बाइबल से जुड़े सवालों के जवाब
हमें यीशु की मौत को क्यों याद करना चाहिए?
यीशु की मौत की वजह से हमें भविष्य के लिए क्या आशा मिलती है?—यशायाह 25:8; 33:24
यीशु की मौत इतिहास में घटी सबसे अहम घटना थी। उसने अपनी जान कुरबान की ताकि इंसानों को दोबारा वह ज़िंदगी मिल सके, जो परमेश्वर उनके लिए चाहता था। जब परमेश्वर ने इंसान को बनाया था, तो वह यह नहीं चाहता था कि इंसान बुरे-बुरे काम करें, बीमार हों और मर जाएँ। (उत्पत्ति 1:31) पहले इंसान आदम से इस दुनिया में पाप आया। हमें पाप और मौत से छुटकारा दिलाने के लिए यीशु ने अपनी जान दी।—मत्ती 20:28; रोमियों 6:23 पढ़िए।
परमेश्वर ने अपने बेटे को धरती पर भेजा, ताकि वह हमारे लिए अपनी जान दे सके। इस तरह परमेश्वर ने हमारे लिए अपना प्यार ज़ाहिर किया। (1 यूहन्ना 4:9, 10) यीशु ने अपने शिष्यों से कहा कि वे उसकी मौत के दिन को याद करने के लिए इकट्ठा हुआ करें। हर साल ऐसा करके हम दिखाते हैं कि हम यहोवा और यीशु के प्यार के लिए एहसानमंद हैं। इस मौके पर यीशु और उसके शिष्यों ने रोटी खायी और दाख-मदिरा पी। तो क्या आज भी इस समारोह में हाज़िर होनेवाले सभी लोग ऐसा करते हैं?—लूका 22:19, 20 पढ़िए।
किन्हें रोटी और दाख-मदिरा खानी-पीनी चाहिए?
जब यीशु ने पहली बार अपने शिष्यों से कहा था कि वे उसकी मौत के दिन को याद करें, तो उसने उनसे एक वादा किया था। (मत्ती 26:26-28) वे और कुछ गिने-चुने लोग यीशु के साथ स्वर्ग में राज करते। हालाँकि करोड़ों लोग यीशु की मौत को याद करने के लिए इकट्ठा होते हैं, लेकिन सिर्फ कुछ ही लोग रोटी खाते हैं और दाख-मदिरा पीते हैं, जिन्हें यीशु के साथ स्वर्ग में राज करने के लिए चुना गया है।—प्रकाशितवाक्य 5:10 पढ़िए।
पिछले करीब 2,000 सालों से यहोवा परमेश्वर उन लोगों को चुन रहा है, जो स्वर्ग में उसके बेटे के साथ राज करेंगे। (लूका 12:32) जो लोग हमेशा तक धरती पर जीएँगे, उनके मुकाबले इन लोगों की गिनती बहुत कम है।—प्रकाशितवाक्य 7:4, 9, 17 पढ़िए। (w15-E 03/01)