घोषणाएँ
◼ मई के लिए साहित्य पेशकश: प्रहरीदुर्ग और सजग होइए! पत्रिकाएँ। दिलचस्पी दिखानेवालों से वापसी भेंट करते वक्त, बाइबल असल में क्या सिखाती है? किताब पेश करने पर खास ध्यान दीजिए। साथ ही, उन लोगों से मुलाकात करने पर भी यह किताब दीजिए, जो स्मारक और/या दूसरे मौकों पर तो हाज़िर होते हैं, मगर कलीसिया के साथ नियमित तौर पर संगति नहीं करते। इस किताब को पेश करने का मकसद होना चाहिए, बाइबल अध्ययन शुरू करना। जून: पारिवारिक सुख किताब पेश कीजिए। जुलाई और अगस्त: नीचे दिए 32-पेज के ब्रोशरों में से कोई भी दिया जा सकता है: क्या आपको त्रियेक में विश्वास करना चाहिए?, क्या परमेश्वर वास्तव में हमारी परवाह करता है?, जब आपका कोई अपना मर जाए, जागते रहो!, जीवन का उद्देश्य क्या है?—आप इसे कैसे पा सकते हैं?, मरने पर हमारा क्या होता है? (अँग्रेज़ी), और वह शासन जो प्रमोदवन लाएगा।
◼ अगर कोई ज़िला अधिवेशनों में दुनिया-भर में होनेवाले काम के लिए चेक या डिमांड ड्राफ्ट के ज़रिए दान देता है, तो चेक या डिमांड ड्राफ्ट “Watch Tower Bible and Tract Society of India” को बैंगलोर में देय किया जाना चाहिए। ऐसा उस वक्त भी किया जाना चाहिए, जब कोई सीधे शाखा दफ्तर को चेक या डिमांड ड्राफ्ट भेजता है।
◼ प्राचीनों के निकायों के लिए ज़रूरी है कि वे जुलाई 6, 2006 के खत पर दोबारा विचार करें, जिसमें यह बताया गया था कि विपत्ति का सामना करने के लिए क्या तैयारी की जानी चाहिए। साथ ही, उन्हें यह भी पक्का करना चाहिए कि उनके पास हरेक प्रचारक का मौजूदा पता और फोन नंबर हो। जिन इलाकों में कुदरती आफतों का आना आम है, वहाँ के प्राचीनों को प्रचारकों से उनके एक ऐसे रिश्तेदार या दोस्त का नाम और फोन नंबर भी लेना चाहिए, जिससे मुसीबत की घड़ी में संपर्क किया जा सके। बेशक, प्रचारकों को विपत्ति के समय अपने कलीसिया पुस्तक अध्ययन अध्यक्ष या किसी दूसरे प्राचीन से संपर्क करना चाहिए। लेकिन अच्छा होगा अगर प्रचारक उस वक्त भी अध्यक्ष को इत्तला करें, जब वे लंबे समय के लिए शहर से बाहर जाते हैं। जैसे, छुट्टियों के लिए, कारोबार के सिलसिले में, या जब वे अस्पताल में भर्ती होते हैं वगैरह।
◼ उपलब्ध नए प्रकाशन:
“सम्पूर्ण पवित्रशास्त्र”—सच्चा और फायदेमंद, ब्रोशर 2 (इसका इस्तेमाल सन् 2007 के परमेश्वर की सेवा स्कूल में किया जाएगा) —कन्नड़, तेलगू, हिंदी