घोषणाएँ
◼ साहित्य भेंट जुलाई और अगस्त: निम्नलिखित किसी भी ३२-पृष्ठवाले ब्रोशरों को ५ रुपए के चंदे पर पेश किया जा सकता है: अनन्त काल तक पृथ्वी पर जीवन का आनन्द लीजिये!, क्या आपको त्रियेक में विश्वास करना चाहिए?, क्या परमेश्वर वास्तव में हमारी परवाह करता है?, जब आपके किसी प्रियजन की मृत्यु हो जाती है (अंग्रेज़ी), जीवन का उद्देश्य क्या है? आप इसे कैसे पा सकते हैं?, “देख! मैं सब कुछ नया कर देता हूँ,” वह परमेश्वरीय नाम जो सर्वदा तक बना रहेगा (अंग्रेज़ी), वह शासन जो प्रमोदवन लाएगा, और हमारी समस्याएँ—उन्हें हल करने में कौन हमारी मदद करेगा? सितम्बर: अपना पारिवारिक जीवन आनन्दित बनाना (अंग्रेज़ी) पुस्तक २० रुपए के चंदे पर। विकल्प के तौर पर या तो आप पृथ्वी पर परादीस में सर्वदा जीवित रह सकते हैं या जीवन—यह यहाँ कैसे आया? क्रमविकास से या सृष्टि से? (अंग्रेज़ी) पुस्तक २५ रुपए के चंदे पर (बड़ा संस्करण ४५ रुपए का है) पेश की जा सकती है। अक्तूबर: प्रहरीदुर्ग और सजग होइए! (अंग्रेज़ी) के लिए अभिदान।
◼ सितम्बर १, १९९६ से, निम्नलिखित नए मूल्य प्रभावी होंगे:
पायनियर कली./जनता
३२-पृष्ठवाली पुस्तिकाएँ १.०० १.००
१९२-पृष्ठवाली पुस्तकें १२.०० २०.००
वार्षिकी २०.०० ३०.००
नसमस्त शास्त्र उत्प्रेरित ४०.०० ५०.००
अपनी सेवकाई को पूरा करने के लिए संगठित २०.०० २०.००
सभी ट्रैक्ट (प्रति १००) १५.०० १५.००
◼ उपलब्ध नए प्रकाशन:
क्या परमेश्वर वास्तव में हमारी परवाह करता है? —उर्दू
क्या यह संसार बचेगा (ट्रैक्ट क्र. १९) —उर्दू
ज्ञान जो अनन्त जीवन की ओर ले जाता है —पंजाबी
परादीस का मार्ग कैसे पाएँ (मुसलमानों के लिए ट्रैक्ट) —उर्दू
प्रहरीदुर्ग और सजग होइए! के १९९५ के सजिल्द खण्ड —अंग्रेज़ी
हताश लोगों के लिए सांत्वना (ट्रैक्ट क्र. २०) —उर्दू
मार्च में भारत ने अपने १९वें क्रमागत प्रकाशक शिखर का आनन्द उठाया और पहली बार १६,००० की सीमा को पार किया और १६,०६४ प्रकाशकों ने अपनी गतिविधि की रिपोर्ट दी।