छोटा लेकिन शक्तिशाली
कनाडा के एक युवक, रॉबर्ट ने जीवन में अपने उद्देश्य की खोज में यूरोप की यात्रा की। उसने अनेक बातें देखीं जिसने उसे भविष्य के बारे में निराश कर दिया।
जब वह सेविल, स्पेन में एक कैफे में बैठा था, तो रॉबर्ट को यहोवा के गवाहों द्वारा प्रकाशित एक ट्रैक्ट थमाया गया। पहले-पहल तो रॉबर्ट संदेही था। “फिर भी, मैं ने उसे पढ़ा ज़रूर,” उसने कहा। “मैं समझा नहीं सकता, लेकिन मुझे लगा कि अचानक कोई बात अर्थ लेने लगी है। मेरी यात्राओं के दौरान, मैं ने मानव हताशा और पतन के अनेक रूप देखे थे, और बातों को बदलने की अपनी अयोग्यता पर मैं कुण्ठित था। वह ट्रैक्ट पढ़ने के बाद, मैं ने सोचा, ‘क्या इस “नयी दुनिया” के अस्तित्व में होने की संभावना है?’ फिर मैं ने सोचा, ‘हाँ, शायद है।’”
नयी आशा के साथ, रॉबर्ट ने कनाडा में यहोवा के गवाहों के कार्यालय को लिखा, और निवेदन किया कि उसके घर लौटने पर कोई उससे भेंट करने आए और बाइबल को समझने में उसकी मदद करे।
निःसंदेह, मौखिक शब्द शक्तिशाली होते हैं। लेकिन, कभी लिखित संदेश की शक्ति को कम न समझिए। चाहे कितने भी छोटे क्यों न हों, बाइबल-आधारित प्रकाशनों का एक प्रभावशाली आकर्षण होता है। वे मन और हृदय को छू लेते हैं, और भविष्य के लिए एक निश्चित आशा देते हैं।—इब्रानियों ४:१२.