वॉचटावर ऑनलाइन लाइब्रेरी
वॉचटावर
ऑनलाइन लाइब्रेरी
हिंदी
  • बाइबल
  • प्रकाशन
  • सभाएँ
  • sjj गीत 106
  • प्यार बढ़ाएँ

इस भाग के लिए कोई वीडियो नहीं है।

माफ कीजिए, वीडियो डाउनलोड नहीं हो पा रहा है।

  • प्यार बढ़ाएँ
  • गीत गाकर यहोवा की “जयजयकार करें”
  • मिलते-जुलते लेख
  • “परमेश्‍वर प्यार है”
    यहोवा के लिए गीत गाओ
  • “परमेश्‍वर प्यार है”
    गीत गाकर यहोवा की “जयजयकार करें”
  • ‘प्रेम में चलते’ जाओ
    यहोवा के करीब आओ
  • प्यार—एक अनमोल गुण
    प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है (अध्ययन)—2017
और देखिए
गीत गाकर यहोवा की “जयजयकार करें”
sjj गीत 106

गीत 106

प्यार बढ़ाएँ

(1 कुरिंथियों 13:1-8)

  1. 1. हमारी ख्वाहिश है ये सदा,

    झलकाएँ हम तेरे गुण, हे याह!

    है प्यार की खूबी सबसे अहम,

    करें हम ज़ाहिर इसको हरदम।

    गर प्यार पहले जैसा ना रहा,

    हुनर या बुद्‌-धि का फायदा क्या?

    हे याह, करते हम तुझसे दुआ,

    रहे प्यार हममें नेक और सच्चा।

  2. 2. इस प्यार की नींव है कृपा और त्याग,

    ना है खुदगर्ज़, ये सोचे सबका।

    बीती बातों पे उड़ाता धूल,

    दूजे की गल-ति-याँ जाता भूल।

    ये माफ करता है राज़ी-खुशी,

    इसमें दुख सहने की है शक्‌-ति।

    हर इम्‌-ति-हाँ में जीते ये ही,

    ये प्यार ना होगा खतम कभी।

(यूह. 21:17; 1 कुरिं. 13:13; गला. 6:2 भी देखें।)

    हिंदी साहित्य (1972-2025)
    लॉग-आउट
    लॉग-इन
    • हिंदी
    • दूसरों को भेजें
    • पसंदीदा सेटिंग्स
    • Copyright © 2025 Watch Tower Bible and Tract Society of Pennsylvania
    • इस्तेमाल की शर्तें
    • गोपनीयता नीति
    • गोपनीयता सेटिंग्स
    • JW.ORG
    • लॉग-इन
    दूसरों को भेजें