उन्हें क्रिसमस से कुछ बेहतर मिला
लाखों मसीहियों ने क्रिसमस ना मनाने का फैसला किया है। अपने इस फैसले के बारे में वे क्या कहते हैं? क्या उन्हें ऐसा लगता है कि उनकी ज़िंदगी में किसी बात की कमी है? क्या उनके बच्चों को लगता है कि वे दूसरों की तरह मज़े नहीं कर पाते? ध्यान दीजिए कि इस बारे में अलग-अलग देशों में रहनेवाले कुछ यहोवा के साक्षियों का क्या कहना है।
ईव
यीशु मसीह को याद करना: “साक्षी बनने से पहले मैं कभी-कभार ही चर्च जाती थी, जैसे क्रिसमस और ईस्टर पर। और जाती भी थी, तो यीशु मसीह के बारे में इतना नहीं सोचती थी। अब मैं क्रिसमस तो नहीं मनाती, पर मैं हफ्ते में दो बार मसीही सभाओं में जाती हूँ। यहाँ तक कि मैं दूसरों को भी सिखाती हूँ कि बाइबल में यीशु के बारे में क्या लिखा है!”—ईव, ऑस्ट्रेलिया।
रूबन
दूसरों को देने से खुशी पाना: “अगर कोई यूँ ही अपने मन से मुझे तोहफा देता है, तो मुझे बहुत अच्छा लगता है। क्योंकि मैंने सोचा ही नहीं होता कि वे मुझे सरप्राइज़ देंगे। मैं भी दूसरों के लिए कार्ड बनाता हूँ और उन्हें तसवीरें बनाकर देता हूँ। इससे उन्हें भी खुशी मिलती है और मुझे भी अच्छा लगता है।”—रूबन, उत्तरी आयरलैंड।
एमिली
ज़रूरतमंदों की मदद करना: “जो लोग बीमार रहते हैं, उनके लिए कुछ करने से हमें बहुत खुशी मिलती है। हम उनके लिए खाना बनाते हैं। कभी-कभी उनके लिए फूल, केक या कोई छोटा तोहफा ले जाते हैं। इससे उनका हौसला बढ़ता है। और हम साल के किसी भी दिन ऐसा कर सकते हैं!”—एमिली, ऑस्ट्रेलिया।
वेन्डी
परिवार के साथ वक्त बिताना: “जब भी हमारा परिवार इकट्ठा होता है, तो हमारे बच्चे अपने दादा-दादी, नाना-नानी, भाई-बहनों और दूसरे रिश्तेदारों को जान पाते हैं, उनके साथ अच्छे-से वक्त बिता पाते हैं। हमें यह टेंशन नहीं होती कि हमें साल के किसी खास दिन उनसे मिलना ही है। और परिवारवाले भी जानते हैं कि हम उनसे इसलिए मिलने आते हैं, क्योंकि हम उनसे प्यार करते हैं।”—वेन्डी, कैमेन द्वीप-समूह।
सान्ड्रा
शांति: “जब क्रिसमस आता है, तो करने को इतना कुछ होता है कि लोग शांति से दो पल नहीं बिता पाते, ना ही यह सोच पाते हैं कि रिश्तों में शांति या खुशी कैसे लाएँ। मैंने बाइबल से जाना है कि परमेश्वर ने इंसानों से क्या वादे किए हैं, इसलिए मुझे बहुत सुकून महसूस होता है। मुझे यकीन है कि मेरे बच्चों का भविष्य अच्छा होगा।”—सान्ड्रा, स्पेन।