हम खुद को खुशी-खुशी यहोवा की सेवा में लगाते हैं!
प्रेरित पौलुस ने अपनी मसीही सेवा को पूरा करने के लिए, खुद को खुशी-खुशी “खर्च” कर दिया। (2 कुरि. 12:15) उसी तरह, आज बहुत-से मसीही अपनी पायनियर सेवा में कड़ी मेहनत करते हैं। दूसरे, जिनके पास परिवार की भारी ज़िम्मेदारियाँ हैं, अपने कामों से समय निकालकर हर हफ्ते प्रचार के लिए जाते हैं। इसके अलावा, कुछ ऐसे भी भाई-बहन हैं जिन्हें सेहत से जुड़ी गंभीर समस्याएँ हैं। फिर भी, उनमें जो थोड़ी-बहुत ताकत होती है, वे उसे राज्य के कामों को आगे बढ़ाने में खर्च करते हैं। यह देखकर हमारा क्या ही हौसला बढ़ता है कि यहोवा के सब लोग खुद को उसकी सेवा में लगा रहे हैं, फिर चाहे वे किसी भी उम्र के हों या उनके हालात जैसे भी हों!
2 पड़ोसियों के लिए प्यार: जब हम यहोवा की सेवा में अपना भरसक करते हैं, साथ ही उसके और पड़ोसियों के लिए अपना प्यार ज़ाहिर करते हैं, तो हमारा विवेक शुद्ध बना रहता है। पौलुस ने सुसमाचार सुनाने में इस कदर खुद को लगा दिया कि वह खुशी-खुशी कह सका: “मैं आज के दिन तुम से गवाही देकर कहता हूं, कि मैं सब के लोहू से निर्दोष हूं।” (प्रेरि. 20:24, 26; 1 थिस्स. 2:8) अपने हालात के मुताबिक, अगर हम प्रचार काम में ज़्यादा-से-ज़्यादा हिस्सा लें, तो हम दूसरों के खून के दोषी होने से बचे रहेंगे।—यहे. 3:18-21.
3 जब हम दूसरों की मदद करने में खुद को लगा देते हैं, तो इससे हमें खुशी मिलती है। (प्रेरि. 20:35, ईज़ी-टू-रीड वर्शन) एक भाई ने कहा: “दिन-भर यहोवा की सेवा करके जब शाम के वक्त, मैं अपने घर लौटता हूँ, तो बेशक थकान महसूस करता हूँ। मगर मैं खुश होता हूँ और यहोवा का धन्यवाद करता हूँ कि उसने मुझे ऐसी खुशी दी है जिसे कोई मुझसे छीन नहीं सकता।”
4 परमेश्वर के लिए प्यार: यहोवा की सेवा में खुद को लगा देने की सबसे बड़ी वजह यह है कि इससे हम स्वर्ग में रहनेवाले अपने पिता को खुश करते हैं। परमेश्वर के लिए प्यार, हमें उसकी आज्ञाओं को मानने के लिए उकसाता है। और इन आज्ञाओं में प्रचार करने और चेला बनाने की आज्ञा भी शामिल है। (1 यूह. 5:3) यहोवा की खातिर, हम इस काम में आनंद के साथ कड़ी मेहनत करते हैं। हम ऐसा उस वक्त भी करते हैं, जब लोग कोई दिलचस्पी नहीं दिखाते या हमारा विरोध करते हैं।
5 आज हम जिस दौर में जी रहे हैं, उसे आध्यात्मिक कटनी का दौर कहा गया है। इसलिए यह हाथ ढीले करने का वक्त नहीं है। (मत्ती 9:37) आम तौर पर एक किसान कटनी के समय, काफी देर तक काम करता है। क्योंकि वह जानता है कि उसे कम समय के अंदर सारी फसल काटकर इकट्ठा करनी है, वरना वह सड़ जाएगी। उसी तरह, आध्यात्मिक कटनी के लिए भी कम समय ठहराया गया है। इसलिए आइए हम प्रचार काम में जी-जान से मेहनत करते रहें।—लूका 13:24; 1 कुरि. 7:29-31.