परिवार के शेड्यूल में रोज़ का वचन
अपने बच्चों से प्यार करनेवाले माता-पिता, बच्चों को हर दिन पौष्टिक खाना देने के लिए बहुत मेहनत करते हैं। मगर इससे भी ज़्यादा ज़रूरी है बच्चों को परमेश्वर के वचन से आध्यात्मिक आहार देना। (मत्ती 4:4) क्या आप अपने बच्चों की आध्यात्मिक भूख बढ़ाना चाहते हैं ताकि वे ‘उद्धार पाने के लिये बढ़ते जाएँ’? तो हर दिन पूरे परिवार के साथ रोज़ के वचन और इसकी जानकारी पर चर्चा कीजिए। (1 पत. 2:2) आप यह चर्चा अपने परिवार के शेड्यूल में किस वक्त रख सकते हैं?
2 खाने के वक्त: जब आप अपने दिन की शुरूआत, उस दिन के वचन की चर्चा से करेंगे तो इससे आपका परिवार पूरा दिन यहोवा के बारे में सोचेगा। (भज. 16:8) एक माँ ने यह ठान लिया कि जब उसका बेटा नाश्ता करता है, तब वह उसे रोज़ का वचन पढ़कर सुनाएगी और उस पर चर्चा करेगी और उसे स्कूल भेजने से पहले उसके साथ प्रार्थना करेगी। इससे उसके बेटे का विश्वास मज़बूत हुआ और जब देश-भक्ति का मसला आया तो उसने समझौता नहीं किया, अनैतिकता के कामों में लुभाए जाने पर उसने उनका विरोध किया और साथ पढ़नेवाले बच्चों और टीचरों को भी बड़ी हिम्मत से गवाही दी। हालाँकि स्कूल में सिर्फ वही एक साक्षी था फिर भी उसे कभी ऐसा नहीं लगा कि वह अकेला है।
3 अगर सुबह के वक्त रोज़ के वचन की चर्चा करना मुमकिन नहीं, तो आपका पूरा परिवार बाद में यानी शाम का खाना खाते वक्त इस पर चर्चा कर सकता है। कुछ परिवार खाने के वक्त पर प्रचार के अपने अनुभव या फिर अपने निजी अध्ययन में उन्होंने जो अच्छी बातें सीखी हैं, वे भी बताते हैं। खाने की टेबल पर बिताए ऐसे मौकों को बहुत-से लोग बरसों तक याद रखते हैं और इन्हें अपने परिवार के सबसे बेहतरीन और खुशनुमा पल बताते हैं।
4 रात के वक्त: कुछ परिवारों के लिए, रोज़ के वचन पर चर्चा करने का सबसे अच्छा समय होता है, रात को सोने से पहले। यह एक-साथ प्रार्थना करने का भी बढ़िया मौका होता है। जब आपके बच्चे हर दिन आपको यहोवा के बारे में बात करते और उससे प्रार्थना करते सुनेंगे, तो उन्हें एहसास होगा कि परमेश्वर सचमुच एक शख्स है।
5 ऐसा हो कि रोज़ाना बाइबल वचनों पर ध्यान दीजिए का अच्छा इस्तेमाल करके, अपने बच्चों के दिल में सच्चाई बिठाने की आपकी कोशिशों पर यहोवा आशीष दे।