थियोक्रेटिक मिनिस्ट्री स्कूल का पुनर्विचार
थियोक्रेटिक मिनिस्ट्री स्कूल में जुलाई २ से अक्तूबर १५, १९९० के सप्ताहों में चर्चा की गयी बातों का बिना पुस्तक खोले हुए पुनर्विचार। दिए गए समय में जितने प्रश्नों के उत्तर आप दे सकते हैं, उनको लिखने के लिए एक अलग कागज़ का उपयोग करें।
[सूचनाः लिखित पुनर्विचार के दौरान, कोई भी प्रश्न का उत्तर देने के लिए, सिर्फ बाइबल उपयोग किया जा सकता है। आपके व्यक्तिगत खोज के लिए प्रश्नों के बाद संदर्भ दिये गये हैं। वॉचटावर और प्रहरीदुर्ग के संदर्भ के बाद हर जगह पर पृष्ठ और परिच्छेद क्रमांक नहीं दिये गये हैं।]
निम्नलिखित विधानों को सच या झूठ चिन्हित कीजिये:
१. तीमुथियुस ने पौलुस से जो बातें सीखी थी, उन्हें दूसरों को नहीं बताना था। [si पृष्ठ २३६ परि. ६]
२. अपने अन्तिम न्याय और प्राणदण्ड की अपेक्षा करते हुए, पौलुस ने दो बार तीमुथियुस को उत्तेजित किया कि वह जल्द ही मरकुस को और त्रोआस में छोड़े गए चर्म्मपत्रों को लेकर उसके पास आए। [si पृष्ठ २३५ परि. २, ३]
३. यद्यपि इब्रानियों को लिखे पत्र में पौलुस का नाम नहीं दिखाई देता, इस में कोई शक नहीं कि उन्होंने ही उसे लिखा था। [si पृष्ठ २४१ परि. २, ३]
४. यद्यपि इब्रानियों की पुस्तक में गहरी शास्त्रीय सच्चाईयों के बारे में मूल्यवान विवरण दिए गए हैं, यहूदी भाईयों के दैनिक जीवन में इसका कोई व्यावहारिक मूल्य नहीं था। [si पृष्ठ २४२ परि. ९]
५. बाइबल लेखक याकूब, यीशु का सौतेला भाई, यीशु की पर्थिव सेवकाई के दौरान उसका शिष्य नहीं था। [si पृष्ठ २४६ परि. १]
६. पिन्तेकुस्त सा. यु. ३३ की अद्भुत घटनाएँ देर दोपहर को घटित हुई। [साप्ताहिक बाइबल पठन; wHI९० ५/१ पृष्ठ २९ देखें]
७. कुरनेलियुस के बपतिस्मा ने, जो पहला धर्मान्तरित व्यक्ति था, “सत्तर सप्ताहों” का अन्त सूचित किया। (दानि. ९:२४) [साप्ताहिक बाइबल पठन; wHI९० ५/१ पृष्ठ २९ देखें]
८. फिलिप्पी में पौलुस और बरनबास के गवाही कार्य ने एक कोलाहल उत्पन्न किया और उनकी गिरफ्तारी में परिणित हुआ, और कैद से छुटकारा एक भूकंप के द्वारा हुआ। [साप्ताहिक बाइबल पठन; w९० ५/१ पृष्ठ ३० देखें]
९. इफिसुस में पौलुस ने प्राचीनों से भेंट की और कहा कि कैसे उसने सार्वजनिक रूप से और घर-घर उन्हें सिखाया था। [साप्ताहिक बाइबल पठन; wHI९० ५/१ पृष्ठ ३१ देखें]
१०. अगर केवल बपतिस्मा का पानी ही पापों को धो डालता, तो फिर एक व्यक्ति को हर नए पाप के बाद पुनः बपतिस्मा लेना पड़ता। (प्रेरितों के काम २२:१६) [साप्ताहिक बाइबल पठन]
निम्नलिखित सवालों के जवाब दें:
११. इफिसुस में रहने के लिए पौलुस ने तीमुथियुस को प्रोत्साहित क्यों किया? [si पृष्ठ २३३ परि. ७]
१२. मसीहियों पर सा. यु. ६४ के महान अग्निकांड का कैसे असर पड़ा? [si पृष्ठ २३५ परि. १]
१३. वह फ़रार गुलाम उनेसिमुस का मालिक कौन था? [si पृष्ठ २३९ परि. १, २]
१४. पौलुस विश्वास की क्या परिभाषा देता है? [si पृष्ठ २४४ परि. २०]
१५. एक पंथ क्या है? (प्रेरितों के काम २४:५) [साप्ताहिक बाइबल पठन; g ८८ १/८ पृष्ठ २६ देखें]
१६. रोम में अपने पहले कारावास के दौरान पौलुस ने कौनसे पाँच धार्मिक पत्र लिखे? [साप्ताहिक बाइबल पठन; wHI९० ५/१ पृष्ठ ३१ देखें]
१७. पौलुस (शाऊल) “पैने पर लात” कैसे मार रहा था? (प्रेरितों के काम २६:१४) [साप्ताहिक बाइबल पठन; w७८ ४/१ पृष्ठ २३ देखें]
१८. पौलुस रोम जाने के लिए इतना उत्सुक क्यों था? (रोमि. १:११, १२) [साप्ताहिक बाइबल पठन; wHI९० ८/१ पृष्ठ ३१ देखें]
निम्न लिखित विधानों में दी गयी रिक्त जगह भर दे:
१९. तीमुथियुस के नाम पहली पत्री पौलुस के द्वारा _______________ के बीच लिखी गयी थी। [si पृष्ठ २३२ परि. २]
२०. तीतुस के नाम अपने पत्र में पौलुस ने कहा कि एक अध्यक्ष को “_______________” होना चाहिए। [si पृष्ठ २३८ परि. ५]
२१. स्वाभाविक इस्राएल _______________ और _______________ के कारण परमेश्वर के विश्राम में प्रवेश नहीं कर सके। [si पृष्ठ २४२ परि. १२]
२२. इब्राहिम के साथ परमेश्वर की प्रतिज्ञा दो अविकारी बातों के कारण दृढ़ किया गया: _______________। [si पृष्ठ २४३ परि. १४]
२३. सुसमाचार लेखकों में केवल _______________ ही यीशु के निष्कपट भाषणों और अपनी आखरी रात को प्रेरितों के पक्ष में की गयी प्रार्थना अभिलिखित करता है। [साप्ताहिक बाइबल पठन; wHI९० २/१ पृष्ठ २६ देखें]
२४. प्रेरितों के काम ८:९-२४ के अनुसार, उत्तरदायी पद संभालनेवाले मसीहियों को _______________ के दोषी नहीं बनना था। [साप्ताहिक बाइबल पठन; wHI८७ ११/१ पृष्ठ ११ परि.९ देखें]
निम्न लिखित विधानों के योग्य जवाब को रेखांकित करें:
२५. उन व्यक्तियों को जो पाप की आदत डालते हैं, (केवल प्राचीनों; सभी दर्शकों; सम्पूर्ण मण्डली) के सामने फटकारना चाहिए। [si पृष्ठ २३४ परि. १३]
२६. पौलुस ने तीतुस को अपना पत्र तब लिखा जब तीतुस (रोम; कुरिन्थ; क्रेते) में था। [si पृष्ठ २३७ परि. १]
२७. यीशु (नयी वाचा; इब्राहिमी वाचा; एक स्वर्गीय राज्य के लिए वाचा) का मध्यस्थ है। [si पृष्ठ २४३ परि. १७]
२८. प्रेरितों के काम १२:१, २ में बताया गया हेरोद (महान हेरोदेस; हेरोदेस अन्तिपास; हेरोदेस अग्रिप्पा पहला) था। [साप्ताहिक बाइबल पठन; wHI९० ५/१ पृष्ठ २९ देखें]
२९. पौलुस की पहली मिशनरी यात्रा (पिसिदिया के अन्ताकिया; अन्ताकिया, सिरिया; यरूशलेम) में शुरु हुई। [साप्ताहिक बाइबल पठन; wHI९० ५/१ पृष्ठ २९ देखें]
३०. कुरिन्थ में इतनी दिलचस्पी दिखायी गयी थी कि पौलुस उस शहर में (१८ महिने; १२ महिने; ६ महिने) रहा। [साप्ताहिक बाइबल पठन; wHI९० ५/१ पृष्ठ ६० देखें]
आगे दिये हुए वचनों का निम्नलिखीत बयानों के साथ योग्य मेल लगाये:
यूहन्ना १४:२७; २०:३१; प्रेरितों के काम ६:३; रोमि. १:१६, १७; ६:१२
३१. ग़रीबों के लिए प्राचीन मसीहियों ने क्या प्रबन्ध किया था? [साप्ताहिक बाइबल पठन; wHI८७ १२/१ पृष्ठ १० परि. २ देखें]
३२. यीशु के कारण प्राप्त मसीहियों का नया जीवन उन्हें अपनी शारीरिक कमज़ोरियों से लड़ने के लिए बाध्य करता है। [साप्ताहिक बाइबल पठन; wHI९० ८/१ पृष्ठ ३० देखें]
३३. अपना सुसमाचार लेख लिखने का प्रेरित यूहन्ना का घोषित उद्देश्य यह था। [साप्ताहिक बाइबल पठन; wHI९० २/१ पृष्ठ २६ देखें]
३४. धार्मिक व्यक्ति विश्वास के द्वारा जीता है। [साप्ताहिक बाइबल पठन; wHI९० ८/१ पृष्ठ २९ देखें]
३५. वह शांति जो यीशु ने अपने शिष्यों को दिया वह उनके दिल और मन को शांत किया। [साप्ताहिक बाइबल पठन; wHI९० २/१ पृष्ठ २७ देखें]