वॉचटावर ऑनलाइन लाइब्रेरी
वॉचटावर
ऑनलाइन लाइब्रेरी
हिंदी
  • बाइबल
  • प्रकाशन
  • सभाएँ
  • g 7/10 पेज 3
  • “मुझे तलाक चाहिए!”

इस भाग के लिए कोई वीडियो नहीं है।

माफ कीजिए, वीडियो डाउनलोड नहीं हो पा रहा है।

  • “मुझे तलाक चाहिए!”
  • सजग होइए!–2010
  • मिलते-जुलते लेख
  • बगैर प्यार के शादी-शुदा ज़िंदगी गुज़ारना
    सजग होइए!–2001
  • बिखरा घर-परिवार तलाक का किशोर बच्चों पर असर
    सजग होइए!–2010
  • ‘जिस बंधन को परमेश्‍वर ने बाँधा है,’ उसका आदर कीजिए
    प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है (अध्ययन)—2018
सजग होइए!–2010
g 7/10 पेज 3

“मुझे तलाक चाहिए!”

इस मकान को देखकर लगता है कि इसकी अच्छे-से देखरेख नहीं की जा रही है। सालों के दौरान इस मकान ने कई तूफानों का सामना किया है और कुछ तूफानों ने इसे नुकसान भी पहुँचाया है। अब यह मकान बहुत जर्जर हालत में है और लगता है कि यह जल्द-ही ढह जाएगा।

आज कई शादियों की हालत इस मकान से मिलती-जुलती है, वे टूटने की कगार पर हैं। क्या आपको कभी ऐसा लगा है कि शायद आपकी शादी का भी यही अंजाम होगा? अगर ऐसा है तो यकीन मानिए हर पति-पत्नी को अपनी ज़िंदगी में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बाइबल भी इस बात को मानती है और कहती है कि जो शादी करते हैं उन्हें “दुःख-तकलीफें झेलनी पड़ेंगी।”—1 कुरिंथियों 7:28.

इस बात में कितनी सच्चाई है, इसके बारे में एक रिसर्च टीम ने कहा कि शादी “एक बहुत बड़ा जोखिम है, जिसे हमारे समाज के ज़्यादातर लोग उठाते हैं और शादी करना एक नियम-सा बन गया है।” वह टीम यह भी कहती है: “शुरू-शुरू में लगता है कि शादी से ज़िंदगी में खुशियों की बहार आ जाएगी और यह रिश्‍ता हमेशा-हमेशा बना रहेगा, लेकिन कभी-कभी यही एक इंसान की ज़िंदगी में गमों का पतझड़ ले आती है।”

आपकी शादीशुदा ज़िंदगी कैसी है? क्या नीचे दी बातों में से एक या ज़्यादा बातें आपकी शादीशुदा ज़िंदगी पर लागू होती हैं?

● बार-बार की बहसबाज़ी

● कड़वी बोली

● जीवन-साथी की बेवफाई

● एक-दूसरे पर गुस्सा

अगर आपकी शादी का बंधन कमज़ोर होता जा रहा है और लगता है कि इसे टूटने से कोई नहीं बचा सकता, तो आपको क्या करना चाहिए? क्या आपको तलाक ले लेना चाहिए? (g10-E 02)

[पेज ३ पर बक्स/तसवीर]

‘पहले इक्का-दुक्का, अब हर दूसरे-तीसरे घर का किस्सा’

कुछ देशों में तलाक की दरें आसमान छू रहीं हैं। अमरीका देश का ही उदाहरण लीजिए, जहाँ कई सालों तक बहुत कम तलाक होते थे। लेकिन 1960 के बाद जो हुआ इस बारे में बारबरा डैफो वाइटहेड नाम की एक लेखिका ने अपनी किताब द डाइवोर्स कलचर में लिखा, “इसकी दर दिन दूनी रात चौगुनी बढ़ने लगी। एक दशक में यह लगभग दुगनी हो गयी और 1980 के दशक के शुरूआती सालों तक यह बढ़ती ही चली गयी। उस वक्‍त यहाँ तलाक की दर पूरे पश्‍चिम समाज में सबसे ज़्यादा हो गयी। अमरीका में पहले तलाक के मामले इक्का-दुक्का ही सुनने को मिलते थे, लेकिन यह दर तेज़ी से और लगातार बढ़ने की वजह से तीन दशकों में तलाक हर दूसरे-तीसरे घर का किस्सा बना गया है।”

    हिंदी साहित्य (1972-2025)
    लॉग-आउट
    लॉग-इन
    • हिंदी
    • दूसरों को भेजें
    • पसंदीदा सेटिंग्स
    • Copyright © 2025 Watch Tower Bible and Tract Society of Pennsylvania
    • इस्तेमाल की शर्तें
    • गोपनीयता नीति
    • गोपनीयता सेटिंग्स
    • JW.ORG
    • लॉग-इन
    दूसरों को भेजें