आँखों में कटी रातें जो लाभकारी थीं
राजाओं की रातें भी आँखों में कटती हैं। सामान्ययुग पूर्व पाँचवीं शताब्दी में एक शक्तिशाली फारसी राजा, क्षयर्ष को एक रात नींद नहीं आयी। शायद यह सोचकर कि वह किसी कर्त्तव्य से चूक गया था, उसने राजसी रिकॉर्ड मँगवाकर पढ़वाये। उसे पता चला कि वफ़ादार सेवक, मोर्दकै ने एक हत्या की युक्ति विफल की थी लेकिन उसे इनाम नहीं दिया गया था। क्षयर्ष ने इस भूल को तुरंत सुधारने का निश्चय किया। परमेश्वर के लोगों पर उसके कार्यों के लाभकारी प्रभाव दिखाते हैं कि परमेश्वर ने ही राजा की नींद उड़ायी थी।—एस्तेर ६:१-१०.
दक्षिण अफ्रीका के तटीय नगर हरमानस में यहोवा के साक्षियों की कलीसिया के पास बाइबल के इस भाग को याद करने का कारण है। वे किराये के एक हॉल में मिला करते थे। कई सालों तक उन्होंने अपना ख़ुद का राज्यगृह बनाने के लिए ज़मीन ख़रीदने की कोशिश की थी। अंततः, १९९१ में नगर परिषद् ने एक बहुत अच्छी जगह पेश की।
लेकिन, कुछ लोगों ने विरोध किया कि यह जगह यहोवा के साक्षियों को न बेची जाए। कई महीनों के विलंब के बाद, कलीसिया को यह सूचना दी गयी कि गिरजों को जगह की बिक्री पर तीन साल का विलंबन लगा दिया गया है, और ज़मीन की पेशकश वापस ले ली गयी। मई १९९३ में कलीसिया ने फिर से परिषद् को लिखकर निवेदन किया कि अपने फ़ैसले पर पुनर्विचार करें। उन्हें एक वाक्य का जवाबी पत्र मिला, जिसमें कहा गया था कि विलंबन अभी-भी लगा हुआ है।
उस साल अक्तूबर में, नगर परिषद् की एक सदस्या को रात में नींद नहीं आयी। उसने यह जानने के लिए कि क्या किसी विषय पर ध्यान देने की ज़रूरत है, परिषद् के पुराने कार्य-विवरणों के पन्ने पलटते हुए समय गुज़ारा। उसका ध्यान साक्षियों द्वारा लिखे उस पत्र पर गया जिसमें उन्होंने परिषद् से निवेदन किया था कि अपने फ़ैसले पर पुनर्विचार करें। अतः उसने अपनी अगली सभा के अजॆंडा में यह विषय रखने का फ़ैसला किया। वह यह बताना चाहती थी कि यहोवा के साक्षियों ने गिरजों को जगह देने पर विलंबन लगाये जाने से पहले ज़मीन के लिए अर्ज़ी भरी थी।
कुछ समय बाद कलीसिया को वही जगह दी गयी जो शुरू में उन्हें १९९१ में पेश की गयी थी! वह मेन रोड पर है। कलीसिया के सदस्य और दिलचस्पी रखनेवाले वहाँ आसानी से पहुँच सकते हैं। उन्होंने एक सुंदर-सा राज्यगृह बनाया है, जो अक्तूबर ५, १९९६ में यहोवा को समर्पित किया गया।
जबकि कलीसिया को खेद है कि परिषद् सदस्या को बेचैनी में रात गुज़ारनी पड़ी, फिर भी उसे इस बात से दिलासा मिल सकता है कि राजा क्षयर्ष ने भी एक रात वैसे ही गुज़ारी थी। और दोनों ही क़िस्सों में परिणाम लाभकारी था। हरमानस की कलीसिया निश्चित ही बहुत आभारी है कि उनके पास अपना राज्यगृह है, इस लोकप्रिय तटीय नगर में शुद्ध उपासना और ईश्वरशासनिक प्रशिक्षण का एक केंद्र है।—इब्रानियों १०:२४, २५.