“मेरे स्मरण के लिये यही किया करो”
यीशु की मौत का स्मारक 2 अप्रैल को मनाया जाएगा
1. दो अप्रैल, 2007 क्यों एक अहम तारीख है?
दो अप्रैल, 2007 को दुनिया-भर में लाखों लोग, यीशु की मौत का स्मारक मनाने के लिए इकट्ठे होंगे। यीशु ने अपने जीवन का बलिदान करके, स्वर्ग में रहनेवाले अपने पिता की हुकूमत को बुलंद किया। उसने इंसानों पर लगाए शैतान के इस झूठे इलज़ाम का भी मुँहतोड़ जवाब दिया कि वे सिर्फ अपने स्वार्थ के लिए परमेश्वर की सेवा करते हैं। (अय्यू. 2:1-5) इसके अलावा, प्रभु का संध्या भोज हमें याद दिलाता है कि यीशु ने सिद्ध और निष्पाप इंसान के तौर पर “बहुतों की छुड़ौती के लिये अपना प्राण दे” दिया। (मत्ती 20:28) इसलिए यीशु ने अपने चेलों को यह आज्ञा दी: “मेरे स्मरण के लिये यही किया करो।” (लूका 22:19) क्या आप परमेश्वर के अनमोल तोहफे यानी उसके बेटे के छुड़ौती बलिदान की कदर करते हैं? अगर हाँ, तो क्या आपने अभी से तैयारी शुरू कर दी है, ताकि आप यीशु की मौत के स्मारक में हाज़िर होकर यहोवा के महान प्यार को याद कर सकें?—यूह. 3:16.
2. स्मारक के लिए हम अपने मन को कैसे तैयार कर सकते हैं?
2 अपना मन तैयार कीजिए: यीशु की इंसानी ज़िंदगी के आखिरी दिनों में जो हुआ, उस पर मनन करने से हम स्मारक समारोह के लिए अपना मन तैयार कर सकते हैं। ऐसा करने में मदद देने के लिए, बाइबल पढ़ाई का एक खास शेड्यूल तैयार किया गया है, जो आप रोज़ाना बाइबल वचनों पर ध्यान दीजिए—2007 की पुस्तिका में और 2007 यहोवा के साक्षियों का कैलेंडर में देख सकते हैं। यह शेड्यूल इस तरह तैयार किया गया है कि यीशु की मौत से जुड़ी घटनाएँ जिन तारीखों में हुई थीं, वे आज के कैलेंडर की तारीखों से बहुत करीबी से मेल खाएँ। बाइबल में बताए दिन और तारीख, यहूदी कैलेंडर के आधार पर हैं और इसके मुताबिक एक दिन का हिसाब, एक सूर्यास्त से दूसरे सूर्यास्त तक लगाया जाता है। और इसी हिसाब को ध्यान में रखकर स्मारक की बाइबल पढ़ाई का शेड्यूल तैयार किया गया है। जब हम इस शेड्यूल के मुताबिक, बाइबल पढ़ाई करेंगे और प्रार्थना के साथ परमेश्वर के गहरे प्यार पर मनन करेंगे, तो हम स्मारक समारोह से पूरा-पूरा फायदा उठा पाएँगे।
3. हम दिलचस्पी दिखानेवालों की और सच्चाई में ठंडे पड़ चुके प्रचारकों की कैसे मदद कर सकते हैं, ताकि उन्हें स्मारक से फायदा पहुँचे?
3 दूसरों को स्मारक में आने का न्यौता दीजिए: फरवरी की हमारी राज्य सेवकाई के इंसर्ट में यह घोषणा की गयी थी कि लोगों को इस अहम समारोह का न्यौता देने का एक खास अभियान चलाया जाएगा। क्या आपने इस अभियान में पूरी तरह हिस्सा लेने का इंतज़ाम किया है? क्या आपने जान-पहचानवालों को यह न्यौता देने के लिए सूची बनायी है? क्या आपने उन्हें स्मारक के बारे में बताना शुरू कर दिया है? स्मारक की शाम को समारोह की जगह पर काफी समय पहले पहुँचने की योजना बनाइए, ताकि जिन लोगों को आपने न्यौता दिया है, उनका और साथ ही, दूसरे दिलचस्पी दिखानेवालों का आप स्वागत कर सकें। हो सके तो आप उनके साथ बैठिए और इस बात का ध्यान रखिए कि उनके पास बाइबल और गीत-पुस्तक हो। कलीसिया के दूसरे भाई-बहनों से उन्हें मिलवाइए। समारोह के बाद, अगर वे कुछ सवाल पूछते हैं, तो वक्त निकालकर उनका जवाब दीजिए। उन्हें खास जन भाषण में हाज़िर होने का भी न्यौता दीजिए जो 15 अप्रैल को दिया जाएगा। प्राचीन खासकर इस बात का ध्यान रखेंगे कि ऐसे प्रचारकों को स्मारक और खास जन भाषण का न्यौता दिया जाए, जो सच्चाई में ठंडे पड़ चुके हैं।
4. स्मारक समारोह के बाद, हम लोगों को लगातार आध्यात्मिक तरक्की करने में कैसे मदद दे सकते हैं?
4 दिलचस्पी दिखानेवाले नए लोगों और सच्चाई में ठंडे पड़ चुके प्रचारकों को तरक्की करने में मदद दीजिए: स्मारक का भाषण देनेवाला भाई चंद शब्दों में, बाइबल अध्ययन के इंतज़ाम के बारे में बताएगा और फिर दिलचस्पी दिखानेवाले नए लोगों को उकसाएगा कि वे यहोवा के बारे में लगातार सीखते रहें। आप उस भाई की कही बातों की बिना पर, उन लोगों के सामने यहोवा के बारे में और ज़्यादा सिखाने की पेशकश रख सकते हैं, जिन्हें आपने न्यौता दिया है। अगर वे फिलहाल बाइबल अध्ययन नहीं कर रहे हैं, तो स्मारक के बाद जल्द-से-जल्द उनसे मिलने की कोशिश कीजिए और उन्हें दिखाइए कि मुफ्त बाइबल अध्ययन कैसे चलाया जाता है। आध्यात्मिक तरक्की करने के लिए, उन्हें कलीसिया की सभाओं में हाज़िर होने की भी ज़रूरत है। (इब्रा. 10:24, 25) इस बात को मन में रखते हुए, उन्हें बढ़ावा दीजिए कि वे लगातार सभाओं में आना शुरू कर दें। प्राचीनों को सच्चाई में ठंडे पड़ चुके उन भाई-बहनों से मुलाकात करनी चाहिए, जो स्मारक में हाज़िर हुए थे। और उन्हें स्मारक के भाषण में बताए मुद्दों पर और भी गहराई से सोचने में मदद देनी चाहिए। इससे उन्हें कलीसिया के साथ मिलकर दोबारा अपनी सेवा शुरू करने का हौसला मिल सकता है।
5. स्मारक मनाने से हमें क्या फायदा हो सकता है?
5 स्मारक समारोह हमें इस बात पर गंभीरता से सोचने का मौका देता है कि यहोवा और यीशु ने हमारी खातिर क्या किया है। इस तरह के मनन से, उनके लिए हमारा प्यार और भी गहरा होता है, साथ ही इसका हमारे चालचलन पर अच्छा असर होता है। (2 कुरि. 5:14, 15; 1 यूह. 4:11) इसलिए यही वक्त है कि हम खुद को और दिलचस्पी दिखानेवाले दूसरे लोगों को इस खास अवसर के लिए तैयार करें, जिस दौरान हम ‘प्रभु की मृत्यु का प्रचार’ करेंगे।—1 कुरि. 11:26.