एक अर्थहीन अनुष्ठान?
सदियों से कैथोलिकों ने पापस्वीकृति संस्कार को माना है। फिर भी, अनेकों के लिए यह एक खोखला नित्यक्रम है। अपनी जवानी को याद करते हुए, बॉब नामक एक हाई स्कूल प्रधानाचार्य कहता है: “मैं एक किशोर था, और तब भी मैं ने इसे गंभीरता से नहीं लिया।” क्यों नहीं? उसके लिए, पापस्वीकृति एक अर्थहीन अनुष्ठान बन गयी थी। वह समझाता है: “पापस्वीकृति ऐसी थी मानो पापों से भरा अपना सारा सामान हवाई अड्डे पर सीमा-शुल्क वाले के सामने ले आना। वह आपसे आपके पापों के बारे में प्रश्न पूछता है और फिर उन विलास-वस्तुओं के लिए शुल्क देने के बाद, जो आपने विदेश रहते समय ख़रीदी थीं, आपको जाने देता है।”
उसी प्रकार, यू.एस. कैथोलिक (अंग्रेज़ी) में लिखते हुए, फ्रैंक वॆसलिंग पापस्वीकृति की प्रथा का वर्णन “एक अत्यधिक सरल किए गए क़दम-ब-क़दम मार्गदर्शन” के रूप में करता है, “जिसमें ऐसे साधारण पापों से लेकर, जिनके लिए पश्चाताप की रटी-रटाई प्रार्थना करके उन्हें भूला जा सकता है, नाममात्र पश्चाताप की आनुष्ठानिक क्रिया होती है।” वॆसलिंग का निष्कर्ष? “मैं विश्वस्त हूँ कि पापस्वीकृति व्यक्ति के आध्यात्मिक हित के लिए अच्छी है,” वह कहता है। “लेकिन जिस तरह कैथोलिक इसे करते हैं वह एक समस्या है।”
बाइबल पापस्वीकृति को एक बिलकुल ही भिन्न रीति से प्रस्तुत करती है। सबसे महत्त्वपूर्ण है परमेश्वर को पापस्वीकृति। (भजन ३२:१-५) और मसीही शिष्य याकूब ने लिखा: “यदि तुम में कोई रोगी हो, तो कलीसिया के प्राचीनों को बुलाए, और वे प्रभु के नाम से उस पर तेल मल कर उसके लिये प्रार्थना करें। इसलिये तुम आपस में एक दूसरे के साम्हने अपने अपने पापों को मान लो; और एक दूसरे के लिये प्रार्थना करो, जिस से चंगे हो जाओ।”—याकूब ५:१४, १६.
पाप के भार से दबा एक मसीही कलीसिया ओवरसियरों को बुला सकता है, जो कुकर्मी को अपना पापमय मार्ग त्यागने में मदद करने के लिए बाइबल से व्यक्तिगत और व्यावहारिक सलाह दे सकते हैं। ओवरसियर उपयुक्त प्रोत्साहन दे सकते हैं जैसे-जैसे वे आध्यात्मिक रूप से बीमार व्यक्ति की प्रगति को देखते हैं। आज गिरजों द्वारा माने गए औपचारिक अनुष्ठान से कितनी विषमता! कलीसिया प्राचीनों की व्यक्तिगत सहायता से मज़बूत होकर, पश्चातापी कुकर्मी वह राहत पा सकते हैं जो दाऊद ने महसूस की, जिसे उसने एक भजन में अभिव्यक्त किया: “जब मैं ने अपना पाप तुझ पर प्रगट किया और अपना अधर्म न छिपाया, और कहा, मैं यहोवा के साम्हने अपने अपराधों को मान लूंगा; तब तू ने मेरे अधर्म और पाप को क्षमा कर दिया।”—भजन ३२:५.