राज्य उद्घोषक रिपोर्ट करते हैं
भूतपूर्व शत्रु यहोवा की सेवा करने में संयुक्त
“पहली बार मैंने यहोवा के साक्षियों के बारे में जो सुना था वह तब था जब मैं बॉसनीया में एक हथियारबन्द पहरेदार के रूप में काम कर रहा था,” ब्रांका समझाता है।a
ब्रांका एक अस्पताल में, जिसमें ज़ख़्मी लोगों का उपचार किया जा रहा था, पहरेदार की ड्यूटी पर था। एक डाक्टर साक्षियों के साथ बाइबल अध्ययन कर रहा था, और एक रात की पाली में उसने ब्रांका को उन अधिकांश बातों के बारे में बताया जो उसने बाइबल के बारे में सीखी थीं।
उस रात ब्रांका ने जो कुछ भी सुना उससे वह इतना प्रभावित हुआ कि उसने तुरन्त अपने हथियार डाल दिए। और अधिक सीखने की इच्छा रखते हुए, वह साक्षियों के सम्पर्क में आया। कुछ समय बाद, दूसरे यूरोपीय देश में जाने पर, ब्रांका ने एक राज्यगृह का पता लगाया और यहोवा के साक्षियों की यूगोस्लाविया की कलीसिया की एक सभा में उपस्थित हुआ। यही वह जगह है जहाँ पर ब्रांका स्लॉबॉदान से मिला।
स्लॉबॉदान भी बॉसनीया से आया था और ब्रांका की तरह ही उसने भी उसी युद्ध में एक स्वयंसेवी के तौर पर काम किया था—लेकिन विरोधी दस्ते में। स्लॉबॉदान क्रोएशियाइयों के ख़िलाफ़ सर्बों के लिए लड़ा था। दोनों की मुलाकात के समय तक, स्लॉबॉदान यहोवा का एक बपतिस्मा-प्राप्त साक्षी बन चुका था। उसने अपने भूतपूर्व शत्रु, ब्रांका के साथ बाइबल अध्ययन करने का प्रस्ताव रखा। जैसे-जैसे अध्ययन आगे बढ़ता गया, ब्रांका ने यहोवा के बारे में अधिक सीखा, और परमेश्वर के लिए उसका प्रेम बढ़ा। इससे ब्रांका अपना जीवन सृष्टिकर्त्ता को समर्पित करने के लिए प्रेरित हुआ। अक्तूबर १९९३ में उसने अपने समर्पण को पानी में बपतिस्मा लेने के द्वारा चिन्हित किया।
स्लॉबॉदान एक यहोवा का साक्षी कैसे बना? उसने कुछ समय पहले बॉसनीया का युद्ध क्षेत्र छोड़ा था। उसने साक्षियों द्वारा दिए गए कुछ प्रकाशन पढ़े थे, लेकिन १९९२ की शुरुआत में दो साक्षियों के उसके घर आने से पहले, परमेश्वर के वचन में उसकी दिलचस्पी नहीं बढ़ी थी। कौन स्लॉबॉदान के पास आया था, उसे अपने साथ बाइबल का अध्ययन करने का आमंत्रण देने? वह मूयो था, जो बॉसनीया से ही आया था लेकिन जिसकी परवरिश एक मुस्लिम के तौर पर हुई थी। जैसे-जैसे बाइबल अध्ययन आगे बढ़ता गया, मूयो और स्लॉबॉदान, जो कभी शत्रु थे, एक दूसरे के विश्वास को मज़बूत करने के लिए प्रतिदिन कुछ समय एकसाथ बिताते।
भूतपूर्व यूगोस्लाविया में युद्ध ने लाखों लोगों की जानें ली हैं। लेकिन ब्रांका, स्लॉबॉदान, और मूयो अब यहोवा के साक्षियों की एक ही कलीसिया में सुसमाचार के पूर्ण-समय प्रचारकों के तौर पर सेवा कर रहे हैं। उन्होंने नृजातीय और जातीय झगड़ों पर विजय पाई है, और अब वे सृष्टिकर्त्ता, यहोवा के अधीन होते हुए शान्ति की खोज करते हैं।
लेकिन कौन-सी बात ऐसे परिवर्तन लाई है? वह यहोवा के लिए उनका प्रेम, बाइबल के लिए उनका आदर, और बाइबल सत्य को अपने जीवन में लागू करने की उनकी उत्सुकता है। जैसा कि पवित्र शास्त्र कहता है, “परमेश्वर का वचन जीवित, और प्रबल . . . है; और मन की भावनाओं और विचारों को जांचता है।”—इब्रानियों ४:१२.
[फुटनोट]
a कल्पित नाम प्रयोग किए गए हैं।