घोषणाएँ
◼ मार्च के लिए साहित्य पेशकश: बाइबल सिखाती है किताब पेश कीजिए और बाइबल अध्ययन शुरू करने की खास कोशिश कीजिए। इस किताब के साथ-साथ ट्रैक्ट, क्या आप बाइबल के बारे में और ज़्यादा जानना चाहते हैं? भी पेश कीजिए। अप्रैल और मई: प्रहरीदुर्ग और सजग होइए! पत्रिकाएँ। दिलचस्पी दिखानेवालों से वापसी भेंट करते वक्त, नयी किताब बाइबल असल में क्या सिखाती है? पेश करने पर खास ध्यान दीजिए। साथ ही, उन लोगों से मुलाकात करने पर भी यह किताब दीजिए, जो स्मारक और/या दूसरे मौकों पर तो हाज़िर होते हैं, मगर कलीसिया के साथ नियमित तौर पर संगति नहीं करते। इस किताब को पेश करने का मकसद होना चाहिए, बाइबल अध्ययन शुरू करना। जून: सिरजनहार (अँग्रेज़ी) किताब या पारिवारिक सुख का रहस्य किताब पेश कीजिए।
◼ प्रहरीदुर्ग और सजग होइए! के नए अंक मिलते ही, कलीसियाओं को इन्हें भाई-बहनों को दे देना चाहिए। इससे वे प्रचार में पत्रिकाएँ पेश करने से पहले इनमें दी जानकारी से खुद वाकिफ हो सकेंगे।
◼ अगर कलीसिया का कोई प्रचारक विदेश जाता है, तो उसकी सेवा समिति को फौरन शाखा दफ्तर को इस बारे में इत्तला कर देना चाहिए। समिति के प्राचीनों को प्रचारक की नयी जगह का पता और फोन नंबर देना चाहिए और हो सके तो उस कलीसिया का नाम भी जिसके साथ वह संगति करेगा। इसके अलावा, प्रचारक रिकॉर्ड कार्ड और परिचय पत्र भी शाखा दफ्तर को भेज देना चाहिए, ताकि शाखा दफ्तर ये सभी कागज़ात उस शाखा दफ्तर को भेज सके, जिसकी निगरानी में वह जगह आती है जहाँ प्रचारक जा रहा है। सेवा समिति को प्रचारक की नयी कलीसिया से गुज़ारिश आने तक इंतज़ार नहीं करना चाहिए, बल्कि ये सारी जानकारी जल्द-से-जल्द शाखा दफ्तर को भेज देनी चाहिए। (मार्च 1991 की हमारी राज्य सेवकाई में प्रश्न बक्स देखिए।) परिचय पत्र के बारे में जानकारी के लिए, सभी प्राचीनों के निकायों को भेजी जुलाई 1, 2006 की चिट्ठी देखिए।
◼ प्रमुख अध्यक्ष या उसके ठहराए किसी भाई को दिसंबर, जनवरी और फरवरी के महीनों के लिए कलीसिया के हिसाब-किताब की लेखा जाँच करनी चाहिए। फिर अगली बार कलीसिया का हिसाब-किताब पढ़कर सुनाने के बाद, लेखा जाँच किए जाने की घोषणा कीजिए।—कलीसिया के हिसाब-किताब की हिदायतें (S-27) देखिए।
◼ दोबारा उपलब्ध प्रकाशन:
यहोवा के भजन गाओ—सिर्फ गीत के बोल —मलयालम
संतोष से भरी ज़िंदगी—कैसे हासिल की जा सकती है —तमिल, मलयालम, हिंदी
जागते रहो! —अँग्रेज़ी, असमी, कन्नड़, गुजराती, तमिल, तेलगू, बंगाली, मराठी, मलयालम, हिंदी
ख़ुदा की राहनुमाई—हमारे लिए फ़िरदौस की राह —उर्दू
परमेश्वर हमसे क्या माँग करता है? —उर्दू
बहुत जल्द सारे दुःख दूर होनेवाले हैं! (ट्रैक्ट नं. 27) —उर्दू