घोषणाएँ
◼ अप्रैल और मई के लिए साहित्य पेशकश: प्रहरीदुर्ग और सजग होइए! दोनों पत्रिकाएँ एक-साथ पेश कीजिए। दिलचस्पी दिखानेवालों से वापसी भेंट करते वक्त, नयी किताब बाइबल असल में क्या सिखाती है? पेश करने पर खास ध्यान दीजिए। साथ ही, उन लोगों से मुलाकात करते वक्त भी यह किताब दीजिए, जो स्मारक और/या दूसरे मौकों पर तो हाज़िर होते हैं, मगर कलीसिया के साथ नियमित तौर पर संगति नहीं करते। इस किताब को पेश करने का मकसद होना चाहिए, बाइबल अध्ययन शुरू करना। जून: महान शिक्षक से सीखिए (अँग्रेज़ी) किताब पेश कीजिए। अगर यह किताब घर-मालिक की भाषा में उपलब्ध नहीं है, तो किताब वह सर्वश्रेष्ठ मनुष्य जो कभी जीवित रहा या बाइबल कहानियों की मेरी पुस्तक पेश कीजिए। जुलाई और अगस्त: नीचे दिए 32-पेज के ब्रोशरों में से कोई भी दिया जा सकता है: अनन्त काल तक पृथ्वी पर जीवन का आनन्द लीजिए!, क्या आपको त्रियेक में विश्वास करना चाहिए?, क्या परमेश्वर वास्तव में हमारी परवाह करता है?, जब आपका कोई अपना मर जाए, जागते रहो!, जीवन का उद्देश्य क्या है?—आप इसे कैसे पा सकते हैं?, “देख! मैं सब कुछ नया कर देता हूँ,” मरने पर हमारा क्या होता है? (अँग्रेज़ी), और वह शासन जो प्रमोदवन लाएगा। जहाँ सही लगे वहाँ ये ब्रोशर दिए जा सकते हैं: क्या कभी युद्ध के बिना एक संसार होगा? (अँग्रेज़ी), मृत जनों की आत्माएँ—क्या वे आपकी मदद कर सकती हैं या नुकसान पहुँचा सकती हैं? क्या वे सचमुच अस्तित्त्व में हैं? (अँग्रेज़ी), संतोष से भरी ज़िंदगी—कैसे हासिल की जा सकती है, सब लोगों के लिए एक किताब और हमारी समस्याएँ—उन्हें हल करने में कौन हमारी मदद करेगा?
◼ अप्रैल से आपकी कलीसिया को जब साहित्य भेजा जाएगा, तो इसके साथ-साथ आपकी कलीसिया की मुख्य भाषा में सन् 2006 के ज़िला अधिवेशन के बैज कार्ड भी भेजे जाएँगे। हर कलीसिया में जितने लोग हैं, उसके हिसाब से कार्ड के बंडल भेजे जाएँगे और हर बंडल में 25 कार्ड होंगे। इसलिए आपको इनकी गुज़ारिश करने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। लेकिन हाँ, अगर आपको किसी और भाषा में बैज कार्ड चाहिए, तो उसके लिए आपको गुज़ारिश करनी होगी। अगर कलीसिया को ज़्यादा बैज कार्ड की ज़रूरत है तो साहित्य की गुज़ारिश फॉर्म (S-14) के ज़रिए इन्हें मँगवाना चाहिए।
◼ कलीसिया के सचिव को ये फॉर्म काफी मात्रा में रखने चाहिए: पायनियर सेवा के लिए अर्ज़ी (S-205-HI) और सहयोगी पायनियर सेवा के लिए अर्ज़ी (S-205b-HI)। साहित्य की गुज़ारिश फॉर्म (S-14) के ज़रिए इन्हें मँगाया जा सकता है। कलीसिया में कम-से-कम इतने फॉर्म होने चाहिए कि एक साल के लिए काफी हों। पायनियर सेवा की अर्ज़ियाँ, शाखा दफ्तर को भेजने से पहले, इनकी अच्छी तरह जाँच कीजिए कि ये ठीक से भरी गयी हैं या नहीं।
◼ नया राज्य घर बनाने या फिर पुराने की मरम्मत करने का काम शुरू करने से पहले, कलीसिया के प्राचीनों को चाहिए कि वे शाखा दफ्तर के ‘राज्य घर निर्माण विभाग’ से संपर्क करें। इस विभाग के पास ऐसी जानकारी है जिसकी मदद से कलीसिया कई मामलों में सही फैसले कर पाएगी जैसा कि ज़मीन खरीदने और निर्माण के लिए माल खरीदने में।
◼ शाखा दफ्तर के लिए सभी प्रमुख अध्यक्षों और सचिवों के मौजूदा पतों और टेलीफोन नंबरों का रिकॉर्ड रखना ज़रूरी है। अगर इनमें किसी भी वक्त कोई फेरबदल होता है, तो कलीसिया की सेवा समिति को प्रमुख अध्यक्ष/सचिव के पते में फेरबदल (S-29) फॉर्म को भरकर उस पर दस्तखत करके तुरंत शाखा दफ्तर को भेज देना चाहिए। अगर STD कोड बदलते हैं, तो इसकी सूचना भी दी जानी चाहिए।
◼ कृपया ध्यान दें कि ‘इयर्ली कैलेंडर ऑफ लिट्रेचर आइटम्स्’ के मुताबिक, साहित्य की गुज़ारिश फॉर्म (S-14) के पेज दो पर बताए फॉर्मों के लिए गुज़ारिश अप्रैल महीने में की जानी चाहिए। इसलिए देखिए कि अगले साल के लिए आपको कितने फॉर्म ज़रूरी होंगे, और फिर अगले महीने की साहित्य गुज़ारिश के साथ इन फॉर्मों के लिए गुज़ारिश कीजिए। देखा गया है कि अकसर कुछ कलीसियाएँ एक-दो फॉर्म जल्द-से-जल्द भेजने की गुज़ारिश करती हैं। मगर याद रखें कि सेवा से ताल्लुक रखनेवाले सभी फॉर्मों की गुज़ारिश, साहित्य की गुज़ारिश के साथ की जानी चाहिए, क्योंकि इससे पैसे और समय की बचत होती है।