“सच्चाई के रत्न”
“सच्चाई के रत्न।” यहोवा के साक्षियों की नाईजीरिया शाखा को प्राप्त एक खत ने दो ख़ास पत्रिकाओं का इस प्रकार से वर्णन किया। लेखक, एक युवक, समझाता है:
“मैं प्रहरीदुर्ग और सजग होइए! पत्रिकाओं के ज़रिए रोज़ाना ज़िंदगी के लगभग सभी पहलुओं की चर्चा करने के आपके प्रयासों का तहेदिल से अपना शुक्रिया अदा करने के लिए लिख रहा हूँ।
“मैं १७ बरस का हूँ। पिछले साल स्थानीय रेडियो स्टेशन ने एक निबंध प्रतियोगिता रखी, जिसका शीर्षक था ‘प्रेम में सॆक्स से बढ़कर कुछ शामिल है—एडस् वास्तविक है।’ हरेक निबंध को चार सौ शब्दों से कम नहीं होना था। सर्वोत्तम निबंध के लिए १,००० नाएरे [$१२.५०, अमरीकी] का इनाम दिया जाना था। जी हाँ, उन्होंने कहा कि लोगों को मात्र इनाम जीतने की मंशा से नहीं लिखना चाहिए, बल्कि कुछ सीखने के लिए लिखना चाहिए। . . .
“मैंने दोनों पत्रिकाओं में एडस् के बारे में जानकारी पाई। प्रेम के बारे में, अनगिनत लेख थे। मैंने अगस्त ८, १९७८ के सजग होइए! (अंग्रेज़ी) के मुद्दों को इस्तेमाल किया।
“मेरा वह निबंध भेजे मुश्किल से दो महीने ही गुज़रे थे कि नतीजे प्रकाशित किए गए। मुझे आश्चर्य हुआ, मैं क्रास रिवर और आकवा ईबॆम प्रांतों में अव्वल आया था!
“जो भी जानकारी मैं ने प्रयोग की वे पत्रिकाओं से थीं। यह सचमुच अद्भुत है कि यहोवा इस अशांत और रोगग्रस्त संसार में हमारे लिए सामयिक जानकारी प्रदान करता है। सच्चे मसीहियों के तौर पर, हम जानते हैं कि प्रेम में सॆक्स से बढ़कर बहुत-कुछ शामिल है। और, जी हाँ, एक शुद्ध, नैतिक जीवन जीना एडस् जैसी बीमारियों से हमारी रक्षा करता है।
“सच्चाई के इन रत्नों के लिए मुझसे आपका शुक्रिया अदा किए बिना रहा नहीं गया, जिन्हें आप अथक रूप से प्रकाशित करते रहते हैं। ऐसा हो कि जैसे-जैसे आप इन मूल्यवान पत्रिकाओं को प्रदान करते रहते हैं, यहोवा आपके प्रयासों पर आशीष बरसाते रहे।”