“किंगडम हॉल का एक दृश्य”
कॉलेज में पढ़नेवाली एक लड़की, लॉराa को एक होमवर्क दिया गया था कि वह किसी धार्मिक स्थल का दौरा करके उसके बारे में एक निबंध लिखे। उसने यहोवा के साक्षियों के वहाँ जाने का फैसला किया और अपने निबंध का नाम दिया, “किंगडम हॉल का एक दृश्य।” लॉरा को साक्षियों के बारे में कौन-सी बातें नई लगीं? उसने कई बातों का ज़िक्र किया, जैसे:
बच्चे: “बच्चे भी बड़ों के साथ ही बैठे हुए थे। लेकिन मैंने बाकी चर्चों में देखा कि बच्चे अपने माता-पिता के साथ नहीं होते क्योंकि उनके लिए अलग से संडे स्कूल होता है।”
कोई जाति-भेद नहीं: “आम-तौर पर एक चर्च में एक ही जाति या भाषा के लोग होते हैं। . . . लेकिन यहोवा के साक्षियों में मैंने देखा कि सभी जाति के लोग एक-साथ मिलकर बैठे हुए थे।”
प्यार-भरा स्वागत: “कई लोगों ने मेरे पास आकर मुझसे बात की। . . . कुछ लोगों ने तो मुझसे यह भी पूछा कि क्या यहोवा के साक्षियों में से कोई मुझे बाइबल पढ़ा रहा है। लेकिन उन्होंने मुझ पर बाइबल पढ़ने का दबाव नहीं डाला। बल्कि उन्होंने यह . . . फैसला मुझ पर छोड़ दिया।”
चंदे नहीं माँगे गए: “एक बात देखकर मैं बिलकुल दंग रह गई, वह यह कि किसी ने कोई चंदा नहीं माँगा। . . . बाकी चर्चों में मैंने देखा कि बच्चों के संडे स्कूल में भी चंदा माँगा जाता है।”
पूरी दुनिया में यहोवा के साक्षियों के करीब ९०,००० कलीसियाएँ हैं। क्यों न आप भी अपने नज़दीक के किसी किंगडम हॉल में जाएँ और ये सब खुद अपनी आँखों से देखें?
[फुटनोट]
a नाम बदला गया है।