थियोक्रेटिक मिनिस्ट्री स्कूल का पुनर्विचार
थियोक्रेटिक मिनिस्ट्री स्कूल में अक्तूबर ३०, १९८९ से फरवरी १२, १९९०, के सप्ताहों में चर्चा की गयी बातों का बिना पुस्तक खोले हुए पुनर्विचार। दिए गए समय में जितने प्रश्नों के उत्तर आप दे सकते हैं, उनको लिखने के लिए एक अलग कागज़ का उपयोग करें।
[सूचनाः लिखित पुनर्विचार के दौरान, कोई भी प्रश्न का उत्तर देने के लिए, सिर्फ बाइबल उपयोग किया जा सकता है। आपके व्यक्तिगत खोज के लिए प्रश्नों के बाद संदर्भ दिये गये हैं। वॉचटावर और प्रहरीदुर्ग के संदर्भ के बाद हर जगह पर पृष्ठ और परिच्छेद क्रमांक नहीं दिये गये हैं।]
निम्नलिखित विधानों को सही या गलत चिन्हित कीजिये:
१. जकर्याह ६:१२ में उल्लेखित “शाख” यीशु मसीह है। [si पृष्ठ १७१ परि. २५]
२. जकर्याह ८:२३ ने भविष्यवाणी की कि “दूसरी भेड़” की “बड़ी भीड़” सच्ची उपासना में बचे हुओं से मिलेंगी। (प्रका. ७:९; यूहन्ना १०:१६) [w HI ८८ ३/१ पृष्ठ २०]
३. रोमियों की पुस्तक में पौलुस ने यह ठोस रीति से स्थापित किया कि परमेश्वर के सामने यहूदी और गैर-यहूदियों को समान स्थान है। [si पृष्ठ २०४ परि. २]
४. प्रेरित पौलुस ने अपनी किसी एक मिशनरी यात्राओं पर रोम में मण्डली स्थापित की। [si पृष्ठ २०५ परि. ३]
५. यीशु के शिष्यों में से केवल कुछ ही इस बात के गवाह बनें कि यीशु मरे हुओं में से पुनरूत्थान प्राप्त किया। [si पृष्ठ २११ परि. २०]
६. उस पुरुष के वास्तविक दुःख और पश्चाताप के कारण ही पौलुस ने कूरिन्थी मण्डली से उस पुरुष को वापस लेने के लिए प्रोत्साहित किया, जिसे उन्होंने अपने पहले पत्र में बहिष्कृत करने के लिए कहा था। [si पृष्ठ २१३ परि. ६]
७. इसलिए कि पौलुस ने परमेश्वर से तीन बार, उसके शरीर में का “एक काँटा” निकालने के लिए प्रार्थना की, उसकी बिनती स्वीकार की गयी। [si पृष्ठ २१५, परि. १६]
८. मरकुस १२:४१-४४ की गरीब स्त्री ने, बहुत कम मूल्य के दो सिक्कें डालने के द्वारा सच्ची उपासना के समर्थन में निःस्वार्थता का एक उत्कृष्ट उदाहरण स्थापित किया। [साप्ताहिक बाइबल पठन; wHI ८९ ११/१ पृष्ठ ३२ देखें]
९. मरकुस १५:३४ से ऐसे प्रतीत होता है कि यीशु अपने विश्वास में विचलित हो गया, यह सोचकर कि परमेश्वर ने उसे त्याग दिया था। [साप्ताहिक बाइबल पठन; w ८७ ६/१५ पृष्ठ ३१ देखें]
१०. व्यभिचार के बारे में जानने के बाद एक व्यभिचारी साथी के साथ लैंगिक सम्वन्धों को पुनःआरम्भ करने का अर्थ निर्दोष व्यक्ति की ओर से माफी है। [साप्ताहिक बाइबल पठन; w ८१ ३/१ पृष्ठ ३०.]
निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर दें:
११. यरुशलेम के मन्दिर के सम्बन्ध में कैसी स्थिति थी जब जकर्याह भविष्यवाणी करने लगा था? [si पृष्ठ १६८ परि. १]
१२. सभी लोग पाप के अधीन होने पर भी, किस रीति से यहुदियों ने श्रेष्ठता पायी? [si पृष्ठ २०६ परि. ९]
१३. रोमियों १३:१-७ के अनुसार, वे उच्च अधिकारी कौन हैं जिनके अधीन मसीहियों को रहना था, और मुख्यतः किस उद्देश्य से? [si पृष्ठ २०७ परि. १६]
१४. कुरिन्थियों के लिए अपनी पहली चिट्ठी में किस तर्क के द्वारा पौलुस ने दिखाया कि कोई भी, मनुष्यों पर गौरव नहीं कर सकता? [si पृष्ठ २१० परि. ९]
१५. वह चट्टान कौन था जिस पर मसीह ने अपनी मण्डली बनायी? [साप्ताहिक बाइबल पठन; w ८७ १२/१५ पृष्ठ ८ देखें]
१६. एक अपदूत के बारे में जब यीशु ने ऐसे कहा: “यह जाति बिना प्रार्थना किसी और उपाय से निकाल नहीं सकती”, तब उसका अर्थ क्या था? (मरकुस ९:२९) [साप्ताहिक बाइबल पठन; w८२ ६/१ पृष्ठ ३१ देखें।]
१७. मत्ती १६:४ में उल्लेखित “यूनुस का चिन्ह” क्या था? [साप्ताहिक बाइबल पठन; w ८२ ११/१ पृष्ठ ३१ देखें]
१८. मलाकी ३:१ में उल्लेखित “वाचा का वह दूत” कौन है? [w ८७ ६/१५ पृष्ठ १२]
निम्नलिखित विधानों में दी गयी रिक्त जगह भर दे:
१९. मलाकी _______________ के समकालीन था। [si पृष्ठ १७२ परि. २]
२०. हम यहोवा के मेंज़ और _______________ के हिस्सेदार नहीं बन सकते। [si पृष्ठ २१० परि. १६]
२१. वह “जवान” जो यीशु को गिरफ्तार करनेवालों से बच निकला सम्भवतः _______________ था। (मरकुस १४:५१,५२) [साप्ताहिक बाइबल पठन; w HI ८९ ११/१ पृष्ठ ३१ देखें]
२२. यह तथ्य कि मरकुस ने मरकुस ७:११ में पायी अभिव्यक्ति “कुरबान” के समान अन्य अभिव्यक्तियों की परिभाषा करने में बाध्य माहसूस किया यह दिखाता है कि उस ने मुख्यतः _______________ पाठकों को ध्यान में रखते हुए लिखा था। [साप्ताहिक बाइबल पठन; w HI ८९ ११/१ पृष्ठ ३१ देखें]
२३. चूँकि वह _______________ नहीं होना चाहता था, यीशु ने वह द्राक्षिरा पीने से इनकार किया जिस में पित्त मिलाया हुआ था। (मत्ती. २७:३४) [साप्ताहिक बाइबल पठन; w HI ८९ ९/१ पृष्ठ ३२ देखें]
२४. मत्ती २६:६४ में यीशु ने धैर्यपूर्वक दानियल ७:१३,१४ की भविष्यवाणी को _______________ पर लागू किया। [साप्ताहिक बाइबल पठन; w HI ८८ ३/१ पृष्ठ १६ देखें]
निम्नलिखित विधानों के योग्य जवाब को रेखांकित करें:
२५. अदम से (इब्राहिम; मूसा; मसीह) तक मृत्यु राजा के रूप में राज्य किया। [si पृष्ठ २०६ परि.१०]
२६. पौलुस ने कुरिन्थियों को अपनी पहली चिट्ठी (रोम; मकेदोनिया; इफीसस) से करीब ५५ सा.यु में लिखा। [si पृष्ठ २०९ परि. ३]
२७. जब पौलुस ने कुरिन्थियों को अपनी दूसरी चिट्ठी लिखी तब, (उस मण्डली ने उनकी पहली चिट्ठी प्राप्त नहीं की थी; चिट्ठियों के बीच काफी समय बीता नहीं था; कुछ तीन साल बीत चुके थे) [si पृष्ठ २१३, परि. १]
२८. डेकापोलिस नगर (ग्रीक या युनानी संस्कृति; सामरी धर्म; यहूदीवाद) के केंद्र थे। (मरकुस ५:२०) [साप्ताहिक बाइबल पठन; w HI ८९ ११/१ पृष्ठ ३१ देखें]
२९. केवल (मत्ती; मरकुस; लूका) ने इलीशिबा के बाँझपन, उसका गर्भधारण, और यूहन्ना के जन्म के बारे में उल्लेख किया था। [साप्ताहिक बाइबल पठन; w HI ९० १/१ पृष्ठ २८ देखें]
३०. (मत्ती २०:३०; मरकुस १०:४६; लूका १८:३५) दूसरे दो वर्णनों के विरोध नहीं हैं; वह केवल अधिक सुस्पष्ट है। [साप्ताहिक बाइबल पठन; w HI ८९ २/१ पृष्ठ ५ देखें]
आगे दिए हुए वचनों का निम्नलिखित बयानों के साथ योग्य मेल लगाये:
मल. ३:१-१८; मत्ती २२:३०; मत्ती २३:२७, २८; मरकुस ४:३८; रोमि. ११:१३-२४
३१. यहोवा लेवी के पुत्रों को साफ करते हुए और दुष्टों के विरोध एक शीघ्र गवाही के रूप में न्याय के लिए अपने मन्दिर में आएगा। [si पृष्ठ १७३ परि.१०]
३२. जैतून पेड़ के उदाहरण का उपयोग करते हुए, पौलुस ने गैर-यहूदियों को दिखाया कि उन्हें इस्त्राएल के अस्वीकरण पर आनन्द नहीं मनाना था। [si पृष्ठ २०६ परि. १४]
३३. यीशु सम्भवतः दुम्बाल पर एक गद्दी या तकिए पर लेटा हुआ था। [साप्ताहिक बाइबल पठन; wHI ८९ ११/१ पृष्ठ ३१ देखें]
३४. इस अन्तर्निहित सलाह का पालन करना हमें कुटिलता और पाखण्ड से दूर रहने मे मदद देगा। [साप्ताहिक बाइबल पठन; wHI ८९ ९/१ पृष्ठ ३२ देखें]
३५. एक मसीही जिसका साथी मर चुका है इस अपेक्षा से अविवाहित रहने के लिए बाध्य महसूस नहीं होने देना है कि उसका साथी पुनरुत्थान में उससे फिर मिल जाएगा। [साप्ताहिक बाइबल पठन; w ८७ ६/१ पृष्ठ ३०-१ देखें]