वॉचटावर ऑनलाइन लाइब्रेरी
वॉचटावर
ऑनलाइन लाइब्रेरी
हिंदी
  • बाइबल
  • प्रकाशन
  • सभाएँ
  • w03 6/15 पेज 30
  • पाठकों के प्रश्‍न

इस भाग के लिए कोई वीडियो नहीं है।

माफ कीजिए, वीडियो डाउनलोड नहीं हो पा रहा है।

  • पाठकों के प्रश्‍न
  • प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—2003
  • मिलते-जुलते लेख
  • चौकन्‍ने रहिए—शैतान आपको निगल जाना चाहता है!
    प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—2015
  • अपने दुश्‍मन को पहचानिए
    प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है (अध्ययन)—2018
  • शैतान की साज़िशों के विरुद्ध दृढ़ खड़ा रहो
    प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—1989
  • शैतान और उसकी धूर्त चालों का विरोध कीजिए
    “खुद को परमेश्‍वर के प्यार के लायक बनाए रखो”
और देखिए
प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—2003
w03 6/15 पेज 30

पाठकों के प्रश्‍न

क्या शैतान अर्थात्‌ इब्‌लीस में इंसानों का मन पढ़ने की काबिलीयत है?

हम यह पूरे दावे के साथ तो नहीं कह सकते, मगर ऐसा लगता है कि ना तो शैतान और ना ही उसके पिशाचों में हमारा मन पढ़ने की काबिलीयत है।

शैतान का वर्णन करने के लिए उसे जो नाम दिए हैं, ज़रा उन पर गौर कीजिए। उसे शैतान (विरोधी), इब्‌लीस (निंदक), साँप (धोखेबाज़ का पर्यायवाची), लुभानेवाला, झूठा कहा गया है। (अय्यूब 1:6; मत्ती 4:3, ईज़ी-टू-रीड वर्शन; यूहन्‍ना 8:44; 2 कुरिन्थियों 11:3; प्रकाशितवाक्य 12:9) मगर इनमें से एक भी नाम यह ज़ाहिर नहीं करता कि शैतान में लोगों का दिमाग पढ़ने की क्षमता है।

लेकिन इसके विपरीत यहोवा के बारे में कहा गया है कि वह ‘मनों को जांचता है।’ (नीतिवचन 17:3; 1 शमूएल 16:7; 1 इतिहास 29:17) इब्रानियों 4:13 कहता है: “सृष्टि की कोई वस्तु उस [यहोवा] से छिपी नहीं है बरन जिस से हमें काम है, उस की आंखों के साम्हने सब वस्तुएं खुली और बेपरद हैं।” इसमें हैरत की बात नहीं कि यहोवा ने अपने पुत्र यीशु को भी हमारे मनों को जाँचने की काबिलीयत दी है। पुनरुत्थित यीशु ने कहा: “हृदय और मन का परखनेवाला मैं ही हूं: और मैं तुम में से हर एक को उसके कामों के अनुसार बदला दूंगा।”—प्रकाशितवाक्य 2:23.

बाइबल नहीं कहती कि शैतान में इंसानों का हृदय और मन जाँचने की क्षमता है। यह एक बहुत महत्त्वपूर्ण बात है, क्योंकि प्रेरित पौलुस हमें भरोसा दिलाता है कि मसीही “[शैतान] की युक्‍तियों से अनजान नहीं।” (2 कुरिन्थियों 2:11) इसलिए हमें यह सोचकर डरना नहीं चाहिए कि शैतान में कुछ ऐसी अनोखी काबिलीयत है जिससे हम अनजान हैं।

लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हमारा दुश्‍मन हमारी कमज़ोरियों और खामियों को पहचान नहीं सकता। शैतान सदियों से इंसानी तौर-तरीकों को देखता और समझता आया है। वह भले ही हमारे दिमाग को न पढ़ सके मगर वह हमारे रवैयों से हमें भाँप लेता है। जैसे वह देखता है कि हम किस तरह के मनोरंजन का आनंद लेते हैं और हमारी बातें भी वह सुनता है। वह हमारे चेहरे और शरीर के हाव-भाव से भी अंदाज़ा लगा सकता है कि हम क्या सोच रहे हैं या कैसा महसूस कर रहे हैं।

लेकिन सब बातों की एक बात यह है कि शैतान फाँसने के लिए आज भी वही चाल चलता है, जो उसने अदन के बाग में चली थी—झूठ, धोखा और गलत जानकारी। (उत्पत्ति 3:1-5) जबकि मसीहियों को यह सोचकर डरने की ज़रूरत नहीं कि शैतान उनके मनों को पढ़ लेगा, लेकिन उनके लिए चिंता की एक बात ज़रूर है कि वह न जाने किस तरह के विचार उनके मनों में भरने की कोशिश करे। शैतान यही चाहता है कि मसीहियों की ‘बुद्धि बिगड़ जाए और वे सत्य से विहीन हो जाएँ।’ (1 तीमुथियुस 6:5) तभी तो उसने इस संसार में लोगों को भ्रष्ट करनेवाली जानकारी और मनोरंजन बड़ी तादाद में भर रखे हैं। इस हमले से बचने के लिए मसीहियों को “उद्धार का टोप” पहनकर अपने दिमाग की रक्षा करनी चाहिए। (इफिसियों 6:17) ऐसा वे बाइबल की सच्चाई को अपने हृदय में भरने और शैतानी संसार के घटिया प्रभावों से दूर रहने के ज़रिए कर सकते हैं।

शैतान ऐसा दुश्‍मन है जो हममें डर पैदा करता है, फिर भी हमें उससे या उसके पिशाचों से खौफ खाने की ज़रूरत नहीं। याकूब 4:7 हमारी हिम्मत बढ़ाते हुए कहता है: “शैतान का साम्हना करो, तो वह तुम्हारे पास से भाग निकलेगा।” अगर हम इस सलाह को मानें तो यीशु की तरह हम भी यह कह सकेंगे कि शैतान का हम पर कोई ज़ोर नहीं है।—यूहन्‍ना 14:30.

    हिंदी साहित्य (1972-2025)
    लॉग-आउट
    लॉग-इन
    • हिंदी
    • दूसरों को भेजें
    • पसंदीदा सेटिंग्स
    • Copyright © 2025 Watch Tower Bible and Tract Society of Pennsylvania
    • इस्तेमाल की शर्तें
    • गोपनीयता नीति
    • गोपनीयता सेटिंग्स
    • JW.ORG
    • लॉग-इन
    दूसरों को भेजें