यहोवा के साक्षी—सच्चे सुसमाचार-प्रचारक
यीशु मसीह ने अपने सभी चेलों को सुसमाचार सुनाने की ज़िम्मेदारी दी, और उन्हें ख़ासकर निर्देशन दिया कि वे राज्य के सुसमाचार का प्रचार करें। (मत्ती २४:१४; प्रेरि. १०:४२) इस संबंध में यीशु के प्रारंभिक चेलों ने नमूना रखा जब वे नियमित रूप से राज्य के बारे में बताने में लगे रहे—न केवल उपासना के स्थानों पर लेकिन जहाँ कहीं भी लोग उन्हें मिल जाते और घर-घर जाकर भी। (प्रेरि. ५:४२; २०:२०) आज यहोवा के साक्षियों के तौर पर, हमने अपने आपको सच्चे मसीही सुसमाचार-प्रचारक साबित किया है, और २३२ देशों में राज्य संदेश का प्रचार करते हैं और पिछले मात्र तीन सालों में दस लाख से भी ज़्यादा नए चेलों को बपतिस्मा दिया है! सुसमाचार सुनाने का हमारा काम इतना सुफल क्यों रहा है?
२ सुसमाचार हमें उत्तेजित करता है: सुसमाचार-प्रचारक सुसमाचार के प्रचारक या संदेशवाहक होते हैं। इसी वज़ह से, हमारे पास यहोवा के राज्य—एकमात्र असल सुसमाचार जो व्यथित मानवजाति को दिया जा सकता है—की घोषणा करने का उत्तेजित करनेवाला विशेषाधिकार है। हमारे पास नए आकाश की जो पूर्वजानकारी है, उसके बारे में हम उत्साही हैं। यह नया आकाश आनेवाले परादीस में वफ़ादार मानवजाति से बनी नयी पृथ्वी पर धार्मिकता से शासन करेगा। (२ पत. ३:१३, १७) बस हम ही केवल ऐसे लोग हैं जिन्होंने इस आशा पर विश्वास रखा है, और हम इसे दूसरों के साथ बाँटने के लिए ललायित हैं।
३ सच्चा प्रेम हमें प्रेरित करता है: सुसमाचार प्रचार करना जीवनदायक काम है। (रोमि. १:१६) इसीलिए हम राज्य संदेश फैलाने में बड़ा हर्ष महसूस करते हैं। सच्चे सुसमाचार-प्रचारकों के तौर पर, हम लोगों से प्रेम करते हैं और यह हमें उन्हें—यानि हमारे परिवार, पड़ोसियों, परिचितों, और यथासंभव ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को—सुसमाचार देने के लिए प्रेरित करता है। इस काम को तहे-दिल से करना, दूसरों के लिए हमारी सच्ची मुहब्बत को ज़ाहिर करने का एक बेहतरीन तरीक़ा है।—१ थिस्स. २:८.
४ परमेश्वर की आत्मा हमें सहारा देती है: परमेश्वर का वचन हमें आश्वासन देता है कि जब हम राज्य बीज को बोने व सींचने का काम करते हैं, तो यहोवा ही उसका “बढ़ानेवाला” होता है। यही बात हम आज अपने संगठन में होते हुए देख रहे हैं। (१ कुरि. ३:५-७) परमेश्वर की आत्मा ही सुसमाचार-प्रचार के हमारे काम में सहारा और बड़ी सफलता देती है।—योए. २:२८, २९.
५ ‘सुसमाचार प्रचार का काम करने’ के लिए २ तीमुथियुस ४:५ में दिए गए प्रोत्साहन को मद्देनज़र रखते हुए, और सभी लोगों के प्रति अपने प्रेम की वज़ह से ऐसा हो कि हम हर मौक़े पर राज्य के उत्तेजक सुसमाचार को बाँटने के लिए प्रेरित हों, और इस बात से विश्वस्त हों कि यहोवा हमारे काम पर अपनी आशीष बरसाता रहेगा।