राज्य उद्घोषक रिपोर्ट करते हैं
नामीबिया में परमेश्वर के काम में बढ़ौतरी
सन् १९२५ से १९३० के बीच, नामीबिया में पहली बार परमेश्वर के राज्य का सुसमाचार पहुँचा। उस समय से लेकर आज तक, सच्चे दिल के सैकड़ों लोगों ने सच्चाई को अपनाया है। क्योंकि उन्हें पूरा भरोसा है कि छुटकारा उन्हें सिर्फ परमेश्वर ही देगा। आगे दिए गए अनुभवों से यह साफ ज़ाहिर होता है कि किस तरह यहोवा उसके रास्ते पर चलनेवालों को अपने संगठन में ला रहा है।—हाग्गै २:७.
◻ पोलस, एक किसान है जो नामीबिया के उत्तर-पूर्व में रहता है। यहोवा के साक्षियों से पहली बार उसकी मुलाकात नामीबिया की राजधानी विन्तहुक में हुई। सुसमाचार सुनने के बाद उसे पक्का यकीन हो गया कि सच्चा धर्म यही है। और उसी वक्त उसने यहोवा के साक्षियों से एक किताब ले ली जिसका नाम था आप पृथ्वी पर परादीस में सर्वदा जीवित रह सकते हैं। उसके बाद पोलस अपने घर के सबसे नज़दीकी किंगडम हॉल में गया जो रून्दू शहर में है। वहाँ जाकर वह साक्षियों से मिला और उनसे विनती की कि वे आकर उसे बाइबल सिखायें।
मगर फासला बहुत लंबा होने की वज़ह से साक्षी उसके पास हर हफ्ते बाइबल स्टडी कराने नहीं आ सकते थे। फिर भी उसने हार नहीं मानी और खुद बाइबल पढ़नी शुरू कर दी। इतना ही नहीं, वह जो कुछ भी बाइबल से सीख रहा था, उसे बड़े जोश के साथ दूसरों को भी बताता था। और कुछ ही समय में वहाँ एक बाइबल स्टडी ग्रुप शुरू हो गया। एक बार इस छोटे से ग्रुप ने रेडियो पर सुना कि रून्दू शहर में यहोवा के साक्षियों का सम्मेलन होने जा रहा है तो उन्होंने वहाँ जाने का फैसला किया। उन्होंने अपनी कमाई से जो कुछ भी थोड़ा-बहुत बचाया था उसे इकट्ठा कर के एक गाड़ी का इन्तज़ाम किया और उस सम्मेलन में हाज़िर हुए।
वे कितने खुश थे क्योंकि वे पहली बार यहोवा के साक्षियों से मिल रहे थे। यह दिन वे कभी भूल नहीं सकते थे! इसके फौरन बाद कुछ काबिल भाइयों को चुना गया, जो इन लोगों के साथ बाइबल स्टडी कर सकें। कितनी खुशी की बात है कि आज पोलस के गाँव में छ: प्रकाशक हैं।
◻ योहाना ने एक बार किसी को यहोवा के साक्षियों के बारे में उलटी-सीधी बातें कहते सुना। जब उसने यहोवा नाम सुना तो उसके मन में यहोवा के बारे में जानने की इच्छा पैदा हो गयी। वह कहती है, “जब मैंने पहली बार यहोवा का नाम सुना तो यह नाम मेरे दिलो-दिमाग में इस तरह बैठ गया कि मैं यहोवा के बारे में और ज़्यादा जानने के लिए बेचैन हो उठी। उस समय मैं अपने पति के साथ नामीबिया के तट पर वॊल्वस बे में रहती थी। एक बार जब हम शहर गये थे तो वहाँ हमने सड़क पर कुछ साक्षियों को वॉचटावर पत्रिका देते हुए देखा। क्योंकि मेरे मन में कई सवाल थे इसलिए मैंने भी तुरंत एक पत्रिका ले ली और बाइबल स्टडी के लिए उनसे निवेदन किया। मगर दूसरे दिन रास्ते में साक्षियों की गाड़ी खराब हो गयी और इस वज़ह से वे नहीं आ सके। मुझे बहुत दुःख हुआ और मैं खूब रोई। कुछ समय बाद मेरे पति भी चल बसे तो मैं केतमानशोप शहर जाकर रहने लगी। इस शहर में एक स्पॆशल पायनियर (पूर्ण समय प्रचारक) को भेजा गया था जिससे मैंने सत्य जो अनन्त जीवन की ओर ले जाता है किताब ली। शुरूआत से ही मुझे पूरा यकीन था कि यही सच्चा धर्म है।
“मुझे प्रचार के काम में भाग लेने को कहा गया, लेकिन लोगों से बात करने के नाम से ही, डर के मारे मेरी हालत खराब हो जाती थी। मैं इतनी डर जाती कि एक घर से दूसरे घर जाते वक्त यहोवा से कहती कि प्रचार करने के बजाय मुझे मौत दे दे। और जब मैं पहली बार सड़क गवाही के लिए निकली तो मैं एक छोटी-सी गली में जाकर खड़ी हो गई ताकि किसी की नज़र मुझ पर ना पड़े। लेकिन आखिर में, मैंने कुछ हौसला जुटाकर आने-जानेवाले लोगों को पत्रिका दिखाई जिससे मेरे अन्दर दूसरों को प्रचार करने की हिम्मत पैदा हो गयी। और इस तरह उस दिन मैं यहोवा की मदद से बहुत सारे लोगों को बाइबल में दी गई आशा के बारे में बता सकी।
“बारह साल बाद, आज पैसों की तंगी होने के बावजूद मेरे पास एक कीमती खज़ाना है और वो है पायनियरिंग की बढ़िया आशीष। दूसरों को राज्य की सच्चाई बताने से बढ़कर खुशी मुझे किसी और काम में मिल ही नहीं सकती।”