“आनन्दित स्तुतिकर्ता” ज़िला अधिवेशन के लिए आइए
वर्ष १९९५ के ज़िला अधिवेशनों के लिए क्या ही बढ़िया शीर्षक चुना गया है: “आनन्दित स्तुतिकर्ता”! निःसंदेह, यही तो यहोवा के गवाह हैं। किसके स्तुतिकर्ता? निश्चय ही, यहोवा परमेश्वर के!
यहोवा अनेक तरीक़ों से बेजोड़, अनुपम, अतुलनीय, अद्वितीय है। वह सर्वशक्तिमान, सर्वज्ञ, न्याय में परिपूर्ण, और प्रेम का प्रतिरूप है। अन्य किसी से भी बढ़कर, वह हमारी उपासना और स्तुति पाने के योग्य है।
निश्चय ही हम उसके आनन्दित स्तुतिकर्ता होना चाहेंगे! हमारी मदद करने के लिए, यहोवा के गवाहों के शासी निकाय ने एक बढ़िया तीन-दिवसीय अधिवेशन कार्यक्रम का प्रबंध किया है। ये अधिवेशन १९९५ की गर्मियों में शुरू होंगे। ये तीन दिन निश्चय ही आनन्दपूर्ण होंगे, और यहोवा का हर गवाह पूरा प्रयास करना चाहेगा ताकि शुक्रवार सुबह को पहले गीत से लेकर रविवार दोपहर के आख़री गीत और प्रार्थना तक उपस्थित हो।