शुक्रवार
“तू सिर्फ अपने परमेश्वर यहोवा की उपासना कर”—मत्ती 4:10
सुबह का कार्यक्रम
9:20 संगीत का वीडियो
9:30 गीत नं. 74 और प्रार्थना
9:40 चेयरमैन का भाषण: शुद्ध उपासना क्या है? (यशायाह 48:17; मलाकी 3:16)
10:10 बाइबल पर आधारित वीडियो ड्रामा:
यीशु की ज़िंदगी—एक अनोखी दास्तान: एपिसोड 2
”यह मेरा प्यारा बेटा है”—भाग 1 (मत्ती 3:1–4:11; मरकुस 1:12, 13; लूका 3:1–4:7; यूहन्ना 1:7, 8)
10:40 गीत नं. 122 और घोषणाएँ
10:50 परिचर्चा: मसीहा के बारे में भविष्यवाणियाँ सच हुईं!—भाग 1
• परमेश्वर ने उसे अपने बेटे के तौर पर कबूल किया (भजन 2:7; मत्ती 3:16, 17; प्रेषितों 13:33, 34)
• वह राजा दाविद के वंश से आया (2 शमूएल 7:12, 13; मत्ती 1:1, 2, 6)
• उसे ‘मसीहा यानी अगुवा’ ठहराया गया (दानियेल 9:25; लूका 3:1, 2, 21-23)
11:45 असल में कौन इस दुनिया पर हुकूमत कर रहा है? (मरकुस 12:17; लूका 4:5-8; यूहन्ना 18:36)
12:15 गीत नं. 22 और अंतराल
दोपहर का कार्यक्रम
1:35 संगीत का वीडियो
1:45 गीत नं. 121
1:50 परिचर्चा: यीशु की तरह शैतान का डटकर विरोध कीजिए!
• यहोवा के वचन से ज़िंदा रहिए (मत्ती 4:1-4)
• यहोवा की परीक्षा मत लीजिए (मत्ती 4:5-7)
• सिर्फ यहोवा की उपासना कीजिए (मत्ती 4:10; लूका 4:5-7)
• सच्चाई की पैरवी कीजिए (1 पतरस 3:15)
2:50 गीत नं. 97 और घोषणाएँ
3:00 परिचर्चा: उस देश को जानें, जिस देश में यीशु रहता था
• यहूदिया का वीराना (मत्ती 3:1-4; लूका 4:1)
• यरदन घाटी (मत्ती 3:13-15; यूहन्ना 1:27, 30)
• यरूशलेम (मत्ती 23:37, 38)
• सामरिया (यूहन्ना 4:7-9, 40-42)
• गलील (मत्ती 13:54-57)
• फीनीके (लूका 4:25, 26)
• सीरिया (लूका 4:27)
4:10 यीशु आपमें क्या देखता है? (यूहन्ना 2:25)
4:45 गीत नं. 34 और प्रार्थना