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प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—1994
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पाठकों के प्रश्‍न

जब हव्वा ने, और बाद में आदम ने भले बुरे के ज्ञान के वृक्ष का फल खाया, तो क्या उन्होंने सेब खाया था?

हम नहीं जानते। अनेक लोगों का विचार रहा है कि ‘निषिद्ध फल’ सेब था, और सदियों से कलाकारों ने उसे अकसर ऐसे ही चित्रित किया है। लेकिन बाइबल उस वृक्ष या उसके फल का नाम नहीं बताती। हव्वा ने उसका उल्लेख मात्र “जो वृक्ष बाटिका के बीच में है” कहकर किया।—उत्पत्ति ३:३.

इस सम्बन्ध में शास्त्रवचनों पर अंतर्दृष्ट (अंग्रेज़ी) में दिया गया लेख “सेब” दिलचस्पी का है:

“इब्रानी शब्द टेप्पूएक द्वारा सूचित वृक्ष और फल की पहचान के बारे में काफ़ी अनुमान हैं। यह शब्द स्वयं संकेत करता है कि वह जो अपनी सुगन्ध, या ख़ुशबू द्वारा पहचाना जाता है। यह मूल शब्द नाफ़ाक से आता है, जिसका अर्थ है ‘फूँकना; हाँफना; साँस लेने के लिए संघर्ष करना।’ (उत्प. २:७; अय्यू. ३१:३९, NW; यिर्म. १५:९, NW) इस सम्बन्ध में एम. सी. फिशर ने लिखा: ‘[नाफ़ाक के साथ] सम्बन्ध पहले-पहल भाषा में दी गई अर्थ की सीमा का उल्लंघन करना प्रतीत होता है, लेकिन “साँस लेने” और “साँस में एक गंध निकालने” के विचार सम्बन्धित हैं। इसके उप-समानार्थ शब्द पूआह का अर्थ है “फूँकना” (हवा का) और “साँस में एक सुगंध निकालना, सुगन्धित होना।”’—थियोलॉजिकल वर्डबुक ऑफ दी ओल्ड टेस्टामेंट, आर. एल. हैरिस द्वारा संपादित, १९८०, खंड २, पृ. ५८६.

“सेब के बदले कई फलों का सुझाव दिया गया है, जिसमें संतरा, गलगल, बेल, और ख़ूबानी सम्मिलित हैं। . . . लेकिन, मिलते-जुलते अरबी शब्द तुफ़ाक का मुख्यतः अर्थ है ‘सेब,’ और यह उल्लेखनीय है कि इस शब्द के प्रयोग के द्वारा इब्रानी स्थानों के नाम तप्पूह और बेत्तप्पूह (शायद इन स्थानों के आस-पास इस फल की व्यापकता के कारण इन्हें ये नाम दिए गए) उनके अरबी समानार्थों में प्रतिरक्षित हैं। (यहो. १२:१७; १५:३४, ५३; १६:८; १७:८) ये स्थान निम्नभूमि में नहीं थे बल्कि पहाड़ी प्रदेश में थे, जहाँ जलवायु सामान्यतः थोड़ी-बहुत शीतोष्ण होती है। इसके अतिरिक्‍त, अतीत में कुछ जलवायु-सम्बन्धी परिवर्तनों की संभावना को पूरी तरह रद्द नहीं किया जा सकता। सेब के वृक्ष आज इस्राएल में उगते हैं और इस प्रकार संतोषजनक रूप से बाइबल के विवरण पर ठीक बैठते प्रतीत होते हैं। विलियम थॉमसन, जिसने पिछली सदी में सीरिया और फिलिस्तीन में अनेक साल बिताए, ने यह भी रिपोर्ट किया कि फिलिस्टिया के मैदानों में अशकीलोन क्षेत्र में सेब के बगीचे मिले।—द लैंड एण्ड द बुक (अंग्रेज़ी), जे. ग्रैंड द्वारा संशोधित, १९१०, पृ. ५४५, ५४६.

“सेब के वृक्ष (पाइरस मालस) का उल्लेख मुख्यतः श्रेष्ठगीत में किया गया है, जहाँ शूलेम्मिन के चरवाहे साथी द्वारा की गई प्रेम की अभिव्यक्‍तियों की समानता सेब के वृक्ष की सुहावनी छाया और उसके फल की मिठास से की गई है। (श्रेष्ठ. २:३, ५) क्रमशः, वह उसकी साँस की तुलना सेबों की सुगन्ध से करता है। (श्रेष्ठ. ७:८; साथ ही ८:५ भी देखिए।) नीतिवचन २५:११ में ठीक समय पर कही हुई बात की समानता ‘चान्दी की टोकरियों में सोनहले सेबों’ से की गई है। सेब का मात्र एक और ज़िक्र योएल १:१२ में किया गया है। यह सामान्य परम्परा कि अदन का निषिद्ध फल सेब था बिना किसी शास्त्रीय आधार की है। उसी प्रकार, अभिव्यक्‍ति ‘आँख का सेब’ अंग्रेज़ी किंग जेम्स्‌ वर्शन (भज. १७:८; नीति. ७:२; और अन्य शास्त्रवचन) में पायी जाती है लेकिन यह इब्रानी अभिव्यक्‍ति नहीं है, इसका आक्षरिक अनुवाद है ‘[व्यक्‍ति की] आँख की पुतली।’”—शास्त्रवचनों पर अंतर्दृष्टि, खंड १, पृष्ठ १३१-२, १९८८ में वॉचटावर बाइबल एण्ड ट्रैक्ट सोसाइटी द्वारा प्रकाशित।

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