‘हो नहीं सकता कि हम चुप रहें’
दुनिया भर में जो प्रचार का काम चल रहा है उस पर यीशु मसीह कड़ी निगरानी रखे हुए है। (मत्ती 28:20; मर. 13:10) इस वक्त 234 देशों में गवाही दी जा रही है और करीब 60 लाख भाई-बहन बड़े जोश के साथ प्रचार कर रहे हैं। मगर इस बढ़ोतरी को देखकर यह सोचना एकदम गलत होगा कि गवाही देने का काम बस खत्म हो गया है। बिलकुल नहीं! जब तक यहोवा इस काम को बंद करने का ऐलान न करे तब तक “हो नहीं सकता, कि जो हम ने देखा और सुना है, वह न कहें।”—प्रेरितों 4:20.
2 परमेश्वर की पवित्र शक्ति पर भरोसा रखिए: आज हमारा हौसला तोड़ने के लिए शैतान ज़बरदस्त तरीके अपना रहा है। (प्रका. 12:17) साथ ही अपने असिद्ध शरीर की वज़ह से भी हमें कई मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। ये सब मिलकर हमें इतना परेशान कर सकते हैं कि हम प्रचार करने के सबसे ज़रूरी काम को नज़रअंदाज़ करने लगें। अगर इन सबके बावजूद हम परमेश्वर पर पूरा भरोसा रखें तो वह हमें अपनी पवित्र शक्ति के ज़रिए हर मुसीबत का सामना करने की ताकत दे सकता है।
3 पहली सदी में जब मसीही कलीसिया को बुरी तरह से सताया जा रहा था तो भाइयों ने मदद के लिए परमेश्वर से बिनती की, ताकि वे हिम्मत के साथ सुसमाचार का प्रचार करते रहें। यहोवा ने उनकी प्रार्थना सुनी और जवाब में अपनी पवित्र शक्ति के ज़रिए उनकी हिम्मत बढ़ाई। नतीजा यह हुआ कि उनके दिल से डर निकल गया और उनमें इतना जोश आया कि वे मज़बूत इरादे के साथ सुसमाचार की गवाही देते रहे।—प्रेरितों 4:29, 31; 5:42.
4 झूठी अफवाहों से दिल को कमज़ोर मत पड़ने दीजिए: हमारे बारे में लोगों की जो गलत राय है या हमारे बारे में जो गलत अफवाहें फैलाई जाती हैं उनका हम पर बुरा असर हो सकता हैं, उससे हमारा दिल कमज़ोर हो सकता है। मगर जब ऐसा हो, तो प्रेरितों के 5:29-32 को याद कीजिए कि कैसे पतरस के साथ दूसरे प्रेरितों ने महासभा के सामने डंके की चोट पर ऐलान किया था। उस बात को भी याद कीजिए जो व्यवस्थापक गमलीएल ने कही थी कि परमेश्वर के काम को मिटाना नामुमकिन है। हम जो काम कर रहे हैं वह हमारे अपने बलबूते पर नहीं हो रहा बल्कि यह महान काम यहोवा कर रहा है और वह इसे पूरा करके रहेगा!—जक. 4:6.
5 इसलिए हमें हर दिन परमेश्वर की शक्ति के लिए उससे प्रार्थना करनी चाहिए ताकि हम जोश के साथ प्रचार का काम करते रहें। जैसा यिर्मयाह ने कहा था हम भी वैसा कहें कि राज्य का यह सुसमाचार हमारी हड्डियों में धधकती हुई आग के समान है। (यिर्म. 20:9) इसलिए हो नहीं सकता कि हम चुप रहें!