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  • सजग होइए!–2002
सजग होइए!–2002
g02 4/8 पेज 32

रद्दी की दुकान में मिला

भारत के चेन्‍नई शहर में तमिल बोलनेवाले एक जवान ने रद्दी की दुकान में अक्टूबर 8,1999 की सजग होइए! की एक कॉपी देखी। इस पत्रिका को, साथ ही दूसरी सजग होइए! पत्रिकाओं को रद्दी की दुकान से लाकर उसे पढ़ने के बाद उसने यहोवा के साक्षियों के भारत के शाखा दफ्तर को लिखकर इन पत्रिकाओं के बारे में अपनी राय ज़ाहिर की।

उसने लिखा: “सजग होइए! एक बेजोड़ पत्रिका है, जिसमें बहुत-सी फायदेमंद जानकारी है। इसमें जिन बातों की चर्चा की जाती है, वे बहुत मददगार हैं। मैं आपको इस पत्रिका के लिए बहुत-बहुत बधाई देना चाहता हूँ।”

उसके बाद उस जवान ने गुज़ारिश की: “मैं चाहता हूँ कि यह पत्रिका जो जानकारी का खज़ाना है और संसार के कोने-कोने में दी जाती है, मेरी निजी लाइब्रेरी का भी भाग बने। अब तक मैं इस पत्रिका की काफी कॉपियाँ पढ़ चुका हूँ और मेरी इच्छा है कि आगे भी मुझे इसके अंक मिलते रहें।”

जैसा कि हर अंक के पेज चार पर बताया गया है, सजग होइए! अनेक विषयों पर रोशनी डालती है। फिर भी इस पत्रिका का उद्देश्‍य यूँ बताया गया है: “सबसे बड़ी बात तो यह है कि यह पत्रिका परमेश्‍वर के इस वादे पर हमारा विश्‍वास मज़बूत करती है कि बहुत जल्द परमेश्‍वर इस बुरे संसार को नाश करके इंसानों के लिए ऐसी दुनिया लाएगा जिसमें सभी लोग अमन-चैन से रहेंगे।”

बत्तीस पेज का ब्रोशर परमेश्‍वर हमसे क्या माँग करता है? हमें परमेश्‍वर के उस उद्देश्‍य के बारे में बताता है। यह बाइबल से जानकारी देता है कि परमेश्‍वर का अनुग्रह पाने के लिए हमें क्या करना है। इस ब्रोशर के बारे में और जानकारी के लिए आप इस कूपन को भरकर इस पर दिए गए पते या अपनी सहूलियत के मुताबिक पेज 5 पर दिए गए किसी भी पते पर भेज सकते हैं।(g02 3/22)

□ परमेश्‍वर हमसे क्या माँग करता है? इस ब्रोशर के बारे में मुझे और भी जानकारी भेजिए।

□ मुझे घर पर मुफ्त बाइबल अध्ययन कराने के लिए मुझसे मिलिए।

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