यहोवा की आत्मा हमारे साथ है
यहोवा के साक्षी होने के नाते हमें एक भारी कार्य-नियुक्ति दी गई है। यीशु ने कहा: “अवश्य है कि पहिले सुसमाचार सब जातियों में प्रचार किया जाए।” (मर. १३:१०) मनुष्यों की नज़रों से देखें तो यह नामुमकिन लगता है, पर ऐसा है नहीं। इस विश्व की सबसे प्रभावशाली शक्ति—परमेश्वर की आत्मा—हमारा साथ दे रही है।—मत्ती १९:२६.
२ प्रथम-शताब्दी का प्रमाण: यशायाह की भविष्यवाणी खुद पर लागू करते हुए यीशु ने कहा: ‘सुसमाचार सुनाने के लिये प्रभु की आत्मा मुझ पर है।’ (लूका ४:१७, १८) स्वर्ग जाने से पहले उसने अपने चेलों से कहा कि तुम्हें भी पवित्र आत्मा से इसी तरह समर्थ किया जाएगा ताकि “पृथ्वी की छोर तक” गवाही दे सको। इसके बाद पवित्र आत्मा ने फिलिप्पुस को एक कूशी अधिकारी को प्रचार करने के लिए मार्गदर्शित किया, उसी आत्मा ने पतरस को रोमी सूबेदार के यहाँ भेजा और पौलुस तथा बरनबास को अन्यजातियों में प्रचार करने के लिए भेजा। यह भला किसने सोचा था कि इस तरह की विभिन्न पृष्ठभूमियों के लोग भी कभी सुनेंगे? लेकिन उन्होंने सुना।—प्रेरि. १:८; ८:२९-३८; १०:१९, २०, ४४-४८; १३:२-४, ४६-४८.
३ आधुनिक-दिन का प्रमाण: आज के प्रचार कार्य में पवित्र आत्मा की सहभागिता के बारे में प्रकाशितवाक्य की पुस्तक भी ज़ोर देती है: “आत्मा, और दुल्हिन दोनों कहती है, आ; . . . जो कोई चाहे वह जीवन का जल सेंतमेंत ले।” (प्रका. २२:१७) सब लोगों में प्रचार करने के लिए इसी आत्मा ने मसीह के दुल्हिन वर्ग और उनके साथी ‘अन्य भेड़ों’ को प्रेरित किया है। (यूह. १०:१६, NW) इस विश्वास के साथ कि परमेश्वर की आत्मा हमारी मदद करेगी, हमें हिम्मत से प्रचार करना चाहिए और सब तरह के लोगों से बात करने में कभी भी हिचकिचाना नहीं चाहिए। १९९८ इयरबुक इस बात का ठोस प्रमाण देती है कि परमेश्वर की आत्मा हमेशा उसके सेवकों के साथ रहती है। ज़रा इसके नतीजों को देखिए! पिछले दो सेवा वर्षों के दौरान हर दिन औसतन १,००० से भी ज़्यादा लोगों ने बपतिस्मा लिया।
४ जब तक यहोवा चाहता है अगर तब तक हम राज्य संदेश का प्रचार करते रहेंगे तो हम पूरी तरह से आश्वस्त हो सकते हैं कि परमेश्वर की आत्मा सदैव हमारे साथ रहेगी। और इस सबसे महत्त्वपूर्ण राज्य कार्य को यत्नपूर्वक करने में अपना पूरा ज़ोर लगाने के लिए हमें इस ज्ञान से प्रोत्साहित और प्रेरित होना चाहिए।—१ तीमु. ४:१०.