क्या आप सही-गलत में फर्क कर सकते हैं?
“मैंने करीब-करीब २५ लोगों की जानें ली हैं। . . . रोज़-ब-रोज़, रात-दिन उसकी छवि मेरी नज़रों के सामने घूमती है। मुझे डरावने सपने आते हैं। . . . जब मैं कहीं जाता हूँ, तो मुझे ऐसे चेहरे दिखते हैं जो मुझे उन लोगों की याद दिलाते हैं जिन्हें मैंने मारा था। मुझे यह बहुत साफ-साफ दिखता है, मानो यह आज ही, अभी, इसी वक्त हुआ हो। . . . जो भी मैंने किया है उसके लिए मैं अपने आप को कभी माफ नहीं कर सकता।”—वी.एस.
“मुझे हुक्म दिया गया था कि मैं जाकर दुश्मनों का खातमा करूँ। . . . तब मैंने बैठकर यह नहीं सोचा कि वे स्त्री, पुरुष और बच्चे हैं। . . . मुझे तब भी लगा और मुझे अब भी यही लगता है कि जैसा मुझसे कहा गया था, मैंने वैसा ही किया। जो हुक्म मुझे दिया गया था मैंने उसी को अंजाम दिया और मुझे नहीं लगता कि मैंने कुछ गलत किया है।”—डब्ल्यू.सी.
मार्च १६, १९६८ को ऊपर बताए गए दोनों व्यक्तियों ने एक ऐसे युद्ध में भाग लिया था जिसे बाद में घोर अपराध कहा गया। दूसरे सैनिकों के साथ, इन दोनों ने वियतनाम के एक छोटे-से गाँव में प्रवेश कर सैकड़ों लोगों को घात किया था—जिनमें स्त्रियाँ, बच्चे और बुज़ुर्ग शामिल थे। मगर देखिए इन दोनों सैनिकों की प्रतिक्रिया कितनी अलग-अलग है। साफ ज़ाहिर है कि पहला सैनिक अपने किए पर बेहद पछता रहा है। लेकिन दूसरा सैनिक यही सोचता है कि उसने जो भी किया, वह सही था। एक ही वाकए के बारे में दो व्यक्ति इतनी अलग-अलग प्रतिक्रिया कैसे दिखा सकते हैं?
इसका ताल्लुक विवेक से है। विवेक परमेश्वर द्वारा दी हुई वह क्षमता है जो हमें ईमानदारी से अपने गिरेबान में झाँकने और अपने कार्यों व इरादों को जाँचने में मदद करती है। विवेक सही और गलत के बारे में हमारे अंदर उठनेवाला एहसास है।
फैसले करते वक्त, अकसर कुछ लोग ऐसा कहते हैं: “फैसला अपने विवेक पर छोड़ दो।” लेकिन, अफसोस की बात है कि विवेक पर हमेशा भरोसा नहीं किया जा सकता। सच है कि कई लोगों ने हद से ज़्यादा भयंकर क्रूरताओं को होने दिया है, यहाँ तक कि खुद ऐसा किया भी है, लेकिन उनके विवेक ने उन्हें बिलकुल भी परेशान नहीं किया। (यूहन्ना १६:२; प्रेरितों ८:१) एक अंग्रेज़ उपन्यासकार सैमुएल बटलर ने एक बार कहा कि विवेक “जल्द ही ऐसे लोगों को टोकना बंद कर देता है जो उसकी सुनना पसंद नहीं करते।”
क्या आप अपने विवेक पर भरोसा कर सकते हैं? इसका जवाब ज़्यादातर इस बात पर निर्भर करता है कि उसे कितनी अच्छी तरह से सिखाया जाता है। और यही जानकारी अगला लेख देगा।
[पेज 3 पर चित्र का श्रेय]
ऊपर युद्ध की तसवीर: U.S. Signal Corps photo