पाठकों के प्रश्न
◼ जैसा कि १ कुरिन्थियों १५:५ में उल्लेख किया गया है, वे ‘बारह’ कौन थे जिनके सामने यीशु प्रकट हुआ?
वह प्रकटन जो १ कुरिन्थियों में उल्लेख किया जा रहा है, यूहन्ना २०:२६-२९ में लेखबद्ध प्रसंग लगता है, जिस में थोमा शामिल था। परंतु, यह प्रेरितों का ज़िक्र एक समूह के तौर से करके संभवतः मत्तिय्याह को भी अंतर्ग्रस्त किया।
पुनरुत्थान पर विचार-विमर्श करते हुए, पौलुस ने मनुष्यों के सामने यीशु के जिलाए जाने के बाद उसके प्रकटनों के विषय लिखा। प्रेरित ने कहा कि मसीह “कैफा को तब बारहों को दिखायी दिया। फिर पाँच सौ से अधिक भाइयों को दिखायी दिया।”—१ कुरिन्थियों १५:५, ६.
जो लोग चेलों के तौर से उसके पीछे हो लिए थे, उन में से यीशु ने १२ प्रेरितों को चुना। (मत्ती १०:२-५) यहूदा इस्करियोती १२ में से एक था, पर उसने गद्दार बनकर यीशु का विश्वासघात किया, और फिर अपने आप को फाँसी दी। (मत्ती २६:२०-२५; २७:३-१०) तो यीशु के मरण और पुनरुत्थान के समय, प्रारंभिक १२ प्रेरितों में से केवल ११ विश्वसनीय प्रेरित रहे। अपने पुनरुत्थान और स्वर्गारोहण के बीच के समय में यीशु विभिन्न चेलों को प्रकट हुआ। उसके बाद प्रेरितों ने यहूदा इस्करियोती की जगह दूसरे को रखने की आवश्यकता समझ ली। दैवी मार्गदर्शन से, मत्तिय्याह चुना गया, और “वह उन ग्यारह प्रेरितों के साथ गिना गया।”—प्रेरितों के काम १:६-२६.
कुछ लोगों ने विचार किया है कि पौलुस क्यों ऐसा लिखता है कि यीशु “बारहों” को प्रकट हुआ, जब कि उस समय यहूदा इस्करियोती मर गया था, और मत्तिय्याह को तब तक चुना नहीं गया। स्पष्ट रूप से, तब केवल ‘ग्यारह प्रेरित’ थे जो प्रारंभ में निर्दिष्ट किए जाकर, यीशु द्वारा भेजे गए थे।—लूका ६:१३-१६.
अगर किसी दल का एक सदस्य अनुपस्थित हो, तो भी उस दल के बारे में सामूहिक रीति से बात करना साधारण है। (“निदेशकों की समिति ने तय किया . . .” “प्राचीनों का मंडल एकत्रित हुआ . . .”) तो वह शब्द, “बारह,” शायद प्रेरितों के पूरे दल का उल्लेख करने में इस्तेमाल किया गया होगा, तब भी जब किसी प्रसंग पर एक या दो सदस्य अनुपस्थित रहे हों। (तुलना प्रेरितों के काम ६:१-६ से कीजिए) जब यीशु एक बंद कमरे में प्रेरितों को प्रकट हुआ, “थोमा जो बारहों में से एक कहलाता था, . . . उनके साथ न था।” आठ दिन बाद वह उपस्थित था और कोई भी अनिश्चित बात को समझा ले सकता था। (यूहन्ना २०:१९-२९) यद्यपि मत्तिय्याह तब यहूदा इस्करियोती की जगह लेने के लिए निर्दिष्ट नहीं किया गया, वह एक दीर्घकालीन चेला रहा था। (प्रेरितों के काम १:२१, २२) चूँकि वह प्रारंभिक प्रेरितों से निकट रूप से संबद्ध था, और उस समय से थोड़ी देर बाद “उनके साथ गिना गया,” यीशु के “बारहों” को दिए प्रकटन के बारे में उस अनुदर्शी टिप्पणी में संभवतः मत्तिय्याह अंतर्ग्रस्त था।