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प्रश्‍न पेटी

◼बपतिस्मा के अवसर पर उपस्थित लोग अपना आनन्द किस तरह व्यक्‍त कर सकते हैं?

बपतिस्मा एक आनन्दित अवसर है। हमें नए लोगों को यहोवा की तरफ़ अपना पक्ष लेते और अपने विश्‍वास को सब के सामने दर्शाते हुए देखकर खुशी होती है। (भजन ४०:८) यीशु ने कहा कि यह स्वर्ग में बहुत हर्ष का कारण था। (लूका १५:१०) बपतिस्मा लेनेवालों के परिवार के सदस्य और वे प्रचारक, जिन्होंने इनके साथ अभ्यास किया, ख़ास तौर से आनन्दित हैं, जब वे नए व्यक्‍तियों को यह अत्यावश्‍यक क़दम लेते देखते हैं। लेकिन ऐसा आनन्द किस तरह उचित रूप से व्यक्‍त किया जा सकता है?

यीशु के बपतिस्मा से आज के मसीही बपतिस्माओं के लिए एक आदर्श स्थापित हुआ। उसे समझ थी कि जो क़दम वह लेने जा रहा था, यह एक गंभीर और संजीदा क़दम है। जब उसका बपतिस्मा हो रहा था, वह प्रार्थना कर रहा था। (लूका ३:२१, २२) उसे मालूम था कि बपतिस्मा मनन करने और संजीदा रूप से विचार करने का वक़्त था। उसके शिष्यों ने भी बपतिस्मा के महत्त्व को समझा। सामान्य युग के वर्ष ३३ के पिन्तेकुस्त के दिन पवित्र आत्मा के उँडेले जाने के बाद, तक़रीबन ३,००० लोगों ने बपतिस्मा लिया। जिन शिष्यों ने उस घटना को प्रत्यक्ष देखा, उनकी प्रतिक्रिया क्या थी? “वे प्रेरितों से शिक्षा पाने, और संगति रखने में और रोटी तोड़ने में और प्रार्थना करने में लौलीन रहे।” (प्रेरितों २:४१, ४२) शिष्यों ने आत्मिक बातों पर मनन किया और एक दूसरे को मेहमानदारी दिखायी।

आधुनिक समय की मसीही सभाओं की विशिष्टता बपतिस्मा रही है। जब हम व्यक्‍तियों को यहोवा की तरफ़ अपना पक्ष लेते देखते हैं, तब ताली बजाने और सराहना देने के द्वारा हमारे आनन्द को व्यक्‍त करना निश्‍चय ही उचित है। दूसरी ओर, अनियंत्रित वाहवाही के प्रदर्शन, सीटी बजाना, सिर के ऊपर बाँहें हिलाना, और ज़ोर से किसी को नाम से पुकारना अनुचित होगा। ऐसे आचरण से विश्‍वास की इस अभिव्यक्‍ति की गंभीरता और पावनता के लिए क़दरदानी का अभाव दर्शाया जाता है। और न ही यह बपतिस्मा पाए हुए लोगों को जैसे ही वे बपतिस्मा के कुण्ड से निकलते हैं, फूल या अन्य भेंट देकर आडंबरी दिखावा करने का उचित वक़्त होगा। बपतिस्मा उद्धार के लिए मसीही दौड़ की शुरुआत को चिह्नित करता है। हम बपतिस्मा लेनेवालों को इस बात की क़दर करने की मदद करने के द्वारा, कि बपतिस्मा से यहोवा के साथ कैसे क़रीबी रिश्‍ते का मौक़ा खुल जाता है, आनन्द मना सकते हैं और प्रोत्साहन दे सकते हैं।

बपतिस्मा की जगह हँसी-मज़ाक करने, खेलने, तैरने, या ऐसे अन्य प्रकार के आचरण के लिए उचित जगह नहीं, जिस से इस मौक़े की गंभीरता घटा दी जा सकती है। हमारा आनन्द एक सम्मानित रीति से व्यक्‍त होना चाहिए। हमारी व्यवस्था और गंभीरता उपस्थित सभी लोगों के आनन्द में सहायक होगा।

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