पत्रिका मार्ग से दिलचस्पी को बढ़ाइए
1. हम दिलचस्पी बढ़ाने के लिए पत्रिका मार्ग कैसे इस्तेमाल कर सकते हैं?
प्रचार में हम ऐसे कई लोगों से मिलते हैं जिन्हें हमारा आना और हमसे साहित्य लेना अच्छा लगता है, मगर वे लगातार बाइबल अध्ययन करने की बात से झिझकते हैं। उनकी दिलचस्पी को बढ़ाने का एक तरीका है, पत्रिका मार्ग। जब आप पत्रिकाएँ देते हैं, तो उस शख्स का नाम और पता, उससे मिलने की तारीख, कौन-सी पत्रिकाएँ उन्हें दी हैं, बाइबल की किस आयत पर उनके साथ चर्चा की गयी और ऐसी कोई भी बात लिख लीजिए जिससे आपको पता लगा कि वह शख्स किस बात में दिलचस्पी रखता है। जब इन पत्रिकाओं का नया अंक आता है, तो उनमें ऐसे मुद्दों को ढूँढ़िए जो आपके पत्रिका मार्ग के लोगों को पसंद आएँगे और जब आप उनके पास पत्रिका लेकर जाते हैं, तो उन्हें ये मुद्दे दिखाइए। (1 कुरि. 9:19-23) कुछ वक्त के बाद, हमारी पत्रिकाओं में लिखी कोई बात पढ़कर उनकी दिलचस्पी जाग सकती है और शायद वे ज़्यादा सीखना चाहें।
2. आज यह बेहद ज़रूरी क्यों है कि लोग यहोवा को ढूँढ़ें, और उनकी मदद करने के लिए हम और क्या कर सकते हैं?
2 लेकिन, हमें पता है कि हमारी पत्रिकाएँ पढ़नेवाले ज़्यादातर लोग सिर्फ इन्हें पढ़ने भर से ही यहोवा के सेवक नहीं बन सकेंगे। आज यह बेहद ज़रूरी है कि लोग यहोवा को ढूँढ़ें, इसलिए हम उनकी मदद करने के लिए क्या कर सकते हैं? (सप. 2:2, 3; प्रका. 14:6, 7) जब भी हम उनके पास पत्रिकाएँ देने जाते हैं, तब हम हर बार बहुत सोच-समझकर कोई आयत उन्हें पढ़कर बता सकते हैं।
3. (क) हम एक-आयतवाली कई चर्चाओं की तैयारी कैसे कर सकते हैं? (ख) आपके इलाके के लोग किन विषयों के बारे में सबसे ज़्यादा चिंता करते हैं?
3 एक-आयतवाली चर्चाएँ: आपके पत्रिका मार्ग पर जो हैं, उनके बारे में सोचिए और उनकी खास ज़रूरतों को ध्यान में रखकर उनसे एक-आयतवाली चर्चाएँ कीजिए। (फिलि. 2:4) मिसाल के तौर पर, अगर किसी का कोई अज़ीज़ हाल ही में मर गया है, वहाँ आप एक से ज़्यादा वापसी भेंट करके उन्हें बता सकते हैं कि बाइबल के हिसाब से मरे हुए किस हाल में हैं और पुनरुत्थान की आशा क्या है। रीज़निंग किताब में “मौत” और “पुनरुत्थान” जैसे खास विषयों में दी जानकारी की मदद से आप एक-आयतवाली चर्चाएँ तैयार कर सकते हैं। इसमें कोई शक नहीं कि इससे जुड़े हुए विषयों पर भी आपको चर्चा करने का मौका मिलेगा, जैसे बीमारी, बुढ़ापा और मौत का हमेशा के लिए हटाया जाना। हमारा मकसद है कि हम ऐसा विषय ढूँढ़ें जो उस शख्स को अच्छा लगता है और धीरे-धीरे उसे दिखाएँ कि बाइबल इसके बारे में क्या कहती है।
4. बाइबल से हवाला देते वक्त, क्यों ज़रूरी है कि हम दूसरों को इस बारे में समझाएँ, और यह हम कैसे कर सकते हैं?
4 समझाइए: ये चर्चाएँ हालाँकि छोटी और आसान होनी चाहिए, फिर भी कोई खास आयत को सिर्फ पढ़ लेना काफी नहीं होगा। शैतान ने लोगों के मन को अंधा कर रखा है। (2 कुरि. 4:3, 4) जो लोग बाइबल के बारे में जानते हैं उन्हें भी इसकी समझ पाने के लिए मदद की ज़रूरत है। (प्रेरि. 8:30, 31) इसलिए, उस आयत के बारे में उदाहरण देकर समझाने के लिए वक्त निकालिए, ठीक वैसे ही जैसे आप परमेश्वर की सेवा स्कूल में अपना भाग देते वक्त करते हैं। (प्रेरि. 17:3) उस शख्स को यह एहसास ज़रूर दिलाइए कि अगर वह अपनी ज़िंदगी में परमेश्वर के वचन पर अमल करेगा, तो उसे इससे फायदा होगा।
5. पत्रिका मार्ग कैसे एक बाइबल अध्ययन बन सकता है?
5 वह शख्स जो सीख रहा है, अगर वह उसे अच्छा लग रहा है, तो धीरे-धीरे अपनी चर्चाओं में बाइबल की दो या तीन आयतें पढ़कर सुनाइए। मौका देखकर माँग ब्रोशर या ज्ञान किताब उन्हें दीजिए। इस तरह, एक पत्रिका मार्ग आगे जाकर बाइबल अध्ययन बन सकता है।