निरंतर वृद्धि राज्यगृहों की ज़रूरत को बढ़ाता है
बहुत समय पहले यहोवा के भविष्यवक्ता ने पूर्वबताया था कि “सारी जातियों की मनभावनी वस्तुएं आएंगी।” (हाग्गै २:७) निश्चय ही हम प्रमाण देख रहे हैं कि कैसे ईश्वरीय शिक्षा बहुतों को सच्चाई सीखने और यहोवा के उपासक बनने में समर्थ कर रही है। यह नोट करना कितना रोमांचक है कि भारत में १९९४ सेवा वर्ष के दौरान १,३१२ लोगों ने बपतिस्मा प्राप्त किया! इन सभी नए जनों की सहायता करते रहने के लिए, हमें ‘अपनी अपनी चाल-चलन पर ध्यान करने’ की ज़रूरत है ताकि हम निश्चित हो सकें कि हम परमेश्वर के कार्य का यथासंभव पूर्ण हद तक समर्थन कर रहे हैं। (हाग्गै १:५ से तुलना कीजिए।) जी हाँ, परमेश्वर के कार्य में हमारे समर्थन करने का एक महत्त्वपूर्ण भाग अब भी यही है कि हम यहोवा के नए प्रशंसकों की भीड़ के लिए उपासना के उपयुक्त घर प्रदान करने में सहायता करें।
२ वर्ष १९९४ के दौरान, कुछ नए राज्यगृह समर्पित किए गए और अनेक निर्माणाधीन हैं। यहोवा का कार्य यक़ीनन “सब पहाड़ियों से अधिक ऊँचा किया” जा रहा है। (यशा. २:२) संस्था ने ५२ कलीसियाओं को नए राज्यगृह सहूलियतें प्राप्त करने के लिए सहायता की है। कलीसियाओं को आर्थिक सहायता में दिए गए पैसे लौटाए जा रहे हैं ताकि नए राज्यगृहों का निर्माण करने में अधिक कलीसियाओं की सहायता की जा सके। इसीलिए, कलीसियाएँ जिन्हें राज्यगृह के लिए आर्थिक सहायता दी गयी है, वफ़ादारी से हर महीने की शुरूआत में तत्परता से पैसे लौटाने के द्वारा अपना मूल्यांकन दिखाती हैं। और एक सबसे प्रोत्साहक विकास यह तथ्य है कि समर्पित किए गए कुछेक राज्यगृह को निर्माण करने का ख़र्चा पूरी तरह से ख़ुद कलीसियाओं ने उठाया था। यह उल्लेखनीय है कि इन में से कुछ कलीसियाएँ भौतिक रूप से समृद्ध नहीं हैं, लेकिन वे अपने समुदाय में सच्ची उपासना को ऊँचा किया हुआ देखने के लिए दृढ़संकल्प थे।
३ प्रेक्षक प्रभावित: राज्यगृह निर्माण परियोजनाओं में कार्य कर रहे भाइयों पर यहोवा की पवित्र आत्मा का प्रत्यक्ष प्रभाव ने दूसरों के लिए एक गवाही के रूप में कार्य किया है। जोहैन्सबर्ग के वॉस्लूरस में, शीघ्र निर्मित राज्यगृह के परिणामों से एक सांसारिक व्यक्ति इतनी प्रभावित हुई कि उसने देश में संघर्ष के मध्य यहोवा के गवाहों की उपलब्धियों के लिए अपनी प्रशंसा व्यक्त करने के लिए स्थानीय रेडियो स्टेशन को फ़ोन किया। एक दूसरी घटना में, उत्तरी ट्रान्सवॉल से प्राचीनों के निकाय ने लिखा: “इस गृह के निर्माण से प्रेक्षकों पर सीधा प्रभाव पड़ता है। बस, टैक्सी और गाड़ियाँ यह निश्चित करने के लिए रुकतीं कि जो उनके यात्री होते हुए देख रहे थे वह वास्तविकता थी। एक व्यापारी ने टिप्पणी की: ‘सज्जनों, आप अब उस प्रेम और एकता को प्रदर्शित कर रहे हैं जिसके बारे में मैंने बाइबल में पढ़ा है। वास्तव में आप ही वह एकमात्र समूह हैं जो सच्चे मसीहियत को प्रतिबिंबित करते हैं।’ . . . गाँव के मुखिया ने कहा: ‘मैं उस भावना की प्रशंसा करता हूँ जिसके द्वारा यह कार्य पूरा किया गया। . . . सचमुच, यदि राजनितिज्ञ आप लोगों की तरह कार्य कर रहे होते, तो आज जो हत्याएँ हम देखते हैं वे नहीं होतीं। इसलिए, मैं यह पुष्टि करना चाहूँगा कि आपके धर्म को क्रियाशील होने और जिस समय आपको सुविधा हो, उस समय पर सभाएँ रखने की अनुमति दी जाए। कोई भी प्रतिबंध नहीं है।’”
४ “‘अविश्वसनीय!’ एक प्रेक्षक की टिप्पणी थी जब ३०० से अधिक विभिन्न जातीय समूहों के स्वयंस्वेकों ने म्लूज़ी में एक अनोखे निर्माण परियोजना में भाग लिया,” एक स्थानीय अख़बार ने रिपोर्ट किया। दूसरे क्षेत्र के कलीसिया सेवा कमेटी ने निम्नलिखित बात लिखी: “दो दिनों के अन्दर राज्यगृह को निर्माण होते हुए देखकर स्थानीय लोग इतने चकित हुए कि वे उसे छूकर देखने के लिए आए कि क्या हम असली ईंटें ही इस्तेमाल कर रहे हैं। जो वे देख रहे थे उसके परिणामस्वरूप कुछ लोग बाइबल अध्ययन का निवेदन करने आए।”
५ अधिक स्वयंसेवकों की ज़रूरत: निर्माण कमेटियाँ ऐसे कौशल को इस्तेमाल करने की खोज करती हैं जो कलीसिया में ही उपलब्ध हो, जो नए या मरम्मत किए गए राज्यगृह के लिए आवश्यक होगी। नियत कार्यों को सम्पन्न करने का उन्हें प्रशिक्षण देने के लिए, कमेटी दूसरे स्थानीय प्राचीनों और सहायक सेवकों के साथ भी कार्य करती है। राज्यगृह निर्माण के लिए उपयोगी कौशल को विकसित करने पर, ये आध्यात्मिक रूप से प्रौढ़ भाई उसके बाद, उसी क्षेत्र में ही योजित किए गए दूसरे राज्यगृह परियोजनाओं में सहायता कर सकते हैं। अतः, राज्यगृह निर्माण परियोजना में सम्मिलित कलीसियाओं के साथ जो संगति करते हैं, उन्हें एक इच्छुक और सहयोगी आत्मा प्रदर्शित करने की ज़रूरत है। उन्हें यह अपेक्षा नहीं करनी चाहिए कि निर्माण कमेटी और उसके साथ कार्य करनेवाले लोग उनके राज्यगृह के सारे कार्यों की देखभाल करेंगे। (नहे. ४:६ख) प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद, दूसरी कलीसियाओं के लिए, जिन्हें भी नयी या उन्नत सहूलियतों की अत्यावश्यकता है, राज्यगृह निर्माण करने में सहायता करने के लिए भाइयों को प्रेम द्वारा प्रेरित होना चाहिए। (नहे. ५:१९; फिलि. २:३,४) बपतिस्मा प्राप्त प्रकाशकों को, जिनके पास उपयुक्त कौशल हैं और जिनकी कलीसिया में अच्छी प्रतिष्ठा है, इस विशाल कार्य नियुक्ति में सहायता करने के लिए स्वेच्छा से अपनी सेवा अर्पित करने का प्रोत्साहन दिया जाता है।
६ स्वयंसेवा सहायता का मूल्यांकन किया जाता है: जब तक कि वे राज्यगृह निर्माण परियोजना में अन्तर्ग्रस्त नहीं होते, तब तक कम लोग ही पहिचानते हैं कि ऐसी परियोजना को समाप्ति तक लाना कितनी बड़ी ज़िम्मेदारी है। एक राज्यगृह परियोजना के ख़त्म होने पर, प्राचीनों ने लिखा: “निर्माण कमेटी के भाइयों से प्राप्त धैर्यपूर्ण निर्देशन हमारे लिए बहुत बड़ी आशिष थी। . . . परियोजना की पूरी अवधि के दौरान, ऐसे अनगिनत अवसर थे जब भाइयों ने दूर स्थानों से यात्रा की, अनेक घंटे बिताए, अपने उपकरण और औज़ारों को उपयोग करने के लिए दान किए, और यहाँ तक कि सामग्रियाँ भी दान की, यह सब कुछ हमारे नए राज्यगृह के निर्माण में हमें सहायता करने के लिए किया गया। इन भाइयों की उदारता एक शानदार प्रदर्शन है कि वे ‘भाइयों के सम्पूर्ण संघ के लिए प्रेम रखते’ हैं, और यह हमारे लिए क्या ही प्रोत्साहन रहा है!—१ पत. २:१७, NW.”
७ भाइयों की इच्छुक भावना और जोश प्रत्यक्ष है, जैसे एक कलीसिया ने लिखा: “इच्छुक भाइयों और बहनों के लिए शुक्रिया, जिन्होंने इतनी मेहनत से कार्य किया कि सब देखनेवाले आश्चर्यचकित हुए।” यक़ीनन, भजन १३३:१,३ के शब्द सच हैं: “देखो, यह क्या ही भली और मनोहर बात है कि भाई लोग आपस में मिले रहें!” राज्यगृह निर्माण में कार्य करनेवाले कुछ लोग नौकरी से छुट्टी लेते हैं ताकि वे पड़ोस की कलीसिया को उनके राज्यगृह परियोजना में सहायता कर सकें। इसकी प्रतिक्रिया में, मेज़बान कलीसिया के सदस्य परियोजना को अपना पूरा समर्थन देने के द्वारा निष्कपट मूल्यांकन दिखाते हैं। कमेटी के साथ कार्य करनेवाले एक प्राचीन ने अपने भाइयों की सेवा करने का विशेषाधिकार को व्यक्त करने के लिए लिखा। उसने टिप्पणी की कि “यहोवा के प्रति अपने समर्पण को पूरा करने में कलीसियाओं की सहायता करने के लिए भाइयों ने सैकड़ों किलोमीटर यात्रा की। इससे कलीसियाएँ काफ़ी प्रोत्साहित होती हैं। . . . सचमुच, हमारा एक प्रेममय भाईचारा है!” एक बहन ने इस प्राकर अपनी भावनाएँ बतायीं: “राज्यगृह निर्माण स्थल में जो हर्ष मुझे मिला, उसके लिए अपनी कृतज्ञता व्यक्त करने से मैं अपने आपको रोक नहीं सकती। यह तीसरा गृह है जिसका निर्माण करने में मैं हिस्सा ले रही हूँ।”
८ अपनी परियोजना की समाप्ति के बाद एक कलीसिया ने पत्र में अपने क्षेत्रीय निर्माण कमेटी को (बड़ी शाखाओं में, क्षेत्रीय निर्माण कमेटियाँ राज्यगृह निर्माण की संख्या के बढ़ने से, उसकी सहायता करने के लिए बनायी जाती हैं। लेकिन, ऐसी कमेटियाँ भारत में अब तक नहीं बनायी गयी हैं।) निम्नलिखित कहा: “आपका शुक्रिया अदा करने के लिए हम लिख रहे हैं! यहाँ आकर हमारे लिए एक गृह निर्माण करने के लिए आपने अपनी कलीसिया की सभाएँ, अपनी नींद, अपने परिवारों के साथ होने का आनन्द, अपना मनोरंजन, अपनी क्षेत्र सेवा, और इससे भी कहीं अधिक छोड़ा। आपने जो भी हमारे लिए किया है उसके हम बिलकुल योग्य नहीं हैं। हम आप भाइयों की तरह उत्तम और समर्पित लोगों के साथ संगति करने में गर्व और सम्मानित महसूस करते हैं। हम आपके परिवारों का भी शुक्रिया अदा करना चाहेंगे जिन्होंने बेझिझक आपके साथ-साथ तेज़ हवा, गर्मी और ठंड की परवाह न करते हुए सदा हँसमुख चेहरे के साथ कार्य किया। फिर से, आपका बहुत-बहुत शुक्रिया। ‘ऐसा हो कि यहोवा आपके हित के लिए आपको स्मरण करे।’—नहे. १३:३१.”
९ राज्यगृह सुरक्षा: राज्यगृहों में चोरियों की क्रमिक वृद्धि हुई है। अधिकांश मामलों में, ध्वनी उपकरण चुराए गए थे। निम्नलिखित सुझाव एक हद तक, इस समस्या को सीमित करने में सहायता करना चाहिए: (१) सभी महँगे ध्वनी उपकरण को एक ठोस स्टील के डिब्बे (बाज़ार में उपलब्ध) में रखिए और निश्चित कीजिए कि अन्तर्वस्तुओं को सुरक्षित रखने के लिए एक अच्छा ताला इस्तेमाल किया गया है; (२) बेहतर होगा कि डिब्बे को दृष्टि से दूर रखिए, और उसे ज़मीन या दीवार से बोल्ट कीजिए; (३) सभी उपकरण में कलीसिया का नाम अंकित कर दीजिए, जिससे पुलिस चुराई गयी वस्तुओं को पहचान सके और फिर लौटाने में समर्थ हों।
१० कुछ कलीसियाओं ने राज्यगृह के साथ एक फ़्लैट बनाया है। ऐसे मामलों में हम सलाह देते हैं कि कलीसिया एक टेलीफ़ोन लगवा ले और कि वह उनके नाम से रजिस्टर किया जाए। इस प्रकार आकस्मिक संकट के मामलों में रखवाला सहायता के लिए बुलाने में समर्थ होगा। व्यक्तिगत फ़ोन करने के लिए पैसे अदा करना रखवाले की ज़िम्मेदारी है। इसके अतिरिक्त, प्राचीनों के निकाय को रखवाले के साथ एक सरल लिखित समझौता तैयार करने की ज़रूरत है जिसमें किराया, अधिकार सीमा, कर्तव्य और स्वामित्व की समाप्ति के लिए आवश्यक नोटिस लिखा होगा।
११ आर्थिक अंशदान सहायता करना जारी रखते हैं: संस्था को दिए गए उदार अंशदानों ने अतीत में कलीसियाओं की सहायता की है और निश्चय ही भविष्य में भी करती रहेगी। क्या यहोवा परमेश्वर ख़ुद निःस्वार्थ देन में पहल नहीं करता है? (याकू. १:१७) जबकि यह सच है कि हमारे देने की क्षमताओं और अवसरों में फ़रक है, हम शायद यह पा सकते हैं कि अपने व्यक्तिगत ख़र्च करने में समंजन करने के द्वारा, हम निर्माण कार्य की सहायता करने में पूरा हिस्सा ले सकते हैं। ऐसी उदारता निश्चय ही यहोवा के हृदय को हर्ष, साथ ही साथ हमारे भाइयों को बहुत प्रोत्साहन लाती है।
१२ बढ़ती संख्या में, आज एक “बड़ी भीड़” राज्य के संदेश के प्रति प्रतिक्रिया दिखा रही है। “मनभावनी वस्तुएं” यहोवा के आध्यात्मिक मंदिर में धारा की नाईं आ रही हैं, और वह ‘अपने भवन को महिमा के तेज से भर’ रहा है। (प्रका. ७:९; हाग्गै २:७) ऐसा हो कि हम अतिरिक्त राज्यगृहों की अत्यावश्यकता को पूरा समर्थन देते हुए, हाग्गै के समय के विश्वासी यहूदियों की तरह परमेश्वर के कार्य पर अपने हृदयों को लगाएँ। यद्यपि हाल के वर्षों में अनेक उत्तम राज्यगृह बनाए गए हैं, वृद्धि तीव्र गति से हो रही है और इसके अलावा अनेक कलीसियाएँ अब भी अरुचिकर परिस्थितियों में मिलती हैं। यथासंभव पूर्ण हद तक परमेश्वर के कार्य के प्रति हमारा सतत समर्थन उस कार्य में हिस्सा लेने का एक सर्वोत्तम तरीक़ा है, जो उसने हमें सुपुर्द किया है।
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एक राज्यगृह कैसे प्राप्त करें
इन प्रारम्भिक कार्यविधियों का क्रमशः पालन कीजिए:
अपने सर्किट ओवरसियर से मिलिए
परियोजना से सम्बन्धित महत्त्वपूर्ण बातों पर चर्चा कीजिए
एक ट्रस्ट बनाइए
एक प्रस्ताव (रेसोल्यूशन) के ज़रिए ट्रस्टियों का निकाय नियुक्त करने के द्वारा एक ट्रस्ट बनाइए। गठन के एक नमूने के लिए संस्था को लिखिए। संस्था से फ़ार्मों के लिए निवेदन कीजिए। कानूनी अधिकारियों के साथ ट्रस्ट को रजिस्टर करवाइए। ट्रस्ट के नाम पर निर्माण निधि के लिए एक बचत खाता खोलिए।
एक निर्माण कमेटी नियुक्त कीजिए
एक निर्माण कमेटी में तीन या उससे अधिक प्राचीन होते हैं जिन्हें व्यापार/निर्माण का ज़्यादा अनुभव है।
संभव स्थलों का पता लगाइए, जो अधिकांश प्रकाशकों के लिए सुविधाजनक हो
एक समतल स्थल; धार्मिक कार्यों के लिए निर्धारित क्षेत्र बेहतर होगा; चिकनी मिट्टी, चट्टान, और अधिक आवाज़ वाले क्षेत्रों को टालिए।
अपने ट्रस्ट के नाम में संपत्ति हासिल और रजिस्टर कीजिए
उदाहरण: यहोवा के गवाह ट्रस्ट की नया संसार कलीसिया। संस्था के नाम में रजिस्टर न करवाइए।
संस्था को स्थल काग़ज़ात (या अधिकार-पत्र) की अपनी एक प्रतिलिपि भेजिए।
उपलब्ध निधि की मात्रा निर्धारित कीजिए
यदि आपको केवल निर्माण के लिए आर्थिक सहायता की ज़रूरत है तो संस्था को लिखिए।
स्थल पर कोई कार्य शुरू करने से पहले बीमा प्राप्त कीजिए
बीमा के सम्बन्ध में संस्था को लिखिए।
संस्था से पुष्टि कीजिए
यदि समस्याएँ आती हैं जिन्हें आप संभाल नहीं पाते हैं, तो संस्था से पुष्टि कीजिए।