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  • हमारी राज-सेवा—2007
हमारी राज-सेवा—2007
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घोषणाएँ

◼ जनवरी के लिए साहित्य पेशकश: 192-पेजवाली ऐसी कोई भी किताब पेश की जा सकती है जो समय के गुज़रते पीली पड़ गयी है या जिसका रंग उतर गया है। या फिर सन्‌ 1991 से पहले की छपी कोई भी किताब पेश की जा सकती है। जिन कलीसियाओं के पास ऐसी कोई भी पुरानी किताब नहीं है, वे ज्ञान किताब या जागते रहो! ब्रोशर पेश कर सकती हैं। फरवरी: यहोवा के करीब आओ किताब पेश कीजिए। जिन कलीसियाओं के पास यह किताब नहीं है, वे इसकी जगह रॆवलेशन क्लाइमैक्स या फिर कोई और पुरानी किताब पेश कर सकती हैं जो उनके पास ज़्यादा तादाद में है। मार्च: बाइबल सिखाती है किताब पेश कीजिए और बाइबल अध्ययन शुरू करने की खास कोशिश कीजिए। इस किताब के साथ-साथ ट्रैक्ट, क्या आप बाइबल के बारे में और ज़्यादा जानना चाहते हैं? भी पेश कीजिए। अप्रैल और मई: प्रहरीदुर्ग और सजग होइए! पत्रिकाएँ। दिलचस्पी दिखानेवालों से वापसी भेंट करते वक्‍त, नयी किताब बाइबल असल में क्या सिखाती है? पेश करने पर खास ध्यान दीजिए। साथ ही, उन लोगों से मुलाकात करने पर भी यह किताब दीजिए, जो स्मारक और/या दूसरे मौकों पर तो हाज़िर होते हैं, मगर कलीसिया के साथ नियमित तौर पर संगति नहीं करते। इस किताब को पेश करने का मकसद होना चाहिए, बाइबल अध्ययन शुरू करना।

◼ फरवरी से या देर-से-देर मार्च 4 से सर्किट अध्यक्ष नया जन भाषण देना शुरू करेंगे, जिसका शीर्षक है, “परमेश्‍वर की नयी दुनिया—कौन इसमें जाने के काबिल होंगे?”

◼ युवा लोग पूछते हैं—मैं अपनी ज़िंदगी के साथ क्या करूँगा? (अँग्रेज़ी) इस वीडियो पर अप्रैल की एक सेवा सभा में चर्चा की जाएगी। अगर आपको इस वीडियो की कॉपी की ज़रूरत है, तो कलीसिया के ज़रिए जल्द-से-जल्द गुज़ारिश की जानी चाहिए।

◼ चीनी भाषा में हमारे साहित्य दो लिपियों में छापे जाते हैं। हांगकांग और ताइवान के लोग आम तौर पर पुरानी लिपि पढ़ते हैं और हमने इसे “चीनी” (CH) का नाम दिया है। जबकि दूसरे चीनी लोग एक सरल लिपि पढ़ते हैं और हमने इसे “सरल चीनी” (CHS) का नाम दिया है। चाहे एक चीनी, कैन्टनीज़ बोले या मैन्डरिन, या फिर कोई दूसरी बोली, मगर वह दोनों लिपियों में से सिर्फ एक ही पढ़ता है। इसलिए यह पता लगाने की ज़रूरत है कि वह कौन-सी लिपि पढ़ता है। इस तरह, साहित्य के लिए सही लिपि की गुज़ारिश की जा सकती है।

◼ इस साल का स्मारक अप्रैल 2, सोमवार के दिन सूर्यास्त के बाद मनाया जाएगा। इस मौके के लिए कलीसियाओं को सही-सही इंतज़ाम करना चाहिए। हालाँकि भाषण सूर्यास्त से पहले शुरू किया जा सकता है, मगर प्रतीकों का देना सूर्यास्त के बाद ही शुरू करना चाहिए। आपके इलाके में सूर्यास्त कब होता है, इस बारे में अखबार से या किसी और तरीके से पता कीजिए। हालाँकि हर कलीसिया के लिए अपना स्मारक समारोह मनाना अच्छा होगा, मगर यह शायद सभी कलीसियाओं के लिए मुमकिन न हो। जहाँ आम तौर पर बहुत-सी कलीसियाएँ एक ही राज्य घर का इस्तेमाल करती हैं, वहाँ की एक या उससे ज़्यादा कलीसियाएँ उस शाम के लिए किसी और जगह का इंतज़ाम कर सकती हैं। हमारा सुझाव है कि अगर मुमकिन हो तो एक कलीसिया का स्मारक समारोह खत्म होने के कम-से-कम 40 मिनट बाद ही दूसरी कलीसिया अपना कार्यक्रम शुरू करे। इस तरह सभी इस मौके का पूरा-पूरा फायदा उठा सकेंगे। लोगों को लाने-ले जाने का, साथ ही ट्रैफिक और पार्किंग की समस्याओं का भी ध्यान रखना चाहिए। हर कलीसिया के लिए कैसा इंतज़ाम करना सबसे अच्छा होगा, इसका फैसला प्राचीनों का निकाय करेगा।

◼ कलीसिया के सचिवों को देखना चाहिए कि कलीसिया के हर पायनियर के लिए उनके पास पायनियर नियुक्‍ति पत्र (S-202) उपलब्ध हों। अगर ये उनके पास नहीं हैं, तो कृपया इस बारे में शाखा दफ्तर को लिखिए।

◼ उपलब्ध नया साहित्य:

यहोवा के भजन गाओ (29 गीत) —बंगला

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