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प्रौढ़ता

हर मसीही को प्रौढ़ और समझदार बनने के लिए क्यों मेहनत करनी चाहिए?

1कुर 14:20; 1ती 4:15

बाइबल का अध्ययन करके हम कैसे प्रौढ़ और समझदार बन सकते हैं?

फिल 1:9-11; 2ती 2:15; 3:16, 17; इब्र 5:11-14; 6:1

क्या जवान मसीही भी प्रौढ़ और समझदार बन सकते हैं?

अय 32:9; 1ती 4:12

  • इससे जुड़े किस्से:

    • दान 1:6-20​—दानियेल और उसके तीन दोस्त नौजवान थे, फिर भी उनमें सही-गलत की समझ थी और वे यहोवा के वफादार थे

    • प्रेष 16:1-5​—तीमुथियुस करीब 20 साल का था, जब उसे मसीही मंडली में एक बड़ी ज़िम्मेदारी दी गयी थी

मंडली में अच्छे दोस्त होने से हमें क्या फायदा होगा?

इफ 4:11-14; इब्र 10:24, 25

किन बातों से पता चलेगा कि हम प्रौढ़ हैं और परमेश्‍वर जैसी सोच रखते हैं?

1कुर 2:14, 15; 3:1-3; फिल 3:14, 15

एक समझदार और प्रौढ़ भाई को मंडली में और भी ज़िम्मेदारियाँ लेने के लिए क्यों आगे आना चाहिए?

प्रेष 14:23; तीत 1:5-9

अगर एक मसीही प्रचार करने और सिखाने के मामले में माहिर और प्रौढ़ बनना चाहता है, तो इसका एक ही तरीका क्या है?

लूक 21:14, 15; 1कुर 2:6, 10-13

ये भी देखें: लूक 11:13

  • इससे जुड़े किस्से:

    • मत 10:19, 20​—यीशु ने अपने चेलों से वादा किया कि जब उन पर मुकदमा चलाया जाएगा, तो उन्हें क्या कहना है उसमें पवित्र शक्‍ति उनकी मदद करेगी

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