क्या मरियम की मौत स्वाभाविक कारणों से हुई?
वैटिकन के समाचार-पत्र लॉ ओसेरवॉतोरे रोमानो के अनुसार, मरियम के स्वर्गारोहण का कैथोलिक धर्ममत कहता है: “पहले पाप के दाग से सुरक्षित रखी गयी पवित्र कुँवारी का जब पृथ्वी पर जीवन समाप्त हुआ तब उसके शरीर और आत्मा को स्वर्ग की महिमा में उठा लिया गया।” इस शिक्षा के कारण कैथोलिक धर्म के कुछ शिक्षक दावा करते हैं कि मरियम “की मौत नहीं हुई और पृथ्वी के जीवन से तुरंत उठाकर उसे स्वर्गीय महिमा में पहुँचाया गया,” जैसा कि वह समाचार-पत्र कहता है।a
हाल ही में, पोप जॉन पॉल द्वितीय ने इस मामले को अलग तरीके से समझाया। जून २५, १९९७ को वैटिकन की आम सभा में उसने कहा: “मरियम की मौत किन हालात में हुई इसके बारे में नया नियम कुछ नहीं बताता। इस विषय पर चुप्पी के कारण यह अनुमान लगाया जा सकता है कि मौत स्वाभाविक रीति से हुई और ऐसी कोई खास बात नहीं हुई जिसे लिखा जाता। . . . जो लोग यह मानते हैं कि उसकी मृत्यु स्वाभाविक कारणों से नहीं हुई, उनके विचारों का कोई आधार नज़र नहीं आता।”
पोप जॉन पॉल के इस कथन से ‘मरियम के पवित्र जन्म’ के धर्म सिद्धांत की बहुत भारी कमी सामने आ जाती है। अगर यीशु की माँ को ‘पहले पाप के दाग से सुरक्षित रखा गया’ था तो मरियम “स्वाभाविक कारणों” से कैसे मर सकती थी, जो विरासत में पापपूर्ण आदम द्वारा दिए गए पाप का नतीजा हैं? (रोमियों ५:१२) यीशु की माँ के बारे में कैथोलिक चर्च के विकृत दृष्टिकोण के कारण धार्मिक शिक्षाओं के बारे में यह दुविधा पैदा हो गयी है। बेशक इस बात को लेकर कैथोलिक चर्च के अंदर ही फूट और गड़बड़ी पैदा हो गयी है।
बाइबल मरियम के नम्र, वफादार और श्रद्धालु होने के बारे में बताती है, लेकिन वह इन गुणों को “मरियम के पवित्र जन्म” के साथ नहीं जोड़ती। (लूका १:३८; प्रेरितों १:१३, १४) बाइबल साफ-साफ कहती है: “सब ने पाप किया है और परमेश्वर की महिमा से रहित हैं।” (रोमियों ३:२३) जी हाँ, मरियम ने विरासत में पाप और अपरिपूर्णता पायी जैसे दूसरे मनुष्यों ने भी पायी है और इसका कोई सबूत नहीं कि उसकी मौत स्वाभाविक कारणों से नहीं हुई।—१ यूहन्ना १:८-१० से तुलना कीजिए।
[फुटनोट]
a फरवरी १५, १९९४ की प्रहरीदुर्ग (अंग्रेज़ी) में, पृष्ठ २६-९ पर लेख “मरियम का स्वर्गारोहण—परमेश्वर द्वारा प्रकट किया गया धर्म सिद्धांत?” देखिए।