राज्य उद्घोषक रिपोर्ट करते हैं
नम्रता से यहोवा के मार्ग पर चलना
“हे पृथ्वी के सब नम्र लोगों, . . . [यहोवा] को ढूंढ़ते रहो।” इब्रानी भविष्यवक्ता सपन्याह ने २६ सदियों पहले इस न्यौते की घोषणा की थी और आज भी सारी पृथ्वी के लोगों को यह न्यौता दिया जा रहा है। (सपन्याह २:३) यहोवा को ढूँढ़ने का क्या मतलब है? यह खोज एकमात्र सच्चे और जीवित परमेश्वर यहोवा का ज्ञान लेने से शुरू होती है।—यिर्मयाह १०:१०; यूहन्ना १७:३.
लेकिन सिर्फ ज्ञान लेने से ही परमेश्वर हमें स्वीकार नहीं कर लेता। परमेश्वर को खुश करने के लिए व्यक्ति को यह ज्ञान काम में लाना चाहिए। कैसे? नम्रता से अपने सोच-विचार और व्यवहार को परमेश्वर के दरजों के अनुसार बदलकर, जैसे सुरीनाम के इस अनुभव से चित्रित होता है।—इफिसियों ४:२२-२४.
तीस पार कर चुका एडी एक स्कूल में शिक्षक है। वह ऐसे सवालों के संतोषजनक जवाब पाने के लिए तरस रहा था: ‘आज के समाज में धर्म कौन-सी भूमिका अदा करता है?’ और ‘क्या बाइबल जो एक पुरानी किताब है आज के विज्ञान से मेल खाती है?’ जब यहोवा के साक्षी उसके पास आए और उन्होंने बाइबल से ही इन सवालों के जवाब दिए, तो एडी ने कान लगाकर इन जवाबों को सुना। उसने नोट्स् भी लिए ताकि साक्षियों के जवाबों की जाँच कर सके।
इससे पहले, एडी एक ऐसे धर्म से जुड़ा हुआ था जिसने उसे सिखाया था कि परमेश्वर ने बंदरों का विकास करके अंत में उनसे मनुष्य को बनाया। सो जब साक्षियों ने उसे जीवन—यह यहाँ कैसे आया? क्रमविकास से या सृष्टि से? (अंग्रेज़ी) किताब पेश की, उसने तुरंत ले ली। इस किताब में बाइबल के सृष्टि के वृत्तांत की दी गयी स्पष्ट समझ का उस पर बड़ा असर हुआ। बाइबल के अध्ययन से उसे विश्वास हो गया कि उसने सच्चाई पा ली है!
लेकिन अब उसके सामने एक इम्तहान था। एडी ऐसे मकान में रहता था जहाँ चोरी-चकारी और बेईमानी आम बात थी। अब उसे एक चुनाव करना था: साथ रहनेवाले अपने साथियों जैसा गंदा जीवन जीए या परमेश्वर को महिमा देनेवाले जीवन की खातिर ऐसे चालचलन को ठुकरा दे। एडी ने बुद्धिमानी से फैसला किया और परमेश्वर को महिमा देनेवाला जीवन चुना। उसने बुरी संगति छोड़ दी और उस मकान से निकल आया।—१ कुरिन्थियों १५:३३, ३४.
राज्यगृह में सभाओं में आने के बाद से एडी तेज़ी से प्रगति करने लगा। उसका कपड़े पहनने और बाल बनाने का तरीका बेहतर हो गया और वह जो सीख रहा था उसके बारे में अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को बताने लगा। बाद में, उसकी खुशी और बढ़ गयी जब उसे सब लोगों को “सुसमाचार” प्रचार करने के लिए स्वीकार किया गया। (मत्ती २४:१४; प्रेरितों २०:२०) दिसंबर १९९६ में वह दिन भी आया जिसका वह बेसब्री से इंतज़ार कर रहा था, जब उसने यहोवा को अपने समर्पण का प्रतीक पानी के बपतिस्मे से दिया।
हर साल सच्चे दिल के लाखों लोग ‘यहोवा को ढूँढ़ने’ का न्यौता स्वीकार कर रहे हैं। ऐसा करते वक्त वे नीतिवचन २२:४ की सच्चाई का अनुभव करते हैं। इसमें कहा है: “नम्रता और यहोवा के भय मानने का फल धन, महिमा और जीवन होता है।” जी हाँ, नम्रता से यहोवा के मार्ग पर चलकर, सच्चाई के प्रेमी आज ऐसी आशीषें पाते हैं और उन्हें यकीन है कि यहीं, इसी पृथ्वी पर उन्हें अनंतकाल की आशीषें मिलेंगी।—भजन ३७:२९.
[पेज 18 पर नक्शे]
(भाग को असल रूप में देखने के लिए प्रकाशन देखिए)
केरिबियन सागर
सुरीनाम
गयाना
फ्रेंच गयाना
ब्राज़ील
[चित्र का श्रेय]
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