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सजग होइए!–2000
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हमारे पाठकों से

जादू-विद्या मेरी उम्र 13 साल है। स्कूल में मेरी मुलाकात एक ऐसी लड़की से हुई जो जादू-विद्या में विश्‍वास करती है। एक दिन उसने मुझसे पूछा कि जादू-विद्या के बारे में मेरी क्या राय है। मैंने उसे साफ-साफ कह दिया कि मैं एक यहोवा का साक्षी हूँ और जादू-विद्या को गलत समझता हूँ। मेरी बात सुनकर उसे दुख हुआ मगर फिर भी उसने इस विषय पर कई बार मुझसे बात करने की कोशिश की। मैंने यहोवा से मदद के लिए प्रार्थना की, और वह मदद मुझे आगे बताए गए लेख के रूप में मिली। “बाइबल का दृष्टिकोण: लोग जादू-विद्या में क्यों उलझते हैं?” (दिसंबर 8,1999) यह लेख मैंने उस लड़की को पढ़ने के लिए दिया। लेख पढ़ने के बाद, वह अच्छी तरह जान गई कि जादू-विद्या के बारे में मेरा नज़रिया क्या है। उसके बाद उसने मुझसे कभी इस विषय पर सवाल नहीं किए।

के. ई., अमरीका

बीसवीं सदी ये मैं “बीसवीं सदी—बदलाव के नाज़ुक साल” लेखों के बारे में लिख रहा हूँ। (जनवरी 8,2000) 20वीं सदी में मानवजाति को जिन दुख-तकलीफों का सामना करना पड़ा, उसके बारे में आपने इतने साफ तरीके से जानकारी दी कि दिल खुश हो गया। मैंने यह भी देखा कि कैसे लड़ाई-झगड़े धीरे-धीरे मानवजाति को नाश कर रहे हैं। मगर आप इतना अच्छा काम कर रहे हैं, इसके लिए मैं आपकी तारीफ करता हूँ।

डब्ल्यू. जी., पोर्टो रीको

बगैर खून इलाज “बगैर खून के सर्जरी और इलाज—की माँग बढ़ रही है।” अप्रैल 8,2000 की मैगज़ीन में दिए गए ये लेख एकदम नई रिसर्च के ऊपर आधारित थे। मैं नर्सिंग कॉलेज में पढ़ती हूँ। और वहाँ एक मैगज़ीन मैंने अपनी साथी को और एक अपनी टीचर को दी। इससे पहले ये दोनों यहोवा के साक्षियों को दकियानूसी खयालोंवाला समझते थे। मगर अब उन लेखों को पढ़कर, और यहोवा के साक्षियों के बारे में और ज़्यादा जानकारी लेकर उन्हें बहुत खुशी हुई।

आर. पी., स्विटज़रलैंड

सन्‌ 1998 में मेरे दो बच्चों का एक्सीडैंट हो गया था, जिसमें मेरे बेटे की टाँगें बुरी तरह कुचल गई थी। वह लगातार बस यही कहे जा रहा था कि मैं खून नहीं चढ़वाऊँगा! मगर अस्पताल में बगैर खून सर्जरी करने की सुविधा ही नहीं थी। ऐसी हालत में उसे दूसरे अस्पताल ले जाया गया मगर वहाँ का स्टाफ तब तक केस को हाथ नहीं लगाना चाहता था जब तक कि हिमोक्रिट का स्तर 35 तक नहीं पहुँच जाता। (जो कि उस वक्‍त 8.1 तक गिर गया था।) स्टाफ अपनी ही बात पर अड़ा हुआ था मानो इस बात का इंतज़ार कर रहा हो कि मेरे बेटे की मौत हो जाए। आखिरकार उन्होंने बगैर खून के इलाज करने की तरकीबें आज़मानी शुरू कर दीं जैसे कि मेरे बेटे की टाँगों को ऊपर उठाना, एरिथ्रोपोइटिन देना, वगैरा वगैरा। जैसे-जैसे वे इलाज करते गए उसका हिमोक्रिट भी बढ़ता गया और 35.8 हो गया! उसके बाद सर्जरी सफल हुई। मगर देरी करने की वजह से शरीर को जो नुकसान पहुँचा, उसका अब कुछ नहीं किया जा सकता है। मेरी ये आशा है कि हर डॉक्टर, हर सर्जन, और एनिस्थीज़ियोलोजिस्ट, इन लेखों को ज़रूर पढ़ें।

एल. एल., अमरीका

यह जानकर बहुत खुशी होती है कि अधिकतर डॉक्टर यहोवा के साक्षियों को सहयोग देना चाहते हैं। यह मैगज़ीन मैं सीधे अपने डॉक्टर के पास भेज रहा हूँ। मुझे यकीन है कि उसे ये बहुत पसंद आएगी।

यू. एम., अमरीका

मेरा खून बहुत बह गया था। और जब यह लेख आया तो मेरा ऑपरेशन बस होने ही वाला था। मैंने इस मैगज़ीन के ज़रिए अस्पताल स्टाफ और अपने परिवारवालों को समझाया कि मेरे खून न चढ़वाने की वजह क्या है। मैं यहोवा का लाख-लाख धन्यवाद करता हूँ कि मैं अच्छा हो गया।

सी. बी., अमरीका

जवानों के लेख मैं 12 साल का हूँ। मुझे आपकी मैगज़ीन पढ़कर बहुत मज़ा आता है। आपकी मैगज़ीन जब मैं नहीं पढ़ता था तो मुझे अपने दोस्तों के साथ मिलने-जुलने में मुश्‍किल होती थी क्योंकि वो सब मुझसे बड़े हैं। मगर जब से मैंने “युवा लोग पूछते हैं . . .” लेखों को पढ़ना शुरू किया है, तब से मुझे उनसे मिलने-जुलने में कोई परेशानी नहीं होती। आपकी मैगज़ीन के लिए थैंक यू। इनसे मुझे बहुत मदद मिलती है।

एन. आई., रूस

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