर रखिए।
✔ प्रॆशर कुकर। हर बार इस्तेमाल करने के बाद इसे धोइए। ध्यान दीजिए कि इसका सेफ्टी वाल्व ठीक तरह से काम कर रहा है।
✔ आग बुझानेवाला उपकरण। कम-से-कम एक आग बुझानेवाला उपकरण घर पर रखिए और यह ध्यान दीजिए कि घर के सभी लोग, समझदार और बड़े बच्चे भी इसे इस्तेमाल करना जानते हों।
✔ बच्चों का पालना। पालने की छड़ों में ज़्यादा फासला नहीं होना चाहिए।
✔ खिड़कियाँ। इनमें किसी तरह के लॉक या सेफ्टी उपकरण लगवा लीजिए जिससे बच्चों के गिरने का खतरा कम होगा और आग लग जाने पर कोई बड़ा व्यक्ति इन उपकरणों को आसानी से खोल सकता है।
✔ विटामिन और दवाइयाँ। इन्हें किसी दराज़ में ताला लगाकर या बच्चे की पहुँच से दूर रखिए।
✔ नहाने का टब। कभी-भी किसी बच्चे को नहाने के टब में या पानी से भरी हुई बाल्टी के पास अकेला मत छोड़ दीजिए।
✔ माइक्रोवेव अवन। याद रखिए कि माइक्रोवेव अवन में चीज़ें बहुत जल्दी गर्म हो जाती हैं। मिसाल के तौर पर, बच्चे को दूध पिलानेवाली बोतल हमें लगे कि वह ज़्यादा गर्म नहीं है, लेकिन दूध इतना गर्म हो सकता है कि शायद बच्चे का मुँह जल जाए।
✔ सिलॆन्डर। कहीं आपके सिलॆन्डर या उसके पाइप से गैस लीक तो नहीं हो रही, इसका पता लगाने के लिए अपने सिलॆन्डर की समय-समय पर जाँच करते रहिए।
✔ मांस भूनने का ग्रिल या चूल्हा। जब ये ग्रिल या चूल्हा गर्म हो तो यह ध्यान दीजिए कि बच्चे इससे काफी दूर हों।
✔ गराज़ के दरवाज़े। अगर आपके गराज़ के दरवाज़े बिजली से चलते हैं, तो बच्चों को यह सिखाइए कि इसके चालू होने पर वे कभी-भी गराज के दरवाज़े के नीचे से न भागें।
✔ धुएँ का पता लगानेवाले उपकरण (स्मोक-डिटॆक्टर)। इन्हें साफ रखिए और समय-समय पर इनकी जाँच करते रहिए। हर साल इनकी बैट्री बदलिए।
✔ बिजली के तार और सॉकेट। बिजली के पुराने तारों को फेंक दीजिए। जो भी सॉकेट इस्तेमाल नहीं किए जा रहे हों, उन पर किसी तरह का सेफ्टी कवर लगाना अच्छा होगा। उन्हें यूँ ही खुला मत छोड़िए।
✔ बिजली से चलनेवाले यंत्र। ऐसे यंत्रों को नहाने की जगह या सिंक से दूर रखना चाहिए। अर्थिंग करवा लीजिए ताकि शॉक न लगे।
✔ खिलौने रखने के बक्से। इन बक्सों में हवा आने-जाने के लिए एकाध छेद बना दीजिए और इनमें ऐसे कब्जे लगवाइए जिनकी वज़ह से बक्से का ढक्कन अचानक नहीं गिरे।
✔ इस्त्री। इस्त्री और उससे लटकनेवाले तार को बच्चों की पहुँच से दूर रखिए।