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प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—2005
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मैसडोनिया में ज़रूरत पूरी करना

“पार उतरकर मकिदुनिया में आ; और हमारी सहायता कर।” (प्रेरितों 16:9) प्रेरित पौलुस को मिले एक दर्शन में एक आदमी ने जब यह बात कही तो ज़ाहिर हुआ कि उस नए इलाके यानी उन शहरों में परमेश्‍वर के राज्य की खुशखबरी सुनाने की ज़रूरत थी जो आज यूनान में हैं।

आज मकिदुनिया या मैसडोनिया नाम के देश में औसतन एक साक्षी को 1,840 लोगों को खुशखबरी सुनानी है। यहाँ के ज़्यादातर लोगों ने यहोवा परमेश्‍वर का नाम तक नहीं सुना है। जी हाँ, यहाँ के लोगों को शांति का पैगाम सुनाने की सख्त ज़रूरत है।—मत्ती 24:14.

परमेश्‍वर ने इस ज़रूरत को पूरा करने के लिए एक रास्ता खोल दिया। नवंबर 2003 में एक दिन मैसडोनिया के स्कॉपये शहर में यहोवा के साक्षियों के शाखा दफ्तर को अचानक एक फोन आया। यह फोन ‘मैसडोनियन सेंटर फॉर इंटरनैशनल कोऑपरेशन’ नाम के संगठन से था। इस संगठन ने तीन दिन की एक प्रदर्शनी का इंतज़ाम किया था, जो नवंबर 20 से शुरू होनेवाली थी। साक्षियों को न्यौता दिया गया कि वे भी उस प्रदर्शनी में एक छोटा-सा स्टॉल लगाएँ और अपनी शिक्षाओं के बारे में लोगों को समझाएँ। यह उन हज़ारों लोगों तक पहुँचने का क्या ही सुनहरा मौका था, जिन्होंने कभी राज्य की खुशखबरी नहीं सुनी थी!

यहोवा के साक्षियों में से स्वयंसेवक, मैसडोनियन भाषा में साक्षियों की अलग-अलग किताबों-पत्रिकाओं का एक स्टॉल तैयार करने और उसे प्रदर्शनी की जगह पर लगाने में जी-जान से जुट गए। वहाँ उन किताबों-पत्रिकाओं की कुछ कॉपियाँ रखी गयीं, ताकि जिसे जो पसंद आए वह ले जाए। इस प्रदर्शन की वजह से कई लोगों को ताज़गी देनेवाला आध्यात्मिक जल मुफ्त में पाने का मौका मिला।—प्रकाशितवाक्य 22:17.

लोगों ने ऐसे विषयों पर लिखे साहित्य में खास दिलचस्पी दिखायी जो उनकी ज़िंदगी से जुड़े थे, जैसे युवाओं के प्रश्‍न—व्यावहारिक उत्तर और पारिवारिक सुख का रहस्य।a अट्ठानवे लोगों ने अपने पते दिए और गुज़ारिश की कि यहोवा के साक्षी उनसे मुलाकात करें। बहुतों ने यहोवा के साक्षियों के बढ़िया कामों और उनके बेहतरीन साहित्य की तारीफ की।

एक आदमी अपने नन्हे बेटे का हाथ पकड़े उस स्टॉल के पास आया। उसने पूछा कि क्या छोटे बच्चों के लिए भी कोई किताब है। साक्षियों ने उसे बाइबल कहानियों की मेरी पुस्तकb किताब दिखायी। उसने जब किताब के पन्‍ने पलटकर देखे तो वह बहुत खुश हुआ और उसने उसका दाम पूछा। उसे बताया गया कि यहोवा के साक्षी लोगों को सिखाने का जो काम करते हैं, वह अपनी मरज़ी से दिए जानेवाले दान से चलता है। (मत्ती 10:8) यह सुनकर वह और भी खुश हुआ। उसने अपने बेटे को किताब दिखाकर कहा: “देखो, यह कितनी अच्छी किताब है ना! पापा तुम्हें रोज़ इसमें से एक कहानी पढ़कर सुनाएँगे!”

तत्त्वज्ञान का एक प्रोफेसर भी वहाँ आया। उसे सभी धर्मों में और खासकर यहोवा के साक्षियों की शिक्षाओं में बहुत दिलचस्पी थी। जब उसने परमेश्‍वर के लिए मानवजाति की खोज (अँग्रेज़ी)c किताब के पन्‍ने पलटकर देखे तो बोला: “इसमें जानकारी को वाकई सिलसिलेवार ढंग से पेश किया गया है! सबकुछ बिलकुल वैसा ही लिखा है जैसा मैंने सोचा था।” बाद में उसके स्कूल के कुछ विद्यार्थी भी आए और उन्होंने पूछा कि क्या उन्हें उस किताब की एक-एक कॉपी मिल सकती है जो उनके प्रोफेसर ने ली थी। वे भी उस किताब का अध्ययन करना चाहते थे। उन्होंने सोचा कि प्रोफेसर उन्हें पढ़ाते वक्‍त उस किताब में दी जानकारी का इस्तेमाल करेगा।

प्रदर्शनी से कुछ लोगों को पहली बार बाइबल की सच्चाइयों के बारे में सुनने और पढ़ने का मौका मिला। बधिर किशोरों की एक टोली यह देखने के लिए वहाँ आयी कि क्या उनके लिए कोई किताब वहाँ मिल सकती है। एक साक्षी ने साइन लैंग्वेज जाननेवाली एक लड़की की मदद से उनके साथ थोड़ी देर बात की। वह सर्वश्रेष्ठ मनुष्य जो कभी जीवित रहाd किताब की तसवीरें दिखाकर साक्षी ने समझाया कि जब यीशु धरती पर था, तो उसने कई बीमारों को चंगा किया था, जिनमें बधिर भी थे। उन बधिर किशोरों को बाइबल का यह वादा “सुनकर” बड़ी खुशी हुई कि भविष्य में भी बहुत जल्द यीशु लोगों के लिए ऐसा ही करेगा। उन बधिरों में से कइयों ने खुशी-खुशी बाइबल के साहित्य लिए। और उनसे दोबारा मुलाकात करने के लिए साइन लैंग्वेज जाननेवाले एक साक्षी का इंतज़ाम किया गया।

मैसडोनियन भाषा के अलावा अँग्रेज़ी, अल्बेनियाई और तुर्की भाषा में भी साहित्य उपलब्ध कराए गए। एक आदमी जो मैसडोनियन भाषा नहीं जानता था, उसने कुछ अँग्रेज़ी साहित्य की गुज़ारिश की। जब उसे प्रहरीदुर्ग और सजग होइए! पत्रिकाएँ दी गयीं, तो उसने कहा कि वह दरअसल तुर्की भाषा बोलता है। जब इस भाषा के साहित्य दिखाए गए, तो उसे अपनी आँखों पर विश्‍वास ही नहीं हुआ! उसे यह समझते देर न लगी कि यहोवा के साक्षी सचमुच हरेक की मदद करना चाहते हैं।

प्रदर्शनी की जगह पर लोगों को क्या ही बढ़िया गवाही दी गयी, और इतने सारे लोगों को बाइबल की सच्चाई में दिलचस्पी लेते देखकर साक्षियों को बहुत खुशी हुई! जी हाँ, यहोवा ने मैसडोनिया में ज़्यादा-से-ज़्यादा लोगों को राज्य की खुशखबरी सुनाने का मौका खोल दिया है।

[फुटनोट]

a इन्हें यहोवा के साक्षियों ने प्रकाशित किया है।

b इन्हें यहोवा के साक्षियों ने प्रकाशित किया है।

c इन्हें यहोवा के साक्षियों ने प्रकाशित किया है।

d इन्हें यहोवा के साक्षियों ने प्रकाशित किया है।

[पेज 9 पर बक्स/तसवीरें]

एक खास घटना!

मई 17, 2003 को एक खास घटना हुई जो मैसडोनिया में परमेश्‍वर के राज्य की खुशखबरी सुनाने में एक बड़ा कदम थी। स्कॉपये में यहोवा के साक्षियों के एक नए शाखा दफ्तर का समर्पण किया गया। इसे तैयार होने में दो साल लगे थे। यह पहले दफ्तर के मुकाबले चार गुना बड़ा है।

इसमें तीन अलग-अलग इमारतें हैं, जिनमें प्रशासन और अनुवाद के काम के लिए दफ्तर, रहने के कमरे, एक रसोईघर और एक लॉन्ड्री है। यहोवा के साक्षियों के शासी निकाय के सदस्य, गाय पीयर्स ने समर्पण भाषण दिया। इस कार्यक्रम के लिए दस देशों से मेहमान आए थे। उन नयी-नयी सुंदर इमारतों को देखकर सभी खुशी से फूले न समाए!

[पेज 8, 9 पर नक्शा]

(भाग को असल रूप में देखने के लिए प्रकाशन देखिए)

बल्गारिया

मैसडोनिया

स्कॉपये

अल्बेनिया

यूनान

[पेज 8 पर तसवीर]

स्कॉपये, मैसडोनिया

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