जहाँ आपने दिलचस्पी पायी वहाँ लौटिए
हम में से अनेक जनों को अभिदान प्राप्त करने और पत्रिकाएँ तथा ब्रोशर वितरित करने में सफलता मिली है। यह महत्त्वपूर्ण है कि हम लौटें और अधिक दिलचस्पी को उत्तेजित करने का प्रयास करें। ऐसा करने में हमारी सफलता शायद इस बात पर निर्भर हो कि पुनःभेंट करने से पहले हम कितनी अच्छी तरह तैयारी करते हैं।
२ याद रखिए कि अधिकांश युवा लोग उन्हीं बातों के बारे में चिन्तित हैं जो प्रौढ़ व्यक्तियों को चिन्तित करती हैं। अवेक! के मई अंकों में ऐसे लेख हैं जो सामयिक समस्याओं की जाँच युवा लोगों के दृष्टिकोण से करते हैं। ये लेख ऐसी अंतर्दृष्टि प्रदान करते हैं जो युवजनों साथ ही उनके माता-पिता को यह क़दर करने में मदद कर सकती है कि वास्तव में जीवन में क्या बातें महत्त्व रखती हैं।
३ यदि आपने मई ८ “अवेक!” (अर्ध-मासिक संस्करण) दी है, आप दुबारा भेंट करते वक्त मई २२ का अंक प्रस्तुत करने की योजना कर सकते हैं। आप कह सकते हैं:
▪“जो पिछला अंक मैंने आपके पास छोड़ा था उसमें बच्चों के लिए आशा के विषय पर लेख प्रस्तुत किए गए थे। हमारे बच्चों को एक ऐसे संसार में बड़ा होना पड़ता है जो भविष्य के लिए कोई आशा प्रदान नहीं करता। उनमें से अनेक जन अपना रोष विद्रोही आचरण के द्वारा दिखाते हैं। लेकिन कुछ हैं जो अपना संतुलन बनाए रखते हैं और उच्च आदर्शों का पालन करते हैं। नवीनतम अवेक! का यह लेख समझाता है कि कैसे एक उच्च न्यायालय एक किशोर की स्थिति का समर्थन करता है। इसमें जो कहा गया है मैं सोचता हूँ आप उसकी क़दर करेंगे।”
४ यदि गृहस्वामी ने आपकी पहली भेंट पर पत्रिकाओं की सिर्फ़ एकल प्रतियाँ लीं, तो जब आप लौटते हैं तब इस तरीक़े का प्रयोग करने से अभिदान प्रस्तुत करने का निर्णय कर सकते हैं:
▪“पिछली बार इस पृथ्वी के भविष्य के बारे में हमारी संक्षिप्त चर्चा से मुझे आनन्द हुआ। क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि यहाँ जीवन कैसा होगा जब परमेश्वर दुष्टता और दुःख-तकलीफ़ का अंत करेगा? क्या आप जानते थे कि प्रहरीदुर्ग (या अवेक!) उन आशीषों की ओर नियमित रूप से ध्यान आकर्षित करती है, और उनका वर्णन करती है जिन्हें परमेश्वर का राज्य लाएगा? [जिस पत्रिका को आपने छोड़ा था या जो आपके पास है उससे एक मुद्दा दिखाइए।] मैं चाहूँगा कि इनमें से एक (या दोनों) पत्रिका को आप नियमित रूप से प्राप्त करें।”
५ जब आप वापस जाते हैं, तो आपको शायद पता चले कि गृहस्वामी को स्वयं अपना धार्मिक साहित्य मिलता है और वह समझता है कि वह काफ़ी है। आप कह सकते हैं:
▪“हमारा धर्म चाहे जो भी हो, हम सभी अनेक समान चिन्ताओं से प्रभावित होते हैं, जैसे कि—अपराध, गंभीर बीमारी, पर्यावरण संबंधी चिन्ताएँ—है कि नहीं? [टिप्पणी के लिए समय दीजिए।] क्या आपको लगता है इन समस्याओं का कोई वास्तविक हल है? [२ पतरस ३:१३ पढ़िए.] प्रहरीदुर्ग के पृष्ठ २ पर हमारे साहित्य का उद्देश्य दिया गया है। [चुने हुए एक या दो वाक्य पढ़िए।] अनेक लोग जो यहोवा के गवाह नहीं हैं हमारे प्रकाशन पढ़ने का आनन्द लेते हैं क्योंकि उनमें बाइबल पर आधारित आशापूर्ण संदेश है।” यदि गृहस्वामी की प्रतिक्रिया अनुकूल है, तो हमारे बाइबल अध्ययन कार्यक्रम के बारे में समझाइए।
६ आप यह तरीक़ा अपना सकते हैं:
▪“पिछली बार जब मैं यहाँ था, हमने हमारे संसार के लिए भविष्य की प्रत्याशाओं के बारे में बात की थी। आप इस रिपोर्ट के बारे में क्या सोचते हैं? [किसी चिंताजनक सामयिक समाचार विषय का उल्लेख कीजिए।] जब लोग ऐसी बातों के बारे में सुनते हैं, तो वे सोच में पड़ जाते हैं कि इस संसार का क्या हो रहा है, है ना? हमें विश्वास है कि ऐसी बातें सूचित करती हैं कि हम ‘अन्तिम दिनों’ में जी रहे हैं, जिन्हें बाइबल में २ तीमुथियुस ३:१-५ में पूर्वबताया गया था।” विशेष भागों को पढ़ने के बाद, आप पूछ सकते हैं कि क्या उसने ऐसे लोग देखे हैं जो उस वर्णन में ठीक बैठते हैं। रीज़निंग किताब में पृष्ठ २३४-८ के उपशीर्षकों में से किसी एक की चर्चा करते हुए वार्तालाप को जारी रखिए।
७ यदि हम अच्छी तैयारी करें और मदद करने की असल इच्छा दिखाएँ, तो हम विश्वस्त हो सकते हैं कि सत्हृदय जन सुनेंगे।—यूहन्ना १०:२७, २८.